NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दूध उत्पादकों के सामने आखिरकार झुकी महाराष्ट्र सरकार
दूध पर 25 रूपये प्रति लीटर की घोषणा के बाद 4 दिन से चल रहे आंदोलन को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Jul 2018
महाराष्ट्र दूध उत्पादकों की हड़ताल
Image Courtesy : Samachar Nama

भाजपा की राज्य सरकार को अंततः दूध उत्पादकों की माँगों के सामने झुकना पड़ा है। सरकार की 25 रूपये प्रति लीटर दूध की घोषणा के बाद दूध उत्पादकों ने 4 दिन से चल रहे आंदोलन को समाप्त करने का निर्णय लिया है। दूध में हुई प्रति लीटर 5 रू की वृद्धि 21 जुलाई से राज्य में प्रभावी होगी।

इससे पहले सरकार ने तक़रीबन छह महीने पहले दूध उत्पादकों को प्रति लीटर 27 रूपये देने का वायदा किया था। सरकार के न्यूनतम 27 रू का वायदा करने के बाद किसान संगठनों और दूध उत्पादकों ने सरकार को कई बार आवेदन लिखा कि इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगी। सरकार को अपने वायदे से मुकरता देख दूध उत्पादकों ने पूरे राज्य में दूध आंदोलन करने का निर्णय लिया था जो सोमवार से शुरू हुआ था।

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र किसान आंदोलन: इन चार नेताओं के बारे में आपको पता होना चाहिए

आंदोलन के बाद किसानों ने सड़कों पर दूध की नदियाँ बहा दी थी। किसी ने दूध बहाकर तो किसी ने दूध से खूद या अपने मवेशी को नहलाकर सरकार के प्रति अपनी नाराज़गी दिखाई थी। दूध के टैंकर को पूने, मुंम्बई और नागपूर जैसे बड़े शहरों में जाने से रोकने की वजह से शहर में दूध की किल्लत शुरू हो गई थी।

दूध उत्पादकों और किसानों की नाराजगी को देखते हुए न केवल राज्य बल्कि केंद्र सरकार भी हरकत में आई। केंद्र सरकार की ओर से परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित मंत्री पीयूष गोयल व कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बैठक बुला कर इस मसले का समाधान निकालने पर विचार किया। दूध के निर्यात शुल्क में कटौती, केंद्र की ओर से डेयरी उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए 10 प्रतिशत प्रोतसाहन राशी व रेलवे स्टेशनों पर दूध आउटलेट खोलने की घोषणा की थी।

यह भी पढ़ें-  महाराष्ट्र के किसान एक बार फिर सड़कों पर 

सोमवार को महाराष्ट्र के किसान रविवार रात से दूध आंदोलन की शुरूआत की थी। राज्य सरकार के द्वारा 27 रू प्रति लीटर दूध पर देने की घोषणा के बाद भी किसान 17-20 रू पर बेचने को मज़बूर थे। इसी वायदे को पूरा करने के लिए स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के बैनर तले किसानों और उनसे जुड़े हुए संगठनों ने राज्य में दूध आंदोलन करने की घोषणा की थी। अखिल भारतीय किसान सभा के साथ-साथ 13 किसान संगठनों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया था।

किसानों का आरोप था कि राज्य में दूध से ज़्यादा दामों पर पानी की बिक्री होती है। उनका यह भी कहना था कि शहरों में दूध 40-45 रू पर बिकता है जबकि हम 17-20 पर बेचने को मज़बूर हैं।

स्वाभिमानी शेतकरी संगठना के संस्थापक व सांसद राजू शेट्टी ने इस आंदोलन के लिए किसानों को एकत्रित किया था। आंदोलन खत्म करने कि घोषणा करते हुए राजू शेट्टी ने मीडिया को कहा, ‘सरकार की तरफ से दूध की खरीद का दाम 25 रू प्रति लीटर करने की घोषणा कर दी गई है, अब मैं आंदोलन वापस लेने को तैयार हूँ।’

दूध आंदोलन के खत्म होने से पहले राज्य के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह ऐलान किया था कि आंदोलन में शामिल दूध उत्पादकों के उपर जो भी मुकदमें दर्ज हुए हैं सरकार उन्हें वापस ले लेगी।

जिस देश में पानी 20 रू या उससे अधिक में मिलता हो वहाँ किसानों के लिए 25 रू प्रति लीटर तय कर देना किस हद तक सही है? जबकि यह बात किसी से छुपी नहीं है कि वही दूध पैकेट में बंद कर फूल क्रीम के रूप में बहुराष्ट्रीय कंपनी 50 रू से अधिक पर बेचती हैं।

महाराष्ट्र दूध उत्पादक
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र सरकार
किसान आन्दोलन

Related Stories

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां

आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों की बड़ी जीत, 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी गन्ने की कीमत

शुक्रिया सुप्रीम कोर्ट...! लेकिन हमें इतनी 'भलाई' नहीं चाहिए

महाराष्ट्र महापौर चुनाव: शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की तिकड़ी के आगे भाजपा परास्त

राजस्थान: माकपा के दो लड़ाके पहुंचे विधानसभा

महाराष्ट्र के हिंसक मराठा आंदोलन के लिये कौन जिम्मेदार है?

महाराष्ट्र के कारोबारी ने किसानों के नाम पर लिया 5,400 करोड़ रूपये का लोन

हिमाचल : किसान सभा ने दूध के उचित दाम न मिलने को लेकर किया प्रदर्शन

बुलेट ट्रेन परियोजना के खिलाफ गोदरेज ने की हाई कोर्ट में अपील

मोदी सरकार किसानों को धोखा दे रही है- विजू कृष्णन, AIKS


बाकी खबरें

  • अनाघा पवित्रन
    एलएसआर के छात्रों द्वारा भाजपा प्रवक्ता का बहिष्कार लोकतंत्र की जीत है
    23 Apr 2022
    पासवान ने एक दलित नेता को दूसरे दलित नेता के जन्म-उत्सव पर बोलने की अनुमति नहीं देने के लिए छात्रों की निंदा की। छात्रों ने भी पलटवार किया कि उनकी पहचान एक दलित नेता के रूप में महत्त्वपूर्ण नहीं है,…
  • कुश अंबेडकरवादी
    'जय श्री राम' के बाद अब 'जय हनुमान' क्यों हैं सहारा?
    23 Apr 2022
    भारतीय राजनीति में धर्म की खेती हमेशा से फलती फूलती रही है। कुछ दिनों से धार्मिक चैनलों की बजाय ख़बरिया चैनलों पर राजनीति की हनुमान चालीसा चल रही है।
  • टिकेंदर सिंह पंवार
    क्यों मुसलमानों के घर-ज़मीन और सम्पत्तियों के पीछे पड़ी है भाजपा? 
    23 Apr 2022
    पिछली सदी के दौरान दिल्ली में राजकीय तंत्र द्वारा मुसलमानों को घनी बस्तियों में अपनी जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर किया गया है।
  • भाषा
    जहांगीपुरी में गले मिले हिंदू और मुसलमान, रविवार को निकालेंगे तिरंगा यात्रा
    23 Apr 2022
    कुशल चौक में संवाददाता सम्मेलन के दौरान मौजूद स्थानीय लोगों ने कहा कि वे रविवार को भाईचारे का प्रतिनिधित्व करने के लिए इलाके में 'तिरंगा यात्रा' निकालेंगे।
  • विजय विनीत
    प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा
    23 Apr 2022
    पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच से लग रहा है कि बदमाश लूट के इरादे से आए और घटना को अंजाम दिया है। आशंका है कि हत्यारों ने सुबूत मिटाने के लिए उन्होंने घर में आग लगा दी थी। फिलहाल फारेंसिक और डाग…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License