NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
ड्रग माफ़ियाओं की चपेट में मध्यप्रदेश
नशे के सौदागरों के बढ़ते नेटवर्क को तोड़ने के प्रयास में लगी मध्यप्रदेश पुलिस के अभियान से पता चलता है कि भोपाल में ड्रग माफ़ियाओं ने बड़ा नेटवर्क बना लिया है। प्रदेश में चलाए जा रहे ऑपरेशन प्रहार एवं राजधानी में मिशन ड्रग्स फ़्री भोपाल के तहत अंतर्राज्यीय गिरोह का भी पता चला है।
राजु कुमार
22 Aug 2019
drugs dealer
Image courtesy: VOX

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल ड्रग माफ़ियाओं के लिए मुफ़ीद जगह बनती जा रही है। राजधानी में ड्रग माफ़िया के फैले जाल को देखकर हर कोई इस बात से डर रहा है कि यदि इस पर जल्द अंकुश नहीं लगाया गया तो मध्यप्रदेश कहीं ‘‘उड़ता पंजाब’’ न बन जाए। यानी जिस तरह से पंजाब की युवा पीढ़ी ने नशे के चपेट में आकर अपना भविष्य बर्बाद कर लिया था, उसी तरह मध्यप्रदेश के युवा भी ड्रग माफ़िया के सॉफ़्ट टारगेट हैं। भोपाल पुलिस इनके नेटवर्क को तोड़ने के प्रयास में लगी है और इस दरम्यान वह न केवल ख़तरनाक ड्रग्स को ज़ब्त कर रही है, बल्कि अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफ़ाश करने में भी लगी है। स्पेशल टास्क फ़ोर्स ने 20 अगस्त को भोपाल स्टेशन से तीन किलो अल्प्राज़ोलम पाउडर के साथ मां-बेटे को गिरफ़्तार किया। वे उसे बनारस ले जाने वाले थे। इस पाउडर की क़ीमत दो करोड़ रुपए आंकी गई है। 21 अगस्त को भी 375 किलो गांजे के साथ 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है। इन्हें पकड़ने के साथ ही पुलिस का दावा है कि उसने अंतर्राज्यीय गिरोह का भांडाफोड़ कर दिया है।

2 अगस्त की सुबह भोपाल के लोग इस ख़बर को सुनकर दंग रह गए कि बीती रात राजधानी भोपाल में 21 किलो गांजा और 900 ग्राम चरस के साथ नशे का धंधा करने वाले महिला पुरुष सहित 31 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। 1 अगस्त को सुबह साढ़े तीन बजे 300 पुलिसकर्मियों ने भोपाल के इतवारा इलाक़े की कंजर बस्ती के दो डेरों पर छापेमार कार्रवाई की। इन डेरों के लगभग 40 घरों में 300 पुलिसवालों ने डेढ़ घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस के अनुसार इन घरों से कुल 21 किलो 50 ग्राम गांजा, 900 ग्राम चरस, 6 पेटी अवैध शराब और लगभग 12 लाख रुपए नक़दी बरामद हुए थे।

पुलिस ने इस मामले में 9 अलग-अलग एफ़आइआर भी दर्ज की। पकड़े गए 31 लोगों में 7 महिलाएं भी थीं। पुलिस ने जब छापा मारा, तो पूरी बस्ती नींद सो रही थी। 3 एसएसपी, 4 सीएसपी और 7 टीआई के साथ इस कार्रवाई के लिए 40 सदस्यीय टीम बनाई गई थी। इस ऑपरेशन में शामिल पुलिसवालों को अंत तक इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। यहां छापा मारने से पहले 15 दिनों से बस्ती की रेकी की गई थी। ऑपरेशन के दरम्यान पुलिस वालों के फ़ोन तक रखवा लिए गए थे। पुलिस ने जब सर्चिंग की तो पहले उसे कुछ भी हाथ नहीं लगा, लेकिन जब उसने ध्यान से देखा, तो कई घरों में पुराने कपड़ों के ढेर दिखे। उन्हें हटाने पर वहां गढ्ढे दिखे। उन गढ्ढों में ड्रग्स छिपाए गए थे।
drugs 1.jpg
अनुमान लगाया जा रहा है कि शहर के एक दर्जन से ज़्यादा इलाक़ों में नशे के सौदागर गिरोह बनाकर सक्रिय हैं। शिकायतों के बावजूद इनके ख़िलाफ़ ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी। यही वजह है कि राजधानी में अंतर्राज्यीय नेटवर्क खड़ा हो गया। भोपाल संभाग के पुलिस महानिरीक्षक योगेश देशमुख ने भोपाल को ड्रग फ़्री करने की मुहिम शुरू की है। वे इस बात की आशंका जताते हैं कि बड़ी कार्रवाइयों के बाद नशा तस्कर अलर्ट हो गए होंगे, लेकिन इसके बावजूद पुलिस उनका नेटवर्क तोड़ देगी। दूसरी ओर भोपाल संभाग की आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव नवोत्थान अभियान चला रही हैं।

इस अभियान के तहत स्कूल एवं कॉलेज के युवाओं को ड्रग्स की चपेट में आने से बचाना है। उन्होंने स्कूल एवं कॉलेज के बाहर एक शिकायत पेटी लगाने के निर्देश दिए हैं, जिसमें नशा एवं नशे के सौदागरों से संबंधी कोई भी जानकारी गोपनीय रूप से छात्र या अन्य लोग डाल सकते हैं। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर ड्रग्स के तस्करों के ख़िलाफ़ कार्रवाई और नशामुक्ति के प्रति जन जागृति के लिए ‘‘प्रहार एवं प्रतिकार’’ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में तस्करी से जुड़े 200 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। 2019 के पहले सात महीने में पूरे प्रदेश में 9.20 किलो स्मैक, 131.6 किलो अफ़ीम एवं उसके 53018 पौधे, 6776 किलो गांजा एवं उसके 44289 पौधे, 3.86 किलो चरस, 26319 किलो डोडा चूरा और नशीली दवाइयों की 47897 शीशी व टेबलेट ज़ब्त किए गए। पिछले 3-4 सालों की तुलना में यह आंकड़ा बहुत ज़्यादा है।

पुलिस के अनुसार, 20 अगस्त को एसटीएफ़ ने यास्मिन पति नूर मोहम्मद उर्फ़ शकुंतला और उसके बेटे शाबिर हुसैन को अल्प्राज़ोलम पाउडर के साथ गिरफ़्तार किया। वे मंदसौर के रहने वाले हैं। वे तस्करी के दरम्यान ट्रेन के एसी कोच से हाई प्रोफ़ाइल तरीक़े से यात्रा करते हैं, जिससे कि पकड़े नहीं जा सकें। दोनों के तार अन्य राज्यों के ड्रग्स तस्करों से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। इस ड्रग्स की सप्लाई होटलों, रेव पार्टियों एवं पर्यटक स्थलों पर किए जाने की बात सामने आई है। यास्मिन इसके पहले बिहार के सासाराम में गिरफ़्तार हो चुकी थी और 8 महीने जेल में रहने के बाद उसने फिर से यह काम शुरू कर दिया। आल्प्राज़ोलम बेहद नशीला एवं सनक बढ़ाने वाला रसायनिक पदार्थ है। अधिकांशतः ख़तरनाक प्रवृत्ति के अपराधी इसका सेवन करते हैं। इसके इस्तेमाल से सीरियल अपराध करने की सनक चढ़ती है। इसका असर भी लंबी अवधि तक रहता है।

भोपाल पुलिस ने 21 अगस्त को भी ड्रग्स माफ़िया के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए अंतर्राज्यीय तस्कर गिरोह को गिरफ़्तार किया। 375 किलो गांजा के साथ 5 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि इनके माध्यम से गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को पकड़ने में मदद मिलेगी और एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफ़ाश होगा।

भोपाल ही नहीं, पूरे प्रदेश में नशे के कारोबारियों का जाल फैला हुआ है। कई गंभीर अपराधों की वजह नशाखोरी ही है। महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे अपराधों में भी नशा एक बड़ा कारण है। ड्रग्स माफ़िया के लिए भोपाल इसलिए मुफ़ीद लगता है कि यहां पहले इतनी सघनता से कोई अभियान नहीं चलाया गया और यहां से अन्य राज्यों में मादक पदार्थों को पहुंचाना आसान रहा है। इस अभियान को लगातार चलाने की ज़रूरत है ताकि प्रदेश के युवा नशे के चुंगल न फंस सकें और भोपाल नशे के कारोबारियों का अड्डा ना बन सके।

drugs
drug menace
Madhya Pradesh
drugs dealers
Drug abuse
bhopal police

Related Stories

मनासा में "जागे हिन्दू" ने एक जैन हमेशा के लिए सुलाया

‘’तेरा नाम मोहम्मद है’’?... फिर पीट-पीटकर मार डाला!

कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

ख़बरों के आगे पीछे: हिंदुत्व की प्रयोगशाला से लेकर देशभक्ति सिलेबस तक

गुजरात में तीन लोगों के पास से 313 करोड़ रुपये मूल्य की मादक पदार्थ जब्त

बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में एमपी पहले और यूपी दूसरे स्थान परः एनसीआरबी

इंदौर में "नाम पूछकर" चूड़ी वाले को पीटा, भारी बवाल के बाद मामला दर्ज 


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License