NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पाकिस्तान
भारत की नागरिकता दो या वापस भेजो : पूर्व कश्मीरी आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियों की मांग
‘‘हम कुल 350 महिलाएं हैं...हमें यहां का नागरिक बनाया जाए, जैसा किसी भी देश में पुरुषों के साथ विवाह करने वाली महिलाओं के साथ होता है। हम भारत सरकार और राज्य सरकार से अपील करती हैं कि या तो हमें पासपोर्ट प्रदान किया जाए या वापस जाने के लिए यात्रा दस्तावेज प्रदान किया जाए।’’
भाषा
12 Jul 2019
फाइल फोटो
फाइल फोटो। साभार : Hindustan

श्रीनगर : नियंत्रण रेखा के उस पार से एक पुनर्वास योजना के तहत वापस आये पूर्व कश्मीरी आतंकवादियों की पाकिस्तानी पत्नियों ने शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की कि उन्हें या तो भारतीय नागरिकता प्रदान की जाए या वापस भेज दिया जाए।

उन महिलाओं में शामिल ऐबटाबाद की रहने वाली तैयबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कुल 350 महिलाएं हैं...हमें यहां का नागरिक बनाया जाए, जैसा किसी भी देश में पुरुषों के साथ विवाह करने वाली महिलाओं के साथ होता है। हम भारत सरकार और राज्य सरकार से अपील करती हैं कि या तो हमें पासपोर्ट प्रदान किया जाए या वापस जाने के लिए यात्रा दस्तावेज प्रदान किया जाए।’’

महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एस पी मलिक के साथ ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के हस्तक्षेप की मांग की जिससे उनका दिक्कत दूर हो सके।

इन महिलाओं ने संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों से भी अपील की कि वे उनके मामले को भारत और पाकिस्तान के साथ उठायें।

महिलाओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार उन्हें पाकिस्तान या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अपने परिवार से मुलाकात करने के लिए यात्रा दस्तावेज मुहैया कराने से इनकार कर रही है।

ये महिलाएं इससे पहले अपनी मांगें पूरी कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते पहले भी प्रदर्शन कर चुकी हैं।     

उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू कश्मीर की तत्कालीन राज्य सरकार ने 2010 में कश्मीर के उन पूर्व आतंकवादियों के लिए एक पुनर्वास नीति की घोषणा की थी जो 1989 से 2009 के बीच पाकिस्तान चले गए थे। तत्कालीन सरकार ने उनकी वापसी के लिए चार बिंदु निर्धारित किये थे जिनमें वाघा अटारी, सलामबाद, चकन दा बाग और दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शामिल था।

नेपाल के रास्ते को गैर आधिकारिक रूप से मंजूर किया गया था।

बताया जाता है कि हथियारों के प्रशिक्षण के लिए नियंत्रण रेखा पार करके उस ओर गए सैकड़ों व्यक्ति 2016 तक अपने परिवार के साथ नेपाल सीमा के रास्ते वापस आये। उसके बाद केंद्र ने इस नीति को बंद कर दिया।

Jammu and Kashmir
Kashmir crises
Pakistan
Ex-terrorists
Women Rights

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय

यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा

आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद


बाकी खबरें

  • starbucks
    सोनाली कोल्हटकर
    युवा श्रमिक स्टारबक्स को कैसे लामबंद कर रहे हैं
    03 May 2022
    स्टारबक्स वर्कर्स यूनाइटेड अमेरिकी की प्रतिष्ठित कॉफी श्रृंखला हैं, जिसकी एक के बाद दूसरी शाखा में यूनियन बन रही है। कैलिफ़ोर्निया स्थित एक युवा कार्यकर्ता-संगठनकर्ता बताते हैं कि यह विजय अभियान सबसे…
  • प्रबीर पुरकायस्थ, टी के अंजलि
    कोयले की किल्लत और बिजली कटौती : संकट की असल वजह क्या है?
    03 May 2022
    मौजूदा संकट, बिजली क्षेत्र में सुधारों की बुनियादी विचारधारा का ही नतीजा है, जहां 400 गीगावाट की स्थापित बिजली क्षमता के होते हुए भी, इससे आधी शीर्ष मांग पूरी करना भी संभव नहीं हो रहा है।
  • आज का कार्टून
    मंज़र ऐसा ही ख़ुश नज़र आए...पसमंज़र की आग बुझ जाए: ईद मुबारक!
    03 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान के साथ हम सब इस ईद पर यही चाहते हैं कि मंज़र ऐसा ही ख़ुश नज़र आए...पसमंज़र की आग बुझ जाए।
  • विजय विनीत
    बनारस में हाहाकारः पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में पीने के पानी के लिए सब बेहाल
    03 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्टः  बनारस में पानी की आफत को देखते हुए एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने मांग की है कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए बनारस शहर में आपातकाल घोषित किया जाए और पानी की विलासिता पर रोक लगाई जाए।…
  • अखिलेश अखिल
    ढहता लोकतंत्र : राजनीति का अपराधीकरण, लोकतंत्र में दाग़ियों को आरक्षण!
    03 May 2022
    आजादी के अमृतकाल की दुदुम्भी और शंखनाद से इतर जब राजनीति के अपराधीकरण पर हम नजर डालते हैं तो शर्म से सिर झुक जाता है। जो सदन कभी जनता के सवालों पर गूंजता था,एक से बढ़कर एक वक्ताओं के ऐतिहासिक भाषणों…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License