NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक: ...तुमने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना
“एक आंसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है/ तुम ने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना”, लोगों ने कल एक शेर हक़ीक़त में बदलते देखा। और भी एक शेर है जो सरकार और गोदी मीडिया के अफ़सोस को ज़ाहिर करता है- “थी ख़बर गर्म कि ‘ग़ालिब’ के उड़ेंगे पुर्ज़े/ देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ”
आज का कार्टून
29 Jan 2021
cartoon click

ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक होकर रो देने का वीडियो वायरल होने बाद किसान आंदोलन के पक्ष में जो एक शेर सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा दोहराया गया वो मुनव्वर राना का यही शेर है कि-

एक आंसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है

तुम ने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना

इसी बात को कार्टूनिस्ट इरफ़ान ने अपने कार्टून में रेखांकित किया है।

ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान के पूर्व विधायक अमरा राम ने भी इस शेर को सरकार को चेताते हुए ट्वीट किया।

"एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना"
जय जवान - जय किसान✊✊@RakeshTikaitBKU#FarmersProtest @Kisanektamorcha pic.twitter.com/w4X0AXMps3

— Amra Ram (@comredamraram) January 28, 2021

और इस दौरान गोदी मीडिया के रवैये को देखकर हमें ग़ालिब का ये शेर भी बहुत याद आया –

थी ख़बर गर्म कि ‘ग़ालिब’ के उड़ेंगे पुर्ज़े

देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ

सरकार का दांव उलटा पढ़ गया और 26 जनवरी की घटना के बाद ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर थोड़ा कमज़ोर पड़ता दिख रहा किसान आंदोलन और मज़बूत हो गया। 

cartoon click
Irfan ka cartoon
cartoon
farmers protest
Farm bills 2020
rakesh tikait
Narendra modi
Modi government
Farmers vs Government
AIKS
AIKSCC

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिकों का संघर्ष जारी, 15 महीने से कर रहे प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • असद रिज़वी
    CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा
    06 May 2022
    न्यूज़क्लिक ने यूपी सरकार का नोटिस पाने वाले आंदोलनकारियों में से सदफ़ जाफ़र और दीपक मिश्रा उर्फ़ दीपक कबीर से बात की है।
  • नीलाम्बरन ए
    तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है
    06 May 2022
    रबर के गिरते दामों, केंद्र सरकार की श्रम एवं निर्यात नीतियों के चलते छोटे रबर बागानों में श्रमिक सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं।
  • दमयन्ती धर
    गुजरात: मेहसाणा कोर्ट ने विधायक जिग्नेश मेवानी और 11 अन्य लोगों को 2017 में ग़ैर-क़ानूनी सभा करने का दोषी ठहराया
    06 May 2022
    इस मामले में वह रैली शामिल है, जिसे ऊना में सरवैया परिवार के दलितों की सरेआम पिटाई की घटना के एक साल पूरा होने के मौक़े पर 2017 में बुलायी गयी थी।
  • लाल बहादुर सिंह
    यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती
    06 May 2022
    नज़रिया: ऐसा लगता है इस दौर की रणनीति के अनुरूप काम का नया बंटवारा है- नॉन-स्टेट एक्टर्स अपने नफ़रती अभियान में लगे रहेंगे, दूसरी ओर प्रशासन उन्हें एक सीमा से आगे नहीं जाने देगा ताकि योगी जी के '…
  • भाषा
    दिल्ली: केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद : न्यायालय ने मामला पांच सदस्यीय पीठ को सौंपा
    06 May 2022
    केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License