NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सरकार के खिलाफ शिकायत करने पर 'बाहर' नहीं कर सकते: गुजरात HC ने CAA-NRC प्रदर्शनकारी का बचाव किया
उच्च न्यायालय ने विरोध प्रदर्शन से संबंधित कुछ प्राथमिकी में आरोपी मोहम्मद कलीम सिद्दीकी के खिलाफ बाहर किये जाने के आदेश को रद्द कर दिया है।
सबरंग इंडिया
28 Aug 2021
सरकार के खिलाफ शिकायत करने पर 'बाहर' नहीं कर सकते: गुजरात HC ने CAA-NRC प्रदर्शनकारी का बचाव किया

गुजरात उच्च न्यायालय ने पिछले साल 13 नवंबर को अहमदाबाद शहर के सहायक पुलिस आयुक्त, 'ए' डिवीजन द्वारा पारित एक एक्सटर्न आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत मोहम्मद कलीम सिद्दीकी को कई जिलों- अहमदाबाद (शहर) और ग्रामीण), गांधीनगर, खेड़ा और मेहसाणा से एक वर्ष की अवधि के लिए निर्वासित किया गया था।
 
न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय की एकल पीठ ने पाया कि सिद्दीकी को चार प्राथमिकी के आधार पर बाहर करने का आदेश जारी किया गया था। एक को 21 जनवरी, 2018 को रामोल पुलिस स्टेशन में और दूसरा 19 दिसंबर, 2019 को राखियाल पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इसके अलावा, अदालत ने कहा कि सिद्दीकी के खिलाफ शेष दो प्राथमिकी का उल्लेख एक्सटर्न नोटिस में भी नहीं किया गया था।
 
जस्टिस परेश ने कहा, “बाहरी आदेश चार प्राथमिकी पर आधारित है, जिनमें से दो को नोटिस में भी संदर्भित नहीं किया गया था। इसलिए केवल इसी आधार पर प्रत्यर्पण आदेश को रद्द करने की आवश्यकता है।” उच्च न्यायालय ने कहा कि सिद्दीकी के पक्ष में संतुलन को झुकाने वाले और भी कारक हैं।
 
पीठ ने 2018 की प्राथमिकी का हवाला दिया और कहा कि सिद्दीकी को इस मामले में पहले ही बरी कर दिया गया है। 2019 की प्राथमिकी सिद्दीकी सहित अज्ञात व्यक्तियों की भीड़ के खिलाफ दर्ज की गई थी, जो एनआरसी / सीएए के लिए सरकार की नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। अदालत ने कहा, “नागरिक को सरकार के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए सजा नहीं दी जा सकती है। इस मामले में भी, प्रत्यर्पण आदेश को रद्द करने की आवश्यकता है।"
 
इसने सरकार द्वारा दिए गए इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि दो अन्य प्राथमिकी के विवरण को बाहरी नोटिस में जोड़ने के पीछे का कारण केवल “टाइपोग्राफिक त्रुटि” थी। अदालत ने दर्ज किया, "इस तरह के बचाव को खारिज करने की जरूरत है।" तदनुसार, एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा नवंबर 2020 में पारित किए गए एक्सटर्न आदेश को रद्द कर दिया गया।
 
सीएए-एनआरसी के एक अन्य प्रदर्शनकारी डॉ. कफील खान को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्षों के उत्पीड़न के बाद सभी आपराधिक कार्यवाही से मुक्त कर दिया है। डॉ. खान को न केवल भारतीय दंड संहिता के तहत अभद्र भाषा के लिए बुक किया गया था, बल्कि दिसंबर 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कानून के खिलाफ उनके भाषण के लिए एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया था। लगभग 9 महीने जेल में बिताने के बाद, एनएसए के तहत उनके डिटेंशन आदेश को उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था और बाद में उन्हें सितंबर 2020 में मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया था।

साभार : सबरंग 

CAA
NRC
Gujrat High Court

Related Stories

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

चुनावी वादे पूरे नहीं करने की नाकामी को छिपाने के लिए शाह सीएए का मुद्दा उठा रहे हैं: माकपा

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

लाल क़िले पर गुरु परब मनाने की मोदी नीति के पीछे की राजनीति क्या है? 

शाहीन बाग़ की पुकार : तेरी नफ़रत, मेरा प्यार

दबाये जाने की तमाम कोशिशों के बावजूद भारत का बहुलतावादी लोकतंत्र बचा रहेगा: ज़ोया हसन

उत्तरप्रदेश में चुनाव पूरब की ओर बढ़ने के साथ भाजपा की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं 

योगी की पुलिस कैसे कर रही चुनाव में ग़रीबों से वसूली: एक पड़ताल

सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध जारी 274 भरपाई नोटिस वापस लिए गए: उप्र सरकार


बाकी खबरें

  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति भारत को मध्य युग में ले जाएगी : मनोज झा
    23 Apr 2022
    राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को उस प्राचीन युग में वापस ले जाएगी जब केवल एक विशेष वर्ग वर्चस्व वाले समाज में एकलव्य को दूर में ही खड़ा होकर…
  • राज वाल्मीकि
    फ़ासीवादी व्यवस्था से टक्कर लेतीं  अजय सिंह की कविताएं
    23 Apr 2022
    अजय सिंह हमारे समय के एक बेबाक और बेख़ौफ़ कवि हैं। शायद यही वजह है कि उनकी कविताएं इतनी सीधे सीधे और साफ़ साफ़ बोलती हैं। इन्हीं कविताओं का नया संग्रह आया है—“यह स्मृति को बचाने का वक़्त है”, जिसका…
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    राजनीति की बर्बरता, मेवाणी 'अंदर', फ़ैज़ कविता बाहर
    23 Apr 2022
    देश के अलग-थलग हिस्सो मे अचानक बर्बरता का नंगा नाच क्यो होने लगा ? धर्म और राजनीति का ये कैसा चैहरा है ? इसके अलावा #HafteKiBaat मे मेवाणी की गिरफ्तारी और फ़ैज़ अहमद फैज की कविता को पाठ्यक्रम से…
  • जोए एलेक्जेंड्रा
    वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एकता और उम्मीद की राह दिखाते ALBA मूवमेंट्स 
    23 Apr 2022
    सामाजिक आंदोलनों का यह महाद्वीपीय मंच मौजूदा स्थिति का विश्लेषण करने और अगले दौर को लेकर रणनीतियों को तय करने के लिए अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में अपनी तीसरी महाद्वीपीय सभा का आयोजन करने जा रहा है।
  • रूबी सरकार
    अमित शाह का शाही दौरा और आदिवासी मुद्दे
    23 Apr 2022
    भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बुलाकर मेगा इवेंट किया गया। भोपाल एयरपोर्ट से लेकर भाजपा कार्यालय और जम्बूरी मैदान तक सुरक्षा, सजावट और स्वागत पर करीब 15 करोड़ खर्च किए गए। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License