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भारत
राजनीति
भारत की भूटान नीति और चीन का भय
Interview with आनंद स्वरुप वर्मा
03 Aug 2017
Interviewed by प्रांजल, Produced by न्यूज़क्लिक

चीन और भारत दोनों देशों में उच्च राजनयिक स्तर पर हलचल दिखायी दे रही है। तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि समस्या का समाधान बातचीत के जरिए संभव है क्योंकि अगर युद्ध जैसी स्थिति ने तीव्र रूप लिया तो इससे दोनों देशों को नुकसान होगा। शुरुआती चरण में रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे अरुण जेटली ने जो बयान दिया कि ‘‘यह 1962 का भारत नहीं है’’ और फिर जवाब में चीन ने अपने सरकारी मुखपत्र में जो भड़काऊ लेख प्रकाशित किए उससे स्थिति काफी विस्फोटक हो गयी थी लेकिन समूचे मामले पर जो अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया दिखायी दे रही है उससे भारत को एहसास होने लगा है कि अगर तनाव ने युद्ध का रूप लिया तों कहीं भारत अलगाव में न पड़ जाए और यह नुकसानदेह न साबित हो।

 

चाइना
भूटान

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License