NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
तमिलनाडु : कोरोना काल में बिना सुरक्षात्मक उपायों के काम करने को मजबूर औद्योगिक श्रमिक, संक्रमित होने का क्रम जारी
एनएसएन के तकरीबन 42 श्रमिक और एचएमआईएल के 28 श्रमिक 1 जून तक की जाँच में पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि कंपनियों ने इससे काफी कम संख्या का दावा किया है।
नीलाबंरन ए
03 Jun 2020
che

तमिलनाडु में जहाँ इन दिनों इसके औद्योगिक केन्द्रों में एक बार फिर से सर्वाधिक उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य में कोरोनावायरस मामलों में हर दूसरे दिन गुणात्मक वृद्धि का क्रम जारी है। जहाँ 31 मई के दिन राज्य में 1,149 मामलों के साथ पहली दफा 1,000 से ज्यादा पॉजिटिव मामले दर्ज हुए थे, तो 1 जून को यह आंकड़ा 1,162 तक पहुँच चुका था। चेन्नई और पड़ोसी जिलों को छोड़ दें तो शेष राज्य करीब-करीब लॉकडाउन से बाहर आ चुका है, जबकि श्रमिक दो-तरफ़ा हमलों को लेकर आशंकित हैं।

श्रमिकों को SARS-CoV-2 से संक्रमण का ख़तरा और बिना किसी उचित परिवहन की सुविधा के काम पर लौटने का दबाव बुरी तरह से प्रभावित किये हुए है। इस सम्बंध में ट्रेड यूनियनों ने जिला प्रशासन और श्रम विभाग से माँग की है कि, वह जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करे और समुचित सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित कराये।

इस बीच हुंडई मोटर्स इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) और नोकिया सॉल्यूशंस एंड नेटवर्क्स (एनएसएन) ने आधिकारिक तौर पर इस बात को माना है कि उनके कुछ श्रमिक कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं, हालांकि उनकी संख्या को लेकर मतभेद बना हुआ है। 1 जून तक एनएसएन के करीब 42 मजदूरों और एचएमआईएल के 28 श्रमिकों में इसके लक्षण पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि कंपनियों ने इससे काफी कम संख्या का दावा किया है। जहाँ श्रमिकों में इसके नतीजे आने के बाद से नोकिया को बंद कर दिया गया है, वहीं हुंडई मोटर्स ने अपनी एक ईकाई को दो दिनों के लिए संक्रमण मुक्त करने के नाम पर बंद करने का ऐलान किया है।

तमिलनाडु के सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के उप-महासचिव एस कन्नन का कहना है कि, ‘इस महामारी के मद्देनजर कंपनियां श्रमिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर पाने में विफल रही हैं, जिसके चलते इतने ज्यादा श्रमिक इसकी चपेट में आ चुके हैं। एक बार फिर से उत्पादन शुरू होने को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन बिना किसी आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों को अपनाए जिस प्रकार से कंपनियों ने अपने काम-काज को शुरू किया है उसने श्रमिकों के जीवन को खतरे में डाल दिया है।”

हुंडई मोटर्स में अधिकारी, मजदूर और जो लोग ट्रेनी हैं वे सभी इससे प्रभावित हैं, लेकिन कंपनी ने साथी-मज़दूरों की जाँच से इंकार कर दिया है। प्रबंधन के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये की वजह से कई अन्य श्रमिकों के बीच संक्रमण फ़ैल रहा है। कन्नन के अनुसार “सीटू ने इस मुद्दे को अपने हाथ में लिया है और 21 मई को ही इस सम्बंध में प्रतिनिधित्व के जरिये निवारक उपायों को लागू किये जाने की मांग रखी थी। प्रबंधन की ओर से इस मुद्दे पर कोई तत्परता देखने को नहीं मिली है, जिसका नतीजा यह है कि कई और लोग भी इसकी जद में आ चुके हैं।”

‘ट्रेड यूनियन की ओर से जब जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकर्षित किया गया तो उसके बाद जाकर कहीं प्रबन्धन ने इस सम्बन्ध में कुछ पहल ली है, लेकिन अभी भी काफी कुछ किया जाना शेष है” वे कहते हैं। कन्टेनमेंट जोन में होने से जो कठिनाइयाँ मजदूरों को पेश आ रही हैं और कारखाना परिसर में जिस प्रकार के नियमों की आवश्यकता है उसको लेकर प्रबन्धन को अभी भी ठोस कदम उठाने बाकी हैं।

कन्नन के अनुसार “प्रबन्धन की ओर से जिन मुद्दों को तत्काल निपटाने की आवश्यकता थी, उस सम्बंध में उसने श्रम विभाग से वार्ता करने से साफ़ इंकार कर दिया है। हमारी ओर से यह माँग रखी गई थी कि जो श्रमिक कन्टेनमेंट जोन से हैं, उन्हें काम पर आने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिये और उत्पादन के काम को उचित नियमावली वाले माहौल के तहत संपन्न किये जाने की आवश्यकता है। जबकि प्रबन्धन का सारा ध्यान उत्पादन और लाभ पर ही टिका हुआ है और उसे श्रमिकों की आशंकाओं से कोई लेना-देना नहीं है।”

ट्रेड यूनियन ने कंपनी के उपर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के उल्लंघन का आरोप लगाया है। संचालन के शुरुआती तीन सप्ताह से भी कम समय के भीतर जिस तेजी से संक्रमण के मामले बढ़े हैं, वे तथ्य यूनियन के दावों को सही ठहराते हैं। श्रमिकों की संख्या को निचले स्तर पर बनाये रखने के उपायों के तहत हुंडई मोटर्स ने दो शिफ्ट में अपने संचालन को आरंभ किया है। लेकिन मजे की बात यह है कि मजदूर अभी भी इस बात से बेखबर हैं कि किस व्यक्ति को किस शिफ्ट में काम पर आना है।

प्लांट में कार्यरत एक कर्मचारी का कहना था कि “कंपनी की ओर से श्रमिकों को उनके कार्यक्षेत्र का विवरण नहीं दिया गया है, जिसकी वजह से भ्रम की स्थिति बनी हुई है। जो श्रमिक कन्टेनमेंट जोन से आते हैं वे काम पर आ पाने में अक्षम हैं, जिनके लिए प्रबंधन ने सजा के तौर पर उनकी छुट्टियों में कटौती करने का फैसला लिया है।”

यहां तक कि जहाँ श्रमिकों को इस बात के लिए बाध्य किया जा रहा है कि वे काम पर लौटें और वे सामान्य उत्पादन स्तर को बहाल करने की कोशिशों में जुटे हैं, वहीं कुछ कम्पनियाँ मज़दूरी में कटौती करने के अवसर ढूंढने में व्यस्त हैं। इसकी सबसे बड़ी मार उन श्रमिकों पर पड़ रही है जो सार्वजनिक परिवहन के अभाव के चलते काम पर आ पाने में असमर्थ हैं।

कन्नन के अनुसार “असाही ग्लास, जेके टायर जैसी कंपनियों ने इस बीच श्रमिकों की मजदूरी में कटौती की है। चूंकि अलग-अलग समय पर लॉकडाउन को विस्तारित किया जाता रहा था, ऐसे में कई श्रमिकों ने अपने पैतृक निवासों का रुख कर दिया था। अब चूँकि चेन्नई और आसपास के जिलों में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, इसे देखकर कई मज़दूर वापस लौटने को लेकर सशंकित हैं। जहां तक वेतन में कटौती का प्रश्न है तो इस सम्बंध में हमारी ओर से श्रम कल्याण विभाग के समक्ष इस मुद्दे को रखा गया है।”

श्रमिकों में एक तरफ महामारी का डर तो दूसरी ओर वेतन में कटौती के साथ-साथ उनकी नौकरी से हाथ धोने का खतरा उन्हें लगातार बैचेन किये हुए है। संघीय श्रम विभागों की ओर से कंपनियों को श्रमिकों के वेतन में कटौती करने और नौकरी से निकालने से दूर रहने के सम्बन्ध में जारी एडवाइजरी का कोई ख़ास असर देखने को नहीं मिला है।

अंग्रेजी में लिखे मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-

COVID-19: Forced to Work Without Preventive Measures, Industrial Workers Contract Infection

labour law
labour of tamilnadu
wages cut
factory labour in tamilnadu
corona and labour

Related Stories

इंडियन टेलिफ़ोन इंडस्ट्री : सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के ख़राब नियोक्ताओं की चिर-परिचित कहानी

क्यों पीएम ग़रीब कल्याण बीमा योजना के तहत केवल 0.013% हेल्थकेयर वर्कर्स को ही लाभ मिला है?

काम की स्थिति और शर्तों पर नया कोड  : क्या कार्य सप्ताह में चार या छह दिन होने चाहिए?

फरीदाबाद : फूड डिलीवर करने वाली कंपनी Swiggy के कर्मचारी हड़ताल पर


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License