NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
प्रसिद्ध मार्क्सवादी विचारक और लेखक एजाज़ अहमद का 81 साल की उम्र में निधन
एजाज़ अहमद 2017 से कैलिफोर्निया में रह कर काम कर रहे थे। मार्क्सवादी कममुनिस्ट पार्टी से क़रीबी तौर पर जुड़े रहे थे। माकपा ने उनकी मौत पर शोक व्यक्त किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Mar 2022
ejaz ahmad

प्रसिद्ध मार्क्सवादी विचारक और लेखक एजाज़ अहमद का 10 मार्च की सुबह अमेरिका में उनके घर पर निधन हो गया। अहमद का लंबे समय से इलाज चल रहा था और वे कुछ दिन पहले ही अस्पताल से वापस कैलिफोर्निया में अपने घर आए थे।

अहमद ने 'इन थियरी : क्लासेज़, नेशंस, लिटरेचर' जैसे किताबें लिखी थीं। अहमद का जन्म 1941 में अविभाजित यूपी में हुआ था, वे कई साल तक भारत में ही रहे थे।

अहमद अमेरिका और कनाडा के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विजिटिंग प्रोफेसर थे। वे 2017 से कैलिफोर्निया में रह कर काम कर रहे थे।

एजाज़ अहमद मार्क्सवादी कममुनिस्ट पार्टी से क़रीबी तौर पर जुड़े रहे थे। माकपा ने उनकी मौत पर दुख ज़ाहिर करते हुए ट्विटर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

 

माकपा ने लिखा है कि उनका दिल भारत वापस आने का था, मगर अफ़सोस है कि ऐसा नहीं हो सका।

जन नाट्य मंच ने एजाज़ अहमद के निधन पर दुख ज़ाहिर करते हुए लिखा है, "एजाज़ साहब बौद्धिक दुनिया का एक बड़ा नाम थे, लेकिन वे लोगों से बहुत सहजता से बात करते थे। उनकी यही सहजता उनके लेखन में भी साफ़ झलकती थी जिससे उनके विचार लोगों तक आसानी से पहुँच पाते थे। हमेशा बड़े प्यार और सुलूक से मिलने वाले एजाज़ साहब निहायत ही हसीन और हलीम इन्सान थे। हमने उन्हें कभी भी 'आप' से 'तुम' तक पहुंचते नहीं देखा। लोगों में उनकी ख़ास दिलचस्पी के चलते वे हर किसी से बात करने का कोई न कोई मुद्दा ढूंढ ही लेते थे। उनसे हुए आख़िरी इंटरव्यू पर छपी किताब 'नथिंग ह्यूमन इज़ एलियन टू मी' उनके दानिशमंद ज़हन और ख़ूबसूरत व्यक्तित्व को ज़ाहिर करती है। अपने आख़िरी वक्त तक फ़ासीवाद के ख़िलाफ़ मुस्तैद और जन-जन की हिमायती इस आवाज़ को जन नाट्य मंच सलाम करता है।"


बाकी खबरें

  • कैथरीन स्काएर, तारक गुईज़ानी, सौम्या मारजाउक
    अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?
    30 Apr 2022
    ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति धीरे-धीरे एक तख़्तापलट को अंजाम दे रहे हैं। कड़े संघर्ष के बाद हासिल किए गए लोकतांत्रिक अधिकारों को वे धीरे-धीरे ध्वस्त कर रहे हैं। अब जब ट्यूनीशिया की अर्थव्यवस्था खस्ता…
  • international news
    न्यूज़क्लिक टीम
    रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार
    29 Apr 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार ने पड़ोसी देश श्रीलंका को डुबोने वाली ताकतों-नीतियों के साथ-साथ दोषी सत्ता के खिलाफ छिड़े आंदोलन पर न्यूज़ क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से चर्चा की।…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति बनाने वालों को शिक्षा की समझ नहीं - अनिता रामपाल
    29 Apr 2022
    नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में कार्यक्रमों का स्वरूप अब स्पष्ट हो चला है. ये साफ़ पता चल रहा है कि शिक्षा में ये बदलाव गरीब छात्रों के लिए हानिकारक है चाहे वो एक समान प्रवेश परीक्षा हो या…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    अगर सरकार की नीयत हो तो दंगे रोके जा सकते हैं !
    29 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस अंक में अभिसार बात कर रहे हैं कि अगर सरकार चाहे तो सांप्रदायिक तनाव को दूर कर एक बेहतर देश का निर्माण किया जा सकता है।
  • दीपक प्रकाश
    कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  
    29 Apr 2022
    यूजीसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पर लगातार जोर दे रहा है, हालाँकि किसी भी हितधारक ने इसकी मांग नहीं की है। इस परीक्षा का मुख्य ज़ोर एनईपी 2020 की महत्ता को कमजोर करता है, रटंत-विद्या को बढ़ावा देता है और…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License