NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
देशभर में वकील सड़कों पर उतरे, केंद्र पर वादाख़िलाफ़ी का आरोप
किसान, मज़दूर, युवाओं के बाद अब वकीलों ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मुकुंद झा
12 Feb 2019
lower protest in delhi

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने आज, मंगलवार को  वकीलों की मांगों को लेकर देशव्यापी आंदोलन किया जिसमें लगभग 17 लाख वकील सड़कों पर उतरे और वर्तमानसरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए उनकी मांगों के  प्रति उदासीन रैवये का विरोध किया। इस आंदोलन में बीसीआई, साथ ही हाईकोर्ट बार एसोसिएशन औरदिल्ली और एनसीआर बार एसोसिएशनों की समन्वय समितियों भी शामिल हुईं|


दिल्ली में “अखिल भारतीय अधिवक्ता विरोध मार्च” निकाला गया। जिसमें हज़ारों की संख्या में दिल्ली-एनसीआर और देश के कई अन्य राज्यों से अधिवक्ता पहुंचे। ये विरोध मार्च दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से शुरू होकर तिलक मार्ग, भगवान दास रोड, मंडी हाउस, बाराखंभा रोड, टॉल्स्टॉय मार्ग से होता हुआ जंतर-मंतर पहुंचा जहां एक सभाकी गई।

51596345_2176433926003158_3395569039337062400_n.jpg
इस मार्च को सभी अधिवक्ता संघ के नेताओं ने संबोधित किया। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के नेता के सी मित्तल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमे सरकार नेधोखा दिया। चार साल पहले मोदी जी हमारे एक प्रतिनिधि मंडल से गुजरात में मिले थे और हमने उनके सामने इन्हीं सारी मांगों को लेकर एक प्रजेंटेशन दिया था। जिसके बादउन्होंने हमें आश्वासन दिया था कि हमारी मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी लेकिन मोदी सरकार अब जाने वाली है परन्तु हमारी मांगें जस की तस बनी हुई हैं।
मार्च में शामिल कई वकीलों ने बताया कि आज भी देश में ऐसे कई सत्र न्यायालय हैं जहाँ शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है, जिस कारण महिला वकीलों को कई तरह कीसमस्याओं का सामना करना पड़ता है।
वकीलों की मुख्य मांगें
 •       वकीलों और उनके परिवारों (आश्रितों) के लिए 20 लाख रुपये तक का बीमा। मेडिक्लेम भी मिले जिससे वो देश के किसी भी अस्पताल में मुफ्त चिकित्सा ले सकें।इसके लिए वकीलों को एक विशेष कार्ड प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि वे कहीं भी, कभी भी योजना का लाभ उठा सकें।
•        स्टाइपेंड : नए वकीलों को 5 साल तक वकील के रूप में अभ्यास करने के दौरान प्रति माह न्यूनतम 10,000 रुपये दिया जाए।
•        वृद्ध अधिवक्ताओं और अधिवक्ताओं की असामयिक मृत्यु के मामले में पारिवारिक पेंशन के लिए प्रावधान किया जाए।
•        अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम बनाया जाए।
•        देश के सभी बार काउंसिल  में अच्छे पुस्तकालय, ई-पुस्तकालय, शौचालयों आदि के साथ पर्याप्त भवन / आवास / बैठने की सुविधा और महिला अधिवक्ताओं के लिएभी सुविधाएं होनी चाहिए।
•        ब्याज मुक्त आवास ऋण, पुस्तकालय के लिए ऋण, जरूरतमंद अधिवक्ताओं के लिए वाहन ऋण,  सरकार को अधिवक्ताओं के आवास के लिए सस्ती दरों पर जमीनका अधिग्रहण करने की मांग।
•        कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन और आवश्यक बदलाव किए जाने चाहिए ताकि इस अधिनियम के तहत कार्य वकीलों को बदलाव का हक हो न केवलन्यायाधीशों को
•       विभिन्न न्यायाधिकरणों, आयोगों या मंचों के पीठासीन अधिकारी / सदस्य के रूप में अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को संशोधित किया जाना चाहिए ताकि सक्षमअधिवक्ताओं को भी इन स्थानों पर नियुक्त किया जा सके न कि सिर्फ न्यायाधीशों की नियुक्ति हो।
•        किसी भी अधिवक्ता की असामयिक मृत्यु (65 वर्ष से कम आयु) के मामले में। दुर्घटना, हत्या, किसी भी बीमारी के कारण, सरकार को परिवार / आश्रितों को कम सेकम 50 लाख रुपये की सहयता राशि प्रदान करनी चाहिए|
इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए वकीलों ने सरकार से 5 हज़ार करोड़ राशि आवंटित करने की मांग की। 

BCI
Bar Council of India
nationwide lawyers' agitation
Bar Council Of Delhi
Delhi
patiyala house court
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग


बाकी खबरें

  • शलका चौहान
    कैसे जहांगीरपुरी हिंसा ने मुस्लिम रेहड़ी वालों को प्रभावित किया
    04 May 2022
    महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन ने मुस्लिम रेहड़ी वालों की आर्थिक गतिविधियों का काफ़ी कम कर दिया है, अब सांप्रदायिक नफ़रत ने उनके ख़िलाफ़ हमले और भेदभाव की घटनाओं में भी इज़ाफ़ा किया है।
  • loudspeaker
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े
    04 May 2022
    हिजाब, बुलडोज़र की राजनीति के बाद एक बार फिर देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने के लिए लाउडस्पीकर का हथकंडा अपनाया जा रहा है। जिन राज्यों में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उन्हें…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    स्कूलों की तरह ही न हो जाए सरकारी विश्वविद्यालयों का हश्र, यही डर है !- सतीश देशपांडे
    04 May 2022
    नई शिक्षा नीति देश में हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय जैसे संस्थान स्थापित करने की वकालत करती है लेकिन शिक्षाविद ऐसे प्रस्तावों को लेकर आश्वस्त नहीं है. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर सतीश देशपांडे मानते…
  • unemployment
    मुरली कृष्णन
    क्या भारत महामारी के बाद के रोज़गार संकट का सामना कर रहा है?
    04 May 2022
    भारत का रोजगार बाजार लगातार संकुचित होता जा रहा है, और कुशल कामगारों के लिए कार्यबल में प्रवेश कर पाना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। सरकार की ओर से की जाने वाली नौकरी की मुहिम और अनौपचारिक…
  • Cuba
    पीपल्स डिस्पैच
    क्यूबा में नाकाबंदी ख़त्म करने की मांग को लेकर उत्तरी अमेरिका के 100 युवाओं का मार्च
    04 May 2022
    "भविष्य निर्माण करो, नाकाबंदी खत्म करो!"
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License