NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चलो दिल्ली किसान मुक्ति मार्च दिल्ली के राम लीला मैदान से संसद कि ओर शुरू
किसानों ने कल दिन भर पैदल यात्रा करने के बाद रामलीला मैदान में ही रात्री विश्राम किया | अब लाखों किसानों ने रामलीला मैदान संसद की ओर अपना मार्च शुरू कर दिया है |
मुकुंद झा
30 Nov 2018
farmers

इस रैली में देश भर से किसान आये हैं, ये किसान कल गुरुवार को ही देश के अलग हिस्सों से दिल्ली की चारों दिशाओ से दिल्ली के रामलीला मैदान में एकत्रित हुए थे । किसानों ने कल दिन भर पैदल यात्रा करने के बाद रामलीला मैदान में ही रात्री विश्राम किया | अब लाखों किसानों ने रामलीला मैदान संसद की ओर अपना मार्च शुरू कर दिया है |

इससे पहले आज सुबह से किसानो का जोश देखते ही बनता था अलग राज्यों से आए किसान अपने पारंपरिक ड्रेस के साथ अपने पारंपरिक क्रन्तिकारी गाने गा रहे थे | किसानों के जोश को देखकर लग ही नही रहा था कि 36 घंटे का सफर तय करके और कल पूरे दिन पैदल मार्च करके यहाँ पहुँच हैं । उन पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है  |

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए, पंजाब मनसा के 78 वर्षीय छोटा सिंह, कर्नाटक के रंगनाथ के साथ हाथ में हाथ डालकर खड़े "किसान सरकार के चेहरे पर एकजुटता की भावना हमारे संघर्ष को परिभाषित करती है।"

मध्यप्रदेश के आदिवासी किसान ने अपनी पारंपरिक वेश भूषा को धारण कर नृत्य करते हुए व् अपने संगीत के माध्यम से अपने पीड़ा को बताय किस तरह से उनकी जमीनों हड़प के पूंजीपतियों को दी जा रही है । तेलंगाना के किसानों ने अपनी समस्या को दिखाने  के लिए अनोखा ही तरीका अपनाया । यह दिखाने  के लिए कि उनके यहाँ रोज़ी रोटी का संकट है, उन्होने नर कंकालो के साथ अपना विरोध जताया  |


न्यूज़क्लिक से बात करते हुए, महाराष्ट्र के नासिक के देशपांडे ने कहा, "मैंने महाराष्ट्र से किसी  तरह  ट्रेन में 24 घंटों तक यात्रा कर पहुंची हैं । उन्होंने कहा हमारा संकट प्रभावित क्षेत्र है, हमारे पास पानी नहीं है, भोजन नहीं है और नहीं अब और काम करने के लिए ज़मीन, , हम तो केवल तभी खुश होंगे जब हमारी आवाज़ नरेंद्र मोदी के बहरे कानों तक पहुंचेगी। "

कल रात को भी किसानों ने रात भर सांस्कृतिक कार्यकर्म किया । इसमें अलग के प्रगतिशील सांस्कृतिक टीमों ने हिस्सा लिया और उन्हों पूरे रामलीला मैदान में समा बांध दिया था ।  किसान भी इनकी कर्न्तिकारी गीतों पर खुद को झुमने से न रोक सके | हरियाणा से आये किसान अपना हुका पानी सब घर से ही लेकर आये थे वो कल पैदल मार्च में भी हुका पिते हुए आये थे |

किसानों के समर्थन में एम्स ,एमयू के डॉक्टर के इनके साथ देश के अन्य डॉक्टर भी किसनो के आन्दोलन के समर्थन में रामलीला मैदान पहुंचे थे | वो वहां  मैजूद कई बुजुर्ग ,किसानो के साथ ही जिनको किसी भी तरह की बीमारी या कोई और शिकायत थी उसको हल करने की कोशिश कर रहे थे | डॉक्टरों का  कहना था कि वो यहाँ किसी और की नहीं  खुद की मदद करने आये हैं । उन्होंने कहा जब से हम पैदा हुए हैं और अब तक जो भी हमने खाया है इस शरीर का हर हिस्सा किसानों का कर्ज़दार है और जब यह अपना जीवन का संघर्ष कर रहे है तो हम भी उसमें भागीदारी हैं ।

रामलीला  मैदान के आसपास मैजूद सरकारी व निजी ऑफिस के कर्मचारी जो अपने काम  पर जा रहे थे वो भी खुद को किसानो के पास जाने से रोक न सके । कई दिल्ली के शहरी नौजवानों के लिए यह बिलकुल ही अलग अनुभव था ऐसे ही एक नौजवान ने न्यूज़क्लिक  से बात करते हुए बताया कि इस किसानों की रैली में आकर उसने पूरे भारत का दर्शन कर लिया है | उसने कहा उसे यहाँ आकर यह जानने का मौका मिला कि भारत के किसान आज किस पीड़ा में हैं  और यह सरकारें किस प्रकार से इन्हे बार बार मुर्ख बना रही है | अब इनका संघर्ष हमारा भी है |

 

kisan mukti march
AIKS
AIKSCC
farmers protest
BJP government
agrarian crises

Related Stories

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

‘तमिलनाडु सरकार मंदिर की ज़मीन पर रहने वाले लोगों पर हमले बंद करे’

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा

किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा

यूपी चुनाव: नतीजों के पहले EVM को लेकर बनारस में बवाल, लोगों को 'लोकतंत्र के अपहरण' का डर


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License