NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चुनाव 2019: अंतिम अनुमानों के अनुसार बीजेपी होगी पराजित
बीते चुनावों के परिणाम, वर्तमान गठबंधन और मोदी सरकार से असंतोष के माहौल की वजह से ये अनुमान लगाया गया है कि एनडीए 166 सीटों पर जीत हासिल कर पाएगी जबकि कांग्रेस को 200 और अन्य दलों को 175 सीटें हासिल होंगी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 May 2019
BJP Down

अब जबकि कड़वाहट में लड़ा गया 2019 का लोकसभा चुनाव 19 मई को समाप्त होने जा रहा है, न्यूज़क्लिक की डाटा एनालिटिक्स टीम ने विश्लेषण के आधार पर यह अनुमान लगाया है कि संभावित अंतिम परिणाम ये होंगे:

बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को 166 सीटें हासिल होंगी जबकि कांग्रेस के नेत्रत्व वाली यूपीए 200 सीटों पर जीत हासिल करेगी। चुनाव 542 सीटों पर हुए थे, एक सीट वेल्लोर पर चुनाव रद्द कर दिये गए थे।

अन्य पार्टियाँ जो इन गठबंधनों का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें 175 सीटें मिलने का अनुमान है। चूंकि बहुमत के लिए अब 271 सीटों की ज़रूरत है, तो ये संभव है कि यूपीए और यह अन्य दल साथ आ कर गठबंधन की सरकार बनाएँगे, और नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल ख़त्म हो जाएगा।

ये आंकड़े राज्यों के वोटिंग ट्रेंड के विस्त्रत विश्लेषण, वर्तमान गठबंधन और केंद्र और राज्यों में हर पार्टी के वोट स्विंग के आधार पर तैयार किए गए हैं। ये अनुमान एक्ज़िट या ओपिनियन पोल के आधार पर क़तई नहीं हैं।

election 2019.PNG

 

G180519_2014_0.jpg

G180519_2019_0.jpg

पिछली लोकसभा में सत्ताधारी एनडीए के 339 सांसद थे जिसमें शिव सेना, जनता दल(यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी और अन्य क्षेत्रीय दल शामिल थे। एनडीए ने इस दौरान काफ़ी आना-जाना देखा है, जिसमें जेकेपीडीपी और टीडीपी का एनडीए को छोड़ना और एआईएडीएमके का उसे समर्थन देना शामिल है। कांग्रेस के नेत्रत्व वाली यूपीए ने डीएमके, एनसीपी, आरजेडी और जेडीएस के साथ गठबंधन किया है। ये सभी दल राज्य स्तर पर काफ़ी मज़बूत खिलाड़ी माने जाते हैं और ख़ास तौर पर तमिल नाडु में यूपीए की संख्या में भारी इज़ाफ़ा कर सकते हैं।

हालांकि मोदी के नेत्रत्व वाले गठबंधन को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में हुए बहुजन समाज पार्टी(बसपा), समाजवादी पार्टी(सपा) और राष्ट्रीय लोक दल(आरएलडी) के गठबंधन से लग सकता है। जहाँ 2014 में सपा को सिर्फ़ 5 सीटें मिली थीं, इस बार गठबंधन बीजेपी को हराने के लिए और 52 सीटों पर लड़ रहा है। ऐसा ही कुछ तमिल नाडु में देखा जा सकता है जहाँ डीएमके के नेत्रत्व वाले गठबंधन को 38 में से 28 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि यहाँ पिछली बार एआईडीएमके को 37 सीटें और बीजेपी को 2 सीटें मिली थीं। अनुमान बताते हैं कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) पश्चिम बंगाल में अपनी पूर्व-प्रतिष्ठित छवि बरक़रार रखते हुए बीजेपी को अपनी पैठ जमाने का कोई मौक़ा नहीं देगी, जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है।

यूपीए और एनडीए के अलावा संभावित तौर पर 175 सीटें पाने वाली पार्टियों को देखा जाए तो पता चलता है कि उन्होंने व्यापक तौर पर मोदी सरकार की असफ़लताओं के ख़िलाफ़ ज़मीनी स्तर पर चुनाव लड़ा है। इसलिए चुनाव के बाद होने वाली हलचल में उनका एनडीए को समर्थन देना मुमकिन नहीं लग रहा है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश का गठबंधन(57 सीटों के साथ) और टीएमसी(34 सीटों के साथ) संभावित तौर पर यूपीए का समर्थन करेगा और सरकार बनाने में उसकी मदद करेगा। सांसदों का वाम मोर्चा पहले से ही केंद्र में बीजेपी के अलावा किसी भी सरकार का समर्थन करने की बात कह चुका है।

डाटा विश्लेषण के आधार पर जो परिणाम निकाल कर आए हैं उसकी बड़ी वजह मोदी सरकार की विफ़लता है। मोदी सरकार तमाम मुद्दों जैसे बेरोज़गारी, किसानों की लगातार गिरती आय और उन पर बढ़ता क़र्ज़, मज़दूरों को न्यूनतम वेतन ना मिलना, भ्रष्टाचार ख़त्म करने में नाकामी, क्रोनिज़्म का खुला खेल, संवैधानिक संस्थानों पर लगातार हुए हमले, मुस्लिम विरोधी स्वरूप और हिन्दू धर्मांधता को बढ़ावा, ऊँची जाति का निचली जाति पर लगातार बढ़ा ज़ुल्म और आदिवासियों से उनकी ज़मीन छीनना जैसे मुद्दों पर असफ़ल साबित हुई है। जन सेवाओं जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य के निजीकरण और सरकारी संस्थानों को निजी कंपनियों को बेच देने से भी जनता में मोदी सरकार के ख़िलाफ़ आक्रोश है।

आधिकारिक परिणाम 23 मई को गणना शुरू होने के बाद घोषित किए जाएंगे। संवैधानिक अनिवार्यताओं की वजह से चुनावी प्रक्रिया को 27 मई तक ख़त्म करना होगा।

(डाटा एनालिसिस पीयूष शर्मा द्वारा और मैप्स ग्लेनिसा परेरा द्वारा)

General elections2019
loksabha elcetion 2019
BJP
Congress
YSR congress
BSP
SP
NDA Govt

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License