NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दलितों और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ 2 अगस्त को वामदलों का ‘बिहार’ बंद
बिहार में नीतीश और भाजपा गठबंधन की सरकार के सत्ता में आने के बाद से दलितों और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है|
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
30 Jul 2018
बिहार बंद

बिहार में महिलाओं और दलितों के बढ़ते शोषण और 'संस्थागत' यौन शोषण के खिलाफ विरोध के लिए सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआई(एमएल), एसयूसीआई(सी) और आरएसपी सहित कई वामपंथी दलों ने संयुक्त रूप से 2 अगस्त को 'बिहार बंद' का आह्वान किया है|
हाल ही में, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) ने बिहार भर में आश्रय घरों के सोशल ऑडिट कर एक रिपोर्ट जारी की, जिसके  बाद लड़कियों के साथ हो रहे गए यौन शोषण की एक भयानक कहानी प्रकाश में आई। मुजफ्फरपुर में एक बालिका सुधारगृह की बालिकाओं  ने ऑडिट के दौरान TISS के लोगों से कहा कि उन्हें आश्रय और सुधारगृह के प्रबंधकों और वहाँ आने वाले अन्य लोगों  द्वारा बार-बार बलात्कार किया जाता था। कई रिपोर्टों के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के 'बालिका ग्रुह' में रहने वाली 44 लड़कियों में से कुल 34 क्रूर यौन उत्पीड़न हुआ हैं|

 इसे भी पढ़े :बिहार: मुज़फ्फरपुर बालिका सुधारगृह या बालिका शोषणगृह

विभिन्न तबकों के दबाव में, बीजेपी-जेडी(यू) सरकार के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 जुलाई को केंद्रीय जाँचजाँच ब्यूरो (सीबीआई) को मामला सौंप दिया। वामपंथी दलों की माँग है कि सीबीआई जाँच की पटना उच्च न्यायालय  की निगरानी में की जानी चाहिएI इस मामले में में अब तक आश्रय घर, ब्रजेश ठाकुर के मालिक समेत 10 को अन्य आरोपियों को  गिरफ्तार किया जा चुका है। वामपंथी दल के नेताओं ने राज्य के सामाजिक कल्याण मंत्री मांजू वर्मा को तत्काल बर्खास्तगी की माँग  की है क्योंकि इस मामले में उनके पति का नाम भी सामने आया है।

अभी कुछ दिनों पहले बिहार एक दिलदहलाने वाली खबर सामने आई थी जिसमें बिहार के मुजफ्फरपुर के सुरैयाँ थाना क्षेत्र में एक 10 साल की बच्ची के साथ तीन लोगों ने बलात्कार किया और इस घटना के चश्मदीद उसके 8 साल के भाई की आँख फोड़ कर, दोनों की हत्या कर उनके लहुलुहान शव को पास के जंगल में फ़ेंक दिया था| |

 इसे भी पढ़े:बिहार: एक और नाबालिग का बलात्कार और निर्मम हत्या

राज्य के सभी कोनों से यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर ऐसी ही रिपोर्टें आ रही हैं।

बिहार में नीतीश और भाजपा की गठबंधन सरकार आते ही बलात्कार की वारदात में तेज़ी से बढ़ोत्तरी हुई |                                                                         

दलितों का निष्कासन  

1 जुलाई को, मुसाहर समुदाय के लोग जिन्हें महा-दलितों के रूप में पहचाना जाता है,  उनके 100 से अधिक परिवारों के घर मधुबनी जिले के खुटौना ब्लॉक, मुगल गांव में सरकारी अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया था । तब से, पीड़ित खुटौना हाई स्कूल में आश्रय ले रहे हैं और राज्य सरकार को तुरंत उचित आवास सुविधाओं और आजीविका प्रदान करने के लिए अपने विरोध प्रदर्शन की माँग कर रहे हैं ।

 इसे बभी पढ़े :100 मुसाहर परिवार बिहार के खुटौना में बेघर हो गए, सीपीआई (एम) ने उन्हें अपना  समर्थन दिया
इसी तरह, हाल ही में साराय्या, मुजफ्फरपुर में एक ज़मीदार ने लगभग 60 दलित घरों को ध्वस्त कर दिया था। 26-27 जुलाई को, सीपीआई (एम) पोलितब्यूरो की  सदस्या सुभाषिनी अली और पार्टी के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने अन्य नेताओं के साथ बेघर पीड़ितों का दौरा किया और 2 अगस्त के विरोध में शामिल होने के लिए एक अभियान का आवाहन किया।

अवधेश कुमार ने दावा किया कि राज्य सरकार महिलाओं, दलितों और उत्पीड़ित वर्गों पर बढ़ते अत्याचारों की जाँच करने में विफल रही है। भूमि के उत्पीड़न का जिक्र करते हुए कुमार ने न्यूजक्लिक को बताया: "राजनेताओं और पुलिस समेत सामंती भू-मालिकों के बीच गठबंधन है, जो महँगी भूमि को लेने के लिए धमकाने और अन्य अवैध साधनों से दलितों और गरीबों को अपने रहने के स्थान से बेदखल कर रहे हैं। जो की अभी उनके नियंत्रण में हैं।” उन्होंने कहा कि “वामदल  पीड़ितों के समर्थन में हैं और उन्हें अपने अधिकारों का दावा करने के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सुभाषिनी अली ने राज्य सरकार से बेघर दलितों को तुरंत पुनर्वास करने की माँग की।

सीपीएम के राज्यसचिव अवधेश सिंह ने बताया कि “2 अगस्त के ‘बिहार बंद’ को  लेकर तैयारियाँ ज़ोर-शोर से चल रही हैं| उन्होंने बताया कि “इसको लेकर प्रचार गाड़ी गाँव–गाँव और कस्बे-कस्बे जा रही है और लोगों का भरपूर भी समर्थन मिल रहा है| कई नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन कर जनता में इस बंद को लेकर प्रचार किया जा रहा है”|

अवधेश सिंह  ने आगे कहा की “बिहार बंद से एक दिन पहले 1 अगस्त की शाम को पूरे बिहार में मशाल जुलूस निकाला जाएगाI 2 अगस्त को बिहार के हर ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करके इस बंद को सफल बनाने की योजना है|  अब इस बंद को बिहार की मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी समर्थन दिया है”|
दूसरी तरफ, देश भर में दलित संगठनों ने बीजेपी के नेतृत्व की केंद्र सरकार की दलित विरोधी नीतियों के विरोध में 9 अगस्त को "भारत बंद" का आह्वान किया है। वे अनुसूचित जातियों और जनजातियों (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम को बहाल करने के लिए केंद्र सरकार की माँग कर रहे हैं, जो इस साल की शुरुआत में मार्च में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कमज़ोर हो गया था।

Nitish Kumar
वाम पार्टियाँ
बिहार बंद
सीपीएम
CPI(ML)

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार : सरकारी प्राइमरी स्कूलों के 1.10 करोड़ बच्चों के पास किताबें नहीं

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर

बिहारः मुज़फ़्फ़रपुर में अब डायरिया से 300 से अधिक बच्चे बीमार, शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License