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भारत
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अर्थव्यवस्था
पूंजी प्रवाह के संकेंद्रण (Concentration) ने असमानता को बढ़ाया है
पिछले एक दशक में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा उधार देने का तरीका बदल गया है, क्योंकि बड़े व्यापारिक घराने भारत से बाहर पूंजी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। रोहित चंद्रा, जो आईआईटी दिल्ली में पब्लिक पॉलिसी पढ़ाते हैं, ने न्यूज़क्लिक के साथ एक इंटरव्यू में बताया कि, इस प्रक्रिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था में असमानता को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि आने वाले केंद्रीय बजट में बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की संभावना नहीं है।
न्यूज़क्लिक टीम
31 Jan 2022
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Economy
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License