NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली में एक और फैक्ट्री में लगी आग, 2 मज़दूरों की मौत
इस साल जनवरी से अब तक ये चौथी घटना है और इन घटनाओं में अब तक 25 मज़दूरों की मौतें हो चुकी हैं I
ऋतांश आज़ाद
18 Apr 2018
fire
image coutesy : Indian Express

दिल्ली में एक और फैक्ट्री में आग लगने से 2 मज़दूरों की मौत हो गयी है I मंगलवार को लगी ये आग दिल्ली के दक्षिण में स्थित नवादा औद्योगिक क्षेत्र की एक क्रोकरी फैक्ट्री में लगी और इसमें दो बिजली प्रेस के ओपरेटरों के मारे जाने की ख़बरें आ रही हैं I दिल्ली के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों की फैक्ट्रियों की तरह ही इस फैक्ट्री का भी दरवाज़ा बाहर से बंद था I

दिल्ली अग्निशमन सेवा के मुताबिक फैक्ट्री में ये आग शोर्टसर्किट के कारण लगी I अन्दर काम कर रहे मज़दूरों ने आग लगने के बाद भागने की कोशिश की लेकिन दरवाज़ा बाहर से बंद होने के कारण 2 मज़दूरों – सत्येंदर और अरविन्द की अन्दर ही दम घुटने से मौत हो गयी I तीसरे मज़दूर चन्दन को बाद में DDU अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था I

दमकल विभाग के अनुसार इस फैक्ट्री में आग लगने की कॉल रात 10:50 आयी थी I उनके मुताबिक वहाँ 7 वाहन भेजे गए थे , जिनमें से पानी के 5 टेंडर थे, लेकिन फैक्ट्री के तंग गली में होने की वजह से उन्हें वाहन पहुँचने में कुछ देर लग गयी I

द्वारका के डिप्टी कमिश्नर का कहना है कि इस फैक्ट्री के मालिक रणबीर सिंह के खिलाफ केस दायर कर दिया गया है पर अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गयी है I

दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों में इस तरह आग लगने और मज़दूरों की मौतों की घटनाएँ लगातार हो रही हैं I इस साल जनवरी से अब तक ये चौथी घटना है और इन घटनाओं में अब तक 25 मज़दूरों की मौतें हो चुकी हैं I इसी महीने 9 अप्रैल को पश्चिमी दिल्ली के एक आवासीय इलाके में एक गैरकानूनी जूते की फैक्ट्री में आग लगने से 4 मज़दूरों की मौत हो गयी थी I वहाँ भी फैक्ट्री को बाहर से बंद रखने के अमानवीय और गैरकानूनी चलन को अपनाया गया था I इससे पहले 7 अप्रैल को भी नरेला के अद्योगिक क्षेत्र में जूते की फैक्ट्री में आग लगने की वजह से 2 मज़दूर मारे गए थे I

गौर करने वाली बात ये है कि ये तीनों घटनाएँ इस साल जनवरी में हुई बवाना की भयानक घटना के बाद हुई हैं I बवाना औद्योगिक क्षेत्र में एक पटाखा बनाने वाली गैरकानूनी फैक्ट्री में आग लगने से 17 मज़दूरों की मौत हुए जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था I

बवाना की घटना के बावजूद दिल्ली सरकार द्वारा फैक्ट्रियों में श्रम कानून लागू करवाने की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है I इन फक्ट्रियों में सुरक्षा व्यवस्था के कानूनों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है और बहुत से फक्ट्रियों में न्यूनतम व्यवस्थायें जैसे 2 दरवाज़े और आग बुझाने की कोई सुविधा भी नहीं होती  I साथ ही बवाना, नरेला और बाकी औद्योगिक क्षेत्रों में कई गैरकानूनी फैक्ट्रियाँ चल रही हैं जिनमें या तो लाइसेंस ही नहीं लिया गया होता है या किसी और चीज़ का लाइसेंस लिया गया होता है I

न्यूज़क्लिक की टीम जब फरवरी में बवाना गयी तो ये पाया कि वहाँ ज़्यादातर फक्ट्रियों में बाहर से ताला लगा था और अन्दर मज़दूर बंदियों की तरह काम कर रहे थे I रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली की ज़्यादातर निजी फक्ट्रियों में न्यूनतम वेतन का कानून भी लागू नहीं किया जाता I जनवरी में बवाना के मज़दूरों ने भी बताया कि औसतन एक मज़दूर 6000 से 7000 रुपये महीना कमाता है और इसके लिए भी कई बार 12 घंटों तक काम करना पड़ता है I जबकि राज्य के नियमों के मुताबिक 8 घंटे काम के पर प्रति माह अकुशल मज़दूर को 13,350 रुपये , अर्धकुशल मज़दूर को 14,698 रुपये और कुशल मज़दूर को 16,182 रुपये मिलने चाहिए I

इस मुद्दे पर दिल्ली के All India Central Council of Trade Unions  (AICCTU)  दिल्ली महासचिव अभिषेक ने कहा “ दिल्ली सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह श्रम कानूनों को ठीक तरह से लागू करें I पर लगातार हो रही इन घटनाओं से ये साफ़ है कि इन्हें लागू करने के लिए सरकार गंभीर नहीं है I CAG की रिपोर्टों के अनुसार दिल्ली सरकार के डिस्ट्रिक्ट लेबर दफ्तरों में न्यूनतम वेतन और दूसरे मामलों में शिकायतों पर फैसला न आने की दर यानी “pedency rate” लगातार बढ़ती जा रही है I वहीं दूसरी तरफ फैक्ट्री के लिए लाईसेंस मिलने की समय दर कम होती जा रही है I इससे साफ़ हो जाता है कि सरकार किसके साथ खड़ी है I ये भी समझने वाली बात है कि सरकार व्यापारियों के खिलाफ इसीलिए भी कोई एक्शन नहीं लेना चाहती है क्योंकि इनके कई विधायक खुद फैक्ट्रियों के मालिक हैं I”

9 अप्रैल की घटना के बाद न्यूज़क्लिक ने CITU दिल्ली के महासचिव अनुराग सक्सेना से बात की थी I उनका कहना था “वेतन में बड़ी बढौतरी के बारे में बात करने वाले राज्य ने इन परिस्थितियों में सुधार के लिए ख़ास कुछ नहीं किया है I लेबर इंस्पेक्टर सिस्टम की स्थिति को निराशाजनक बना दिया गया है आज 20 लाख मज़दूरों पर सिर्फ 11 इंस्पेक्टर हैं I लाइसेंस देने वाले और दूसरे विभाग भ्रष्ट हैं और जानबूझकर कर सुरक्षा और दूसरे नियमों की अवेहलना को अनदेखा करते हैं I”

दिल्ली
नवादा
navada factory fire
bawana factory fire
labor laws
factory fire

Related Stories

श्रम क़ानूनों और सरकारी योजनाओं से बेहद दूर हैं निर्माण मज़दूर

रोहतक : मारुति सुज़ुकी के केंद्र में लगी आग, दो कर्मियों की मौत

पुणे रासायनिक संयंत्र अग्निकांड : कंपनी के मालिक के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का मुक़दमा दर्ज

लेबर कोड में प्रवासी मज़दूरों के लिए निराशा के सिवाय कुछ नहीं

बिहार-झारखंड: मज़दूर विरोधी श्रम कोड के ख़िलाफ़ सड़कों पर व्यापक विरोध

एक विश्लेषण:  क्या आप जानते हैं क्या हैं वे चार लेबर कोड्स जिन्हें सरकार 44 कानूनों की जगह लागू कर रही है

नोएडा की एक फैक्ट्री में लगी आग, सिक्योरिटी गार्ड की मौत

क्या गाज़ियाबाद मोमबत्ती फैक्ट्री में हुई मौतों का ज़िम्मेदार प्रशासन है!

12 घंटे का कार्यदिवस है आधुनिक युग की बंधुआ मज़दूरी!

यूपी में एस्मा लागू यानी “जबरा मारे, रोने भी न दे!”


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License