NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
कोविड-19 : मृतक आश्रितों को मुआवज़ा देने में केंद्र अक्षम! कोर्ट में किए हाथ खड़े, फ़ैसला सुरक्षित
कोविड-19 से मौत होने पर परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा देने पर सुप्रीम कोर्ट में बहस। केंद्र ने कहा कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं वह कोविड मृतकों के आश्रितों को 4 लाख मुआवज़ा देने में सक्षम नहीं है। विपक्ष ने कहा- ज़िम्मेदारी से भाग रही है सरकार।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Jun 2021
कोविड-19 : मृतक आश्रितों को मुआवज़ा देने में केंद्र अक्षम! कोर्ट में किए हाथ खड़े, फ़ैसला सुरक्षित

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने अदालत के सामने हाथ खड़े कर दिए हैं कि वह कोविड-19 से जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकती है। इसके लिए सरकार ने केंद्र तथा राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने का हवाला दिया। अदालत ने इस मामले में फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है। उधर विपक्ष ने सरकार के इस रवैये की आलोचना की है और इसे अपनी ज़िम्मेदारी से भागना बताया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे सरकार की क्रूरता बताया है।

आज इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला फिलहाल सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की विशेष अवकाशकालीन पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ वकील एस बी उपाध्याय और अन्य वकीलों की दलीलें करीब दो घंटे सुनीं। इसके बाद शीर्ष अदालत ने पक्षकारों से तीन दिन में लिखित अभिवेदन दाखिल करने को कहा और खासकर केंद्र से कहा कि वह कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों के आश्रितों को मृत्यु प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया को सरल बनाए।

इससे पहले, केंद्र ने न्यायालय से कहा था कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा नहीं दिया जा सकता क्योंकि इसका वित्तीय बोझ उठाना मुमकिन नहीं है और केंद्र एवं राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

शीर्ष अदालत में एक हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा है कि आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की धारा 12 के तहत ‘‘न्यूनतम मानक राहत’’ के तौर पर स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना बढ़ाने एवं प्रत्येक नागरिक को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और तेजी से कदम उठाए गए हैं।

शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें केंद्र और राज्यों को कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को कानून के तहत चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति का अनुरोध किया गया है। मामले में एक याचिकाकर्ता के वकील गौरव कुमार बंसल ने दलील दी थी कि आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की धारा 12 (तीन) के तहत हर वह परिवार चार-चार लाख रुपये मुआवजे का हकदार है, जिसके सदस्य की कोरोना वायरस से मौत हुई।

एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील रीपक कंसल ने दलील दी थी कि कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की जरूरत है क्योंकि इसी के जरिए प्रभावित परिवार कानून की धारा 12 (तीन) के तहत मुआवजे का दावा कर सकते हैं।

सरकार कोविड से जान गंवाने वालों के परिवारों की मदद को तैयार नहीं, यह क्रूरता है: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने में केंद्र द्वारा असमर्थता जताए जाने को लेकर सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार की क्रूरता है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जीवन की क़ीमत लगाना असंभव है- सरकारी मुआवज़ा सिर्फ़ एक छोटी सी सहायता होती है लेकिन मोदी सरकार यह भी करने को तैयार नहीं।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘कोविड महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आंकड़े और ऊपर से सरकार की यह क्रूरता.....।’’ गौरतलब है कि केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह वित्तीय बोझ उठाना मुमकिन नहीं है और केंद्र तथा राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

COVID-19
Coronavirus
Narendra modi
Supreme Court
Modi government

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • kisan andolan
    लाल बहादुर सिंह
    MSP की लड़ाई जीतने के लिए UP-बिहार जैसे राज्यों में शक्ति-संतुलन बदलना होगा
    15 Dec 2021
    किसान इस बात को समझ गए हैं कि MSP उनका जायज हक है, यह बात अब पूरे देश के किसानों की अनुभूति का हिस्सा बन गयी है। और जैसा मार्क्स ने कहा, कोई विचार जब जनगण की अनुभूति बन जाता है तो वह एक Material…
  • daily
    न्यूज़क्लिक टीम
    लखीमपुर हत्याकांड पर SIT की रिपोर्ट, योगी की मुफ़्त राशन योजना पर सवाल और अन्य ख़बरें
    14 Dec 2021
    न्यूज़क्लिक के डेली राउंडअप में आज हमारी नज़र रहेगी लखीमपुर हत्याकांड पर SIT की रिपोर्ट, योगी की मुफ़्त राशन योजना और अन्य ख़बरों पर।
  • gorakhpur university
    सत्येन्द्र सार्थक
    अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र, अचानक सिलेबस बदले जाने से नाराज़
    14 Dec 2021
    दीनदयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य गेट के अंदर प्री पीएचडी छात्रों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कमलकांत ने कहा- इससे पहले हम सात बार प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन हमारी माँगें मानने की बजाय बातचीत…
  • Nagaland
    स्मृति कोप्पिकर
    कुन्नूर से नागालैंड: दो अंत्येष्टि, योग्य और अयोग्य पीड़ित
    14 Dec 2021
    मीडिया और अभिजात्य वर्ग ने नागालैंड में हत्याओं से मुंह मोड़ लिया, एक बार फिर उस चयनात्मकता को प्रदर्शित किया जिससे घटनाएं आम लोगों के सामने परोसी जाती हैं।
  • Brigadier's daughter
    रवि शंकर दुबे
    मुख्यमंत्री पर टिप्पणी पड़ी शहीद ब्रिगेडियर की बेटी को भारी, भक्तों ने किया ट्रोल
    14 Dec 2021
    भक्तों के चंगुल में फंसकर कुछ दिनों पहले ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर की बेटी ट्रोल हो गई थीं…जिससे परेशान होकर उन्हें अपना ट्वीटर अकाउंट डिलीट करना पड़ा गया था।  लिड्डर की बेटी का गुनाह सिर्फ इतना था कि…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License