NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार चुनाव: तेजस्वी के नेतृत्व वाले महागठबंधन की 20 सीटों पर फिर से मतगणना की मांग
चुनाव नतीजे के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में राजद नेता ने डाक मतपत्रों के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर इन मतपत्रों को "रद्द" ही किया जाना था, तो फिर उनका इस्तेमाल ही क्या रह जाता है।
मोहम्मद इमरान खान
13 Nov 2020
 तेजस्वी

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की क़रीबी मुक़ाबले में हार के दो दिन बाद राजद नेता, तेजस्वी यादव ने गुरुवार को 20 सीटों पर फिर से मतगणना कराने की मांग की। तेजस्वी ने पूछा कि रिटर्निंग ऑफ़िसरों ने सैकड़ों की संख्या में पोस्टल बैलेट क्यों रद्द किये। उन्होंने कहा, "हम कम से कम 20 सीटों पर फिर से मतगणना की मांग करते हैं।"

चुनाव नतीजे के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में राजद नेता ने डाक मतपत्रों के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर इन मतपत्रों को "रद्द" ही किया जाना था, तो फिर उनका इस्तेमाल ही क्या रह जाता है।

पिछले दो दिनों में राजद नेताओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय(CMO) पर मतदान प्रक्रिया में शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) ने पूरे बिहार के ज़िलाधिकारियों को डाक मतपत्रों में हेरफेर करने और महागठबंधन,ख़ास तौर पर राजद उम्मीदवारों को हराने का निर्देश दिया।

राजद के विधायकों ने गुरुवार को राजद विधायक दल के नेता के रूप में तेजस्वी यादव का चुनाव किया, जिसके बाद सभी सहयोगी दलों- राजद, कांग्रेस और वाम दलों की एक संयुक्त बैठक हुई, जिसे तेजस्वी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा, “जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, यह जनादेश बदलाव के लिए था। हालांकि, एनडीए इस प्रक्रिया में हेरफेर करने में कामयाब रहा और अब वह सरकार बनायेगा। नीतीश कुमार में नैतिकता नहीं बची है, अगर थोड़ी भी नैतिकता बची है,तो उन्हें कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।”

तेजस्वी ने राज्य में रोज़गार और बेरोज़गारी के अपने एजेंडे का समर्थन करने वाले लोगों तक पहुंचने के लिए धन्यवाद यात्रा की घोषणा की। 32 साल के तेजस्वी चुनाव अभियान में महागठबंधन की तरफ़ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे, उन्हें जल्द ही महागठबंधन विधायक दल के नेता चुने जाने की संभावना है।

इस बीच कांग्रेस इन चुनावों में अपने 'ख़राब प्रदर्शन' को लेकर आलोचना की ज़द में आ गयी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, तारिक़ अनवर की तरफ़ से इस ख़राब प्रदर्शन का ज़िक़्र करने के बाद भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी भाकपा माले के महासचिव, दीपांकर भट्टाचार्य ने एक क़रीबी मुक़ाबले में गठबंधन की हार के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया है।

हालांकि राजद 75 सीटों के साथ बिहार में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन महागठबंधन कुछ ही सीटों से सत्ता हासिल करने से चूक गया। सत्तारूढ़ एनडीए ने 125 सीटें जीतीं।

भाकपा माले नेता ने कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस की स्ट्राइक रेट बहुत ख़राब थी; पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ़ 19 सीटें ही जीत पायीं। उन्होंने कहा,"अब यह साफ़ हो गया है कि अगर राजद और वामपंथी दलों ने कांग्रेस की जगह कुछ और सीटों पर चुनाव लड़ा होता, तो हम ज़्यादा (सीटें) जीत सकते थे।"

माले ने 12 सीटें जीतीं और सीपीआई (एम) और सीपीआई ने दो-दो सीटें जीतीं हैं। वाम दलों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 16 सीटें जीतीं। दूसरी तरफ़, इन पार्टियों के बीच संसाधन के अंतर होने के बावजूद, कांग्रेस ने ख़राब प्रदर्शन किया।

गुरुवार को ट्वीटों की एक श्रृंखला में कांग्रेस महासचिव तारिक़ ने इस हार के लिए अपनी ही पार्टी को दोषी ठहराया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “हमें इस हक़ीक़त को मान लेना चाहिए कि हमारा प्रदर्शन ख़राब था, राजद और वाम दलों ने हमसे बेहतर प्रदर्शन किया। अगर हमने उनकी तरह प्रदर्शन किया होता, तो बिहार में महागठबंधन की सरकार होती। बिहार की जनता बदलाव चाहती थी। बिहार में एआईएमआईएम का दाखिल होना अच्छा संकेत नहीं है। ।

तारिक़ ने आत्मनिरीक्षण की ज़रूरत और चुनाव में इस प्रदर्शन की समीक्षा पर ज़ोर दिया।

इससे पहले एक अन्य कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने पार्टी के इस प्रदर्शन के लिए बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष, मदन मोहन झा द्वारा टिकट वितरण को ज़िम्मेदार ठहराया। मिश्रा ने आलाकमान से झा को हटाकर राज्य में कांग्रेस पार्टी को बचाने का आह्वान किया, मिश्रा ने झा को "अक्षम" बताया।

हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद, अखिलेश सिंह ने यह कहते हुए इस मामले की अहमियत को कम करने की कोशिश करते हुए कहा कि पार्टी को ऐसी सीटें आवंटित की गयी, जिस पर जीत नहीं मिल सकी।

कांग्रेस बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में चुनाव में हुए नुकसान के लिए असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को ज़िम्मेदार ठहराती रही है। एआईएमआईएम ने पहली बार पांच सीटे जीतीं हैं, यह महागठबंधन के लिए यह एक बड़ा झटका है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Bihar Elections: Tejashwi-Led Mahagathbandhan Demands Recount in 20 Seats

Bihar Elections
Grand Alliance
RJD
left parties
CPIM
CPIML
CPI
Bihar
Tejashwi Yadav
Nitish Kumar

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License