NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार चुनाव: आरजेडी, कांग्रेस, वाम दलों के बीच सीटों का बंटवारा
आरजेडी के तेजस्वी यादव और सीपीआई (एमएल) के दीपंकर भट्टाचार्य के बीच जारी बातचीत अंततः गुरुवार की देर रात जाकर एक समझौते के साथ खत्म हुई।
मो. इमरान खान
03 Oct 2020
 तेजस्वी

पटना: वाम दलों सहित मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के सहयोगी दलों ने आखिरकार बिहार विधानसभा चुनावों के लिए आपस में सीटों के बँटवारे के मुद्दे पर समझौता कर लिया है, जो कि एक महीने से भी कम समय के भीतर संपन्न होने जा रहे हैं।

महागठबंधन वाले इस सीट बंटवारे के तहत कुल 243 विधासभा सीटों में से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) 146 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं कांग्रेस 68 सीटों एवं वाम दल 29 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही आरजेडी ने तय किया है कि वह अपने कोटे में हासिल सीटों में से मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी को सीटें साझा करेगी, जो खुद को मल्लाह (नाविकों-मछुआरों) के पुत्र के तौर पर प्रोजेक्ट करते आये हैं। इसी प्रकार झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को भी आरजेडी अपने खाते में आई सीटों में से सीट मुहैया कराएगी।

महागठबंधन के बीच होने वाली इस बहुप्रतीक्षित सीट समझौते वाली डील बृहस्पतिवार की शाम तक एक बड़े गतिरोध में फंसी जान पड़ रही थी।

राजद नेता शक्ति सिंह यादव के अनुसार अगले एक-दो दिनों के भीतर संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के जरिये सीटों के बंटवारे को लेकर औपचारिक घोषणा कर दी जायेगी। उन्होंने बताया “अंततः हम एक समझौते पर पहुँच चुके हैं। महागठबंधन में शामिल सभी सहयोगियों ने सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है।”

यह वार्ता बृहस्पतिवार की देर रात तक जारी रही और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की राजनीतिक परिपक्वता के चलते यह यह समझौता अपने अंतिम मुकाम तक पहुँच सका। सूत्रों के मुताबिक इसी प्रकार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी की और से भी इस सम्बंध में सीधे हस्तक्षेप किया गया था, जिन्होंने बृहस्पतिवार की रात को दिल्ली स्थित कांग्रेस और आरजेडी नेताओं के साथ वार्ता की थी।

इस सम्बंध में कांग्रेस नेताओं का कहना था कि राजद के साथ हुए सीटों के बँटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है और एक बार पार्टी हाईकमान से इस फार्मूले पर मंजूरी मिल जाने के बाद इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

सीट-बंटवारे के फार्मूले के अनुसार वाम दलों में से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) छह सीटों एवं भाकपा- माले यानी सीपीआई (एमएल) कुल 19 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन को परास्त करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए वाम दल लगातार महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। 

सीपीआई (एमएल) नेता धीरेन्द्र झा ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया कि उनकी पार्टी सिवान, भोजपुर और पटना जिलों की तीन-तीन सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, जहाँ पर परम्परागत तौर पर इसके पास मजबूत आधार-क्षेत्र हैं। इसके अतिरिक्त अन्य जिलों में पार्टी उन सीटों पर लड़ने जा रही है, जहाँ पर पार्टी का भूमिहीन किसानों, छोटी जोत वाले कृषकों, सर्वहारा एवं वंचित तबकों के बीच में सामाजिक समर्थन हासिल है।

पूर्व में आरजेडी के 12 सीटों से अधिक न दिए जाने के रुख के चलते नाखुश और निराश चल रहे सीपीआई(एमएल) ने चुनावों के लिए बुधवार के दिन अपने 30 प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी कर दी थी, और अकेले ही इन चुनावों में जाने के अपने फैसले के संकेत दे दिए थे।

लेकिन तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को इस सम्बंध में अपने दल के शीर्ष नेतृत्व से सीटों के बंटवारे को लेकर सीपीआई (एमएल) से एक बार फिर से वार्ता करने के लिए कहा। दो दौर की वार्ता के बाद आरजेडी नेताओं ने बृहस्पतिवार की रात सीपीआई(एमएल) नेता भट्टाचार्य को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी एवं तेजस्वी यादव के आधिकारिक निवास पर वार्ता के लिए आमंत्रित किया। झा के अनुसार “दोनों पार्टी नेताओं के बीच इस सम्बंध में घंटों बातचीत का दौर चला और आख़िरकार सीटों के बंटवारे को लेकर आम सहमति बनी।”

वर्तमान में सीपीआई (एमएल) के पास विधानसभा में तीन विधायक हैं और राज्यभर के एक दर्जन से ऊपर जिलों में तकरीबन चार दर्जन विधानसभा सीटों पर पार्टी का मजबूत आधार है। शुरू-शुरू में पार्टी 53 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक थी लेकिन बाद में अपने रुख में परिवर्तन करते हुए उसने कम से कम 20 सीटों पर चुनाव लड़ने की माँग की थी।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार इस सप्ताह की शुरुआत में आरजेडी एवं सीपीआई (एमएल) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही वार्ता बिना किसी नतीजे पर पहुंचकर खत्म हो गई थी। सीपीआई (एमएल) अपने मजबूत गढ़ भोजपुर जिले की जगदीशपुर, सन्देश और आरा सीटों सहित पटना जिले में पालीगंज, औरंगाबाद में ओबरा और सिवान जिले की दो सीटों पर अपने दावे को छोड़ने को तैयार नहीं थी।

सूत्रों के मुताबिक आरजेडी ने सीपीआई (एम) को चार सीट और सीपीआई को छह सीट देने पर अपनी रजामंदी दे दी है।

2015 के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान यहाँ पर राजनीतिक हालात भिन्न थे। तब आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उन्होंने जीत हासिल की थी और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को हार का मुहँ देखना पड़ा था। लेकिन 2017 में नीतीश कुमार ने आरजेडी से पल्ला झाड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया और सरकार का गठन किया जो आज तक जारी है।

हालाँकि इस बीच नीतीश कुमार की लोकप्रियता में लगातार गिरावट का रुख जारी है, और लोग उनकी सरकार के काम-काज से नाराज और परेशान हैं। हर तरफ सत्ता विरोधी लहर दिख रही है और आम लोग अपने गुस्से का इजहार सड़कों पर प्रदर्शित करते नजर आ रहे हैं। इसी प्रकार बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, प्रवासियों की घर वापसी और नए कृषि कानून जैसे मुद्दे शर्तिया तौर पर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए को इन चुनावों में प्रभावित करने जा रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि वाम दलों के साथ किये गए इस महागठबंधन के चलते इन चुनावों में एनडीए को वास्तविक राजनीतिक चुनौती मिलने जा रही है, क्योंकि हर किसी को प्रभावित करने वाले मुद्दों को ये दल उठाते आ रहे हैं। आरजेडी, कांग्रेस और वाम दल बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाते रहे हैं। आरजेडी और कांग्रेस दोनों ही दलों को उनके द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए चलाए जा रहे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अप्रत्याशित प्रतिक्रिया देखने को मिली है। 10 लाख से भी अधिक बेरोजगार युवाओं ने खुद को आरजेडी की ओर से 5 सितंबर को जारी किये गए एक टोल-फ्री नंबर पर पंजीकृत किया है। इसी प्रकार चार लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं ने खुद को बिहार प्रदेश यूथ कांग्रेस (बीपीवाईसी) द्वारा जारी पोर्टल पर पंजीकृत कराया है।

महागठबंधन जनता के बीच गुंजायमान शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढाँचे की बदहाल हालत एवं बाढ़ पीड़ितों के मुद्दों को भी उठाती रही है।  

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Bihar Elections: RJD, Congress, Left Parties Clinch Seat Sharing Pact

Bihar Elelctions
Grand Alliance
Seat-Sharing Deal
left parties
Bihar Opposition
Nitish Government
Bihar NDA

Related Stories

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे

कोलकाता : वामपंथी दलों ने जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चलने और बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ निकाला मार्च

जहांगीरपुरी हिंसा: वाम दलों ने जारी की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट

जहांगीरपुरी हिंसा: वाम दलों ने जारी की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट, पुलिस की भूमिका पर सवाल

पटनाः डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ ऑटो चालकों की हड़ताल

यूपी से लेकर बिहार तक महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की एक सी कहानी

केवल शराबबंदी नहीं, बल्कि बिहार की प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ाने से शराब की लत से मिलेगा छुटकारा 


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License