NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
डीटीसी की हड़ताल सफल, सरकार ने वेतन कटौती का सर्कुलर वापस लिया
“सरकार हमारे संघर्ष से एक कदम पीछे हुई है लेकिन हमारा डीटीसी बचाने का संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।”- संतोष राय,अध्यक्ष, डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (ऐक्टू)
मुकुंद झा
29 Oct 2018
dtc strike

डीटीसी कर्मचारियों के आन्दोलन के आगे सरकर को अंतत: झुकाना पड़ा। दिल्ली सरकार ने डीटीसी कर्मचारियों की मुख्य मांग वेतन कटौती के सर्कुलर को वापस ले लिया और कहा है कर्मचारियों का जो भी वेतन कटा है उसके साथ ही आगे से उनके सैलरी वही मिलेगी जो वेतन कटौती से पूर्व थी|

डीटीसी कर्मचारियों  द्वारा पिछले कई माह से लगातर अपने मांगों को लेकर समय–समय पर प्रदर्शन करने व दिल्ली सरकार को चेतावनी के बाद भी जब सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया तो आज दिल्ली में 1988 के बाद पहली बार डीटीसी कर्मचारी हड़ताल पर रहे। सरकार व प्रबन्धन द्वारा डराने व एस्मा लगाने के बावजूद दिल्ली की सड़कों से डीटीसी की बसें गायब रहीं। इस हड़ताल का असर हमें व्यापक स्तर पर दिखा, जहाँ लोग घंटों डीटीसी बसों का इन्तजार करते रहे, परन्तु अंत में उन्हें निराश होना पड़ा।

इस हड़ताल का असर हमें दिल्ली के अधिकतर डिपो पर देखने को मिला। चाहे वो दिल्ली का आज़ादपुर, बीबीएम,कालकाजी डिपो या फिर आईपी डिपो हो, सभी डिपो पर हड़ताल को सफल बनाए के लिए डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (ऐक्टू) के लोग मौजूद थे। अधिकतर संविदा कर्मचारी तो घर से ही नहीं आये। कुछ स्थायी कर्मचारी आये तो वो भी या तो वापस चले गए या फिर वहाँ चल रहे धरने का हिस्सा बन गए। इस हड़ताल को समर्थन देने के लिए  हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के नेता भी दिल्ली आए थे। उन्होंने अपने संघर्ष को दिल्ली के डीटीसी कर्मचारियों के संघर्ष से जोड़ा।

इसे भी पढ़े:-डीटीसी कर्मचारी हड़ताल पर कायम, केजरीवाल ने भी भाजपा सरकारों की तरह रुख अपनाया, एस्मा लागू

डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर के अध्यक्ष संतोष राय ने कहा कि सरकार हमारे संघर्ष से एक कदम पीछे हुई है लेकिन हमारा डीटीसी बचाने का संघर्ष आगे जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा अगर आज डीटीसी के बेड़े में बसों को शमिल नहीं किया गया तो 2021 तक डीटीसी पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। इसलिए हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे। अपनी अगली रणनीति हम ट्रेड यूनियनों से चर्चा के बाद तय करेंगे।

डीटीसी चक्का जाम_0.jpg

यूनियन नेताओं कहा दिल्ली पुलिस ने सोमवार सुबह 6 बजे से अलग–अलग डिपो से हड़ताल कर रहे यूनियन के नेताओ हिरासत में लेना शुरू कर दिया था। हरिनगर, बीबीएम, सुभाष पैलेस, वजीरपुर और नरेला डिपो में भी यूनियन नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद भी आज तकरीबन 10 हज़ार कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हुए।

 

डीटीसी कर्मचारियों की मुख्य माँगें यह थीं :-

• वेतन कटौती के सर्कुलर को तुरंत वापस लिया जाए।

• दिल्ली सरकार और निगम के सभी सविंदा कर्मचारियों के लिए समान काम के लिए समान वेतन को लागू किया जाए।

• प्राइवेट बसों को लाकर डीटीसी का निजीकरण नही चलेगा। डीटीसी के लिए नई बसों की खरीद की जाए।

इन तीन मांगो में से सबसे मुख्य मांग वेतन कटौती के सर्कुलर था जिसके बाद ही ये पूरा आंदोलन शुरू हुआ था। उससे सरकार ने रविवार शाम को ही वापस ले लिया था। इसके बाद भी आज यह हड़ताल हुई इसका सबसे बड़ा कारण दिल्ली सरकार का खुद का रैवया रहा है। कर्मचारियों में दिल्ली सरकारी की ओर से लगाए गए एस्मा को लेकर बेहद गुस्सा था।

इसे भी पढ़े:- भाजपा का दोहरा रवैया : डीटीसी के समर्थन का दावा, हरियाणा में रोडवेज़ कर्मियों का दमन

इस पूरे आन्दोलन की शुरुआत   21 अगस्त को हुई थी। उस समय डीटीसी प्रबन्धन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक निर्णय का हवाला देते हुए डीटीसी के कर्मचारियों के वेतन कटौती का फरमान जारी किया था। उसके बाद से ही लगातर डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर इसको लेकर संघर्ष करता रहा है। पूरी दिल्ली में रक्षाबंधन के दिन डीटीसी के सभी संविदा कमर्चारियों ने सामूहिक अवकाश लिया था इसके बाद  इसके लिए डीटीसी के इतिहास में पहली बार डीटीसी वर्कर्स यूनिट सेंटर ने दिल्ली के सभी डिपो पर 25 सिंतबर से लगातर चार दिन स्ट्राइक बैलट अभियान चलाया गया। जिसमें बाकायदा वोटिंग के माध्यम से ये जानने की कोशिश की गई  कि कितने कर्मचारी हड़ताल के पक्ष में हैं। इसके निर्णय चौंकाने वाले थे। इसमें 10 हज़ार से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया और 98% से अधिक कर्मचारियों ने हड़ताल के पक्ष में वोट दिया था जिसके बाद डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर ने 29 अक्टूबर की हड़ताल के पहले एक दिन का  डीटीसी हेडक्वार्टर पर ‘नमक मिर्च रोटी’ प्रदर्शन किया जिसमें भारी संख्या में डीटीसी के कर्मचारी शामिल हुए थे जिसके बाद भी सरकार ने यूनियनों से बातचीत कर उनकी मांगों पर विचार करने की बजाय उनका दमन किया जैसा हरियाणा में भाजपा की खट्टर सरकार कर रही है।

डीटीसी हड़ताल.jpg

इसे भी पढ़े;- भाजपा शासित राज्य: सार्वजनिक परिवहन का निजीकरण

सोमवार को हड़ताल के दौरान ऐक्टू की नेता श्वेता राज ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारों को ये समझना चाहिए की जो आपके शहर को रफ्तार देते हैं, आप उनके जीवन में ब्रेक नहीं लगा सकते हैं, परन्तु सरकार यही कर रही है। डीटीसी के कर्मचारी जिन्हें पहले ही वेतन कम मिल रहा था, न्यायालय का बहाना कर उनकी सैलरी काटने से संविदा कर्मचारियों के लिए रोजी रोटी का संकट आ गया था। वैसे भी डीटीसी में संविदा कर्मियों को काम कभी मिलता है, कभी नहीं। उसमें वेतन कटौती करना किसी अन्याय से कम नहीं था।

श्वेता ने कहा कि डीटीसी कर्मचारियों को उनका जो हक़ है, ‘समान काम-समान वेतन’ जो दिल्ली की आप सरकार ने उन्हें वादा किया है वो पूरा नही कर रही है इसके लिए दिल्ली का हर मजदूर लड़ेगा और अपना हक़ लेकर रहेगा। वो इनके इस एस्मा से डरने वाला नहीं है।

उन्होंने कहा ये हड़ताल दिल्ली की सरकार के लिए चेतावनी है कि कर्मचारी को आप डरा-धमका के झुका नहीं सकते हैं। आज हम हड़ताल पर कायम रहे, ये बताने के लिए कि सरकार कर्मचारी यूनियनों से बात कर लोकतांत्रिक तरीके से कर्मचारियों की मांगों का हल करे। सरकार की तानाशाही नहीं सहन की जाएगी।

इसे भी पढ़े:- डीटीसी में हड़ताल के लिए मतदान, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

 

इस हड़ताल में हरियाणा रोडवेज में खट्टर सरकार के रोडवेज को निजीकरण करने के प्रयासों के खिलाफ संघर्षरत कर्मचारी तालमेल कमेटी के कर्मचारी भी शामिल हुए और अपना समर्थन दिया। कमेटी के प्रधान ने कहा कि आज पूरे देश में सार्वजनिक परिवहन को बर्बाद करने की साजिश की जा रही है। सभी राज्यों में कर्मचारियों संघर्ष कर रहे हैं। अभी हरियाणा और राजस्थान में रोडवेज के साथी रोडवेज बेचने के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई तभी सफल होगी जब सब कर्मचारीएक-दूसरे के साथ आएंगे और हमारी एकजुटता यही दिखाने की है कि हम सब साथ हैं।  

 

 

 

DTC
DTC Strike
DTC workers
anti-worker policies
AAP Govt
BJP (23 65)
haryana bus
राजस्थान सरकार
Arvind Kejriwal
AICCTU
CITU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?

‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 


बाकी खबरें

  • Yeti Narasimhanand
    न्यूज़क्लिक टीम
    यति नरसिंहानंद : सुप्रीम कोर्ट और संविधान को गाली देने वाला 'महंत'
    23 Apr 2022
    यति नरसिंहानंद और अ(संतों) का गैंग हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद गिरी ने दूसरी बार अपने ज़मानत आदेश का उल्लंघन करते हुए ऊना धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती बयान दिए हैं। क्या है यति नरसिंहानंद…
  • विजय विनीत
    BHU : बनारस का शिवकुमार अब नहीं लौट पाएगा, लंका पुलिस ने कबूला कि वह तलाब में डूबकर मर गया
    22 Apr 2022
    आरोप है कि उनके बेटे की मौत तालाब में डूबने से नहीं, बल्कि थाने में बेरहमी से की गई मारपीट और शोषण से हुई थी। हत्या के बाद लंका थाना पुलिस शव ठिकाने लगा दिया। कहानी गढ़ दी कि वह थाने से भाग गया और…
  • कारलिन वान हाउवेलिंगन
    कांच की खिड़कियों से हर साल मरते हैं अरबों पक्षी, वैज्ञानिक इस समस्या से निजात पाने के लिए कर रहे हैं काम
    22 Apr 2022
    पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले लोग, सरकारों और इमारतों के मालिकों को इमारतों में उन बदलावों को करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके ज़रिए पक्षियों को इन इमारतों में टकराने से…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी
    22 Apr 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले वे 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के 15 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर हैं फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है।
  • ईशिता मुखोपाध्याय
    भारत में छात्र और युवा गंभीर राजकीय दमन का सामना कर रहे हैं 
    22 Apr 2022
    राज्य के पास छात्रों और युवाओं के लिए शिक्षा और नौकरियों के संबंध में देने के लिए कुछ भी नहीं हैं। ऊपर से, अगर छात्र इसका विरोध करने के लिए लामबंद होते हैं, तो उन्हें आक्रामक राजनीतिक बदले की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License