NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
समाज
भारत
राजनीति
चेन्नई क्लब मामला : LGBTQ समुदाय पर हमलों की एक और कहानी 
चेन्नई के एक क्लब से दो महिलाओं को ये कह कर निकाल दिया गया कि वो बाक़ी लोगों को असहज महसूस करवा रही थीं। हालांकि, आज देश से धारा 377 हट चुकी है, लेकिन ऐसे मसलों पर हमारे आदर्श समाज की "असहजता" और हिंसा ख़त्म होने में बहुत वक़्त बाक़ी है। 
सत्यम् तिवारी
02 Aug 2019
chennai club case

29 जुलाई को चेन्नई की एक महिला, रसिका गोपालकृष्णन ने The Slate Hotels पर इल्ज़ाम लगाया कि होटल ने उन्हें और उनकी प्रेमिका शिवांगी सिंह को होटल से ये कह कर निकाल दिया कि वो होटल में मौजूद अन्य लोगों को "असहज" कर रही थीं। रसिका और शिवांगी ने इस घटना को queer community (LGBTQ) पर हमला बताया है। 

क्या है पूरा मामला? 
ये घटना The Slates Hotel के क्लब की है। रसिका के फ़ेसबुक पोस्ट के मुताबिक़ वो, और उनकी प्रेमिका शिवांगी 28जुलाई, शनिवार को चेन्नई के The Slate Hotels में गई थीं। वे दोनों डांस फ्लोर पर थीं, और 4-5 मर्द उन्हें घूर रहे थे और उनको असहज महसूस करवा रहे थे। उन मर्दों का ये घूरना जब वो बाथरूम गईं तब तक जारी रहा। जब वो दोनों बाथरूम में थीं, तब 4 मर्द बाउंसर और एक महिला बाउंसर, आए और उन्हें बाथरूम से बाहर निकाला। दोनों महिलाओं से पूछा गया कि वो बाथरूम में क्या कर रही थीं, और कहा गया कि वो "कुछ और" कर रही थीं। होटल के स्टाफ़ ने कहा कि उनके पास दोनों महिलाओं के ख़िलाफ़ कई शिकायतें आई हैं। उसके बाद उनसे क्लब से जाने को कहा गया, और वो दोनों चली गईं।

 रसिका ने अपने फ़ेसबुक पोस्ट में सवाल किया है, कि उनकी ग़लती क्या थी? क्या उन्होंने किसी को नुक़सान पहुंचाया?क्या किसी को चोट पहुंचाई?

इसके बाद जब होटल के मैनेजर से बात की गई, तो मैनेजर ने कहा कि वो दोनों डांस फ्लोर पर "makeout” कर रही थीं और लोगों को "असहज" कर रही थीं। जब मैनेजर से फुटेज दिखाने को कहा गया, तो उसने इंकार कर दिया। रसिका और शिवांगी का कहना है, कि फुटेज वाली बात ही झूठ थी, और ये कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया था। शिवांगी ने अपने पोस्ट में ये भी लिखा है कि जब मैनेजर से बात की गई और उसने फुटेज दिखाने की धमकी दी, तो उन्होंने कहा कि वो नीचे आ कर फुटेज देख सकती हैं, और तब मैनेजर ने मना कर दिया।

रसिका की प्रेमिका शिवांगी सिंह ने एक फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा है कि जब "स्ट्रेट" लोग डांस फ्लोर पर एक दूसरे को चूम रहे थे, तब किसी को दिक़्क़त क्यों नहीं हुई? एक ही लिंग के दो लोगों को देख कर ही लोग असहज क्यों हो जाते हैं? 
हम यहाँ आपको रसिका और शिवांगी के फ़ेसबुक पोस्ट दिखा रहे हैं। 

 

रसिका और शिवांगी के ये सवाल जितने जायज़ हैं, उतने ही परेशान करने वाले भी हैं। आज देश में धारा 377 हट चुकी है,और कोई भी अपनी मर्ज़ी से किसी भी लिंग के व्यक्ति के साथ रह सकता है। लेकिन इस घटना को देखते हुए हमारा ध्यान उस तरफ़ जाना चाहिए कि आज भी देश भर में LGBTQ समुदाय के लोगों पर किस क़दर हिंसा की जा रही है। 

हम जिस समाज को सहिष्णु मान कर चल रहे हैं, वो समाज दो प्यार करने वालों को भी चैन से जीने नहीं देना चाहता!
हाल ही में 22 जुलाई को पश्चिम बंगाल में ट्रांस समुदाय की एक महिला को एक भीड़ ने पीट पीट कर मार डाला था। उस पर बच्चा चोरी का इल्ज़ाम लगाया गया था। 

इसके अलावा, दो मर्दों, दो महिलाओं को एक साथ देख कर इस समाज का "असहज" हो जाना भी कोई नई बात नहीं है। 
इसी कड़ी में हाल ही में कैबिनेट के सामने "ट्रान्सजेंडर बिल" भी पेश हो चुका है, जिसको लेकर ट्रांस समुदाय के लोगों में पहले से ही ग़ुस्सा है। 
हालांकि 377 हट चुकी है, लेकिन फिर भी हमारे आदर्श का समाज की ऐसे मुद्दों को ले कर "असहजता" कब दूर होगी, ये बात सोचने वाली है।

LGBTQ Community
Violence
transgender rights bill
LGBTQ
violence against women

Related Stories

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

बांग्लादेश सीख रहा है, हिंदुस्तान सीखे हुए को भूल रहा है

समलैंगिक शादियों की कानूनी मान्यता क्यों ज़रूरी है?

दुनिया की हर तीसरी महिला है हिंसा का शिकार : डबल्यूएचओ रिपोर्ट

हर सभ्यता के मुहाने पर एक औरत की जली हुई लाश और...

समलैंगिक विवाह को हमारा कानून, समाज और मूल्य मान्यता नहीं देते: केंद्र ने अदालत से कहा

धारा-377 को निरस्त करने के दो साल: समाज के पूर्वाग्रहों से अब भी लड़ रहा एलजीबीटी समुदाय

तस्वीर का दूसरा रुख़ : महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा और अपराध का भी गढ़ है परिवार

‘सुशासन राज’ में प्रशासन लाचार है, महिलाओं के खिलाफ नहीं रुक रही हिंसा!

लॉकडाउन में महिलाओं की अनदेखी पर ऐपवा ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License