NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
डीजेबी: यूनियनों ने मीटर रीडर्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई वापस लेने की मांग की, बिलिंग में गडबड़ियों के लिए आईटी कंपनी को दोषी ठहराया
डीजेबी यूनियन ने मंगलवार यह आरोप लगाते हुए एक प्रदर्शन किया कि राष्ट्रीय राजधानी में इस समय पानी की बिलिंग की जो गड़बड़ियां सामने आ रही हैं,वह विप्रो की ओर से व्यवस्थित किये जा रहे राजस्व प्रबंधन प्रणाली के चलते हैं।
रौनक छाबड़ा
29 Dec 2021
डीजेबी: यूनियनों ने मीटर रीडर्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई वापस लेने की मांग की, बिलिंग में गडबड़ियों के लिए आईटी कंपनी को दोषी ठहराया
मंगलवार को नौ यूनियनों ने एकजुट होकर डीजेबी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। फ़ोटो: रौनक छाबड़ा

नई दिल्ली: “पारदर्शिता की दिशा में काम करने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का तो स्वागत है, लेकिन तब नहीं, जब इसे हासिल करने के लिए उठाये गये क़दमों में ‘निर्दोष’ लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का आह्वान शामिल हो”।

दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के कर्मचारियों की नुमाइंदगी करने वाले यूनियनों ने यह कहते हुए 10 वॉटर मीटर रीडर्स को निलंबित करने और 20 आउटसोर्स कर्मचारियों को बर्ख़ास्त करने के विरोध में मंगलवार को नेशनल कैपिटल्स वाटर यूटिलिटी के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

राज्य सरकार की इस एजेंसी ने उक्त श्रमिकों के ख़िलाफ़ इस महीने की शुरुआत में उस समय कार्रवाई की थी, जब वह कथित रूप से गलत मीटर रीडिंग लेते पाये गये, जिसके चलते इस शहर के कई जल उपभोक्ताओं को ग़लत बिलिंग थमा दी गयी।

कथित ग़लत रीडिंग को लेकर अपने कर्मचारियों के ख़िलाफ़ 1998 में अपने गठन के बाद से इस स्टेट वाटर यूटिलिटी की ओर से अपनी तरह की पहली कार्रवाई के तौर पर डीजेबी के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार जैन ने बिलिंग प्रणाली में संशोधन की घोषणा के कुछ दिनों बाद ही यह विवादास्पद क़दम उठाया गया था, जिसके तहत इस शहर के निवासियों को पानी की खपत के बिल जारी किये जाते हैं।

क्या है पूरा मामला

महामारी के चलते लगने वाले लॉकडाउन के बाद डीजेबी को पानी के ज़्यादा बिल की शिकायतें बहुत आने लगी थी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, पानी के बिलों में इस इज़ाफ़े के पीछे का मुख्य कारण ग़लत मीटर रीडिंग था। इस चलते स्टेट वाटर यूटिलिटी को बड़ी संख्या में बिलों को सुधारने और राजस्व अधिकारियों की ओर से रैंडम मीटर रीडिंग इमेज ऑडिटिंग सिस्टम शुरू किया गया।

इस महीने की शुरुआत में आदेश जारी करते हुए जैन ने कथित तौर पर कहा था कि डीजेबी पारदर्शिता की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। ग़ौरतलब है कि जैन इस समय आम आदमी पार्टी (AAP) की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार में जल विभाग के प्रभारी हैं।

हालांकि, मंगलवार को आम आदमी पार्टी से जुड़े श्रमिक विकास संगठन सहित नौ श्रमिक संघों ने कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए डीजेबी प्रशासन की आलोचना की। उनके मुताबिक़, बिलिंग की इन गड़बड़ियों के लिए श्रमिकों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, बल्कि इसके लिए ख़ुद राजस्व प्रबंधन प्रणाली दोषी है, जिसे इस समय बेंगलुरू स्थित आईटी की प्रमुख कंपनी विप्रो की ओर से प्रबंधित किया जा रहा है।

सीटू से से जुड़े म्युनिसिपल वर्कर्स लाल झंडा यूनियन के वीरेंद्र गौड़ ने मंगलवार को न्यूज़क्लिक को बताया, "डीजेबी की ओर से ग़लत तरीक़े से निलंबित और बर्ख़ास्त किये गये कर्मचारी निर्दोष हैं। प्रशासन की तरफ़ से बिलिंग में जिन गड़बड़ियों का हवाला दिया गया है, वह दरअस्ल विप्रो और इसकी ऑनलाइन सेवाओं की ग़लती है।"

एटक से जुड़े दिल्ली जल बोर्ड कर्मचारी यूनियन के यशपाल यादव ने कहा कि डीजेबी ने "विप्रो कंपनी को बचाने" और उसकी ऑनलाइन सेवाओं के लिए ही कर्मचारियों के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई की है। यादव ने आरोप लगाया कि रैंडम मीटर रीडिंग इमेज ऑडिटिंग सिस्टम शुरू होने के बाद मीटर रीडर्स में से कई लोगों ने तो इस सिस्टम पर इमेज अपलोड करने में आने वाली मुश्किलों को लेकर शिकायत भी की थी।

डीजेबी 900 मीटर रीडर्स को रोज़गार देता है। इसके साथ ही 300 दूसरे लोग एक आउटसोर्स निजी एजेंसी की ओर से भी नियोजित हैं। यादव कहते हैं,“उनकी शिकायतों को देखने के बजाय, डीजेबी ने (दिसंबर में पहले मीटर रीडिंग इमेजेज का ऑडिट करने के बाद) श्रमिकों के ख़िलाफ़ ही कार्रवाई कर दी। यह तो ग़लत है और यूनियन चुप नहीं बैठेंगे।'

13 दिसंबर को डीजेबी ने 10 मीटर रीडर्स को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया था। इनमें नरेला ज़ोन में काम करने वाले हरिओम भी शामिल हैं, जिन्होंने कहा कि उन्हें वाटर यूटिलिटी की ओर से "बिना किसी सूचना या चेतावनी के" निलंबित कर दिया गया था।

हृदय रोगी होने का दावा करने वाले 53 साल के इस कर्मचारी ने न्यूज़क्लिक को बताया, “मुझे इसकी कोई मुनासिब वजह भी नहीं बतायी गयी कि मुझे आख़िर क्यों निलंबित किया जा रहा है। उन्होंने अब मुझे यह भी नहीं बताया है कि मैं कब तक अपनी सेवायें नहीं दे सकता हूं।"

इसी तरह, डीजेबी ने अपनी सम्बन्धित उन आउटसोर्स कंपनियों को एक ही दिन में कई कारण बताओ नोटिस जारी कर दिये, जो ऑनलाइन स्पॉट रीडिंग, पानी के मीटर की इमेज कैप्चरिंग, बिलिंग, द्विमासिक आधार पर बिलों के वितरण और अन्य गतिविधियों में लगी हुई हैं।

डीजेबी की निदेशक (राजस्व) आकृति सागर के हस्ताक्षरित नोटिस में उन मीटर रीडर्स के नाम थे, जिनकी सेवायें ख़त्म की जानी थीं, जबकि निजी एजेंसी से जवाब मांगा गया था कि इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए। साथ ही कहा गया था कि आउटसोर्स मीटर रीडर्स के ख़िलाफ़ प्राथमिकी भी दर्ज की जायेगी।

एक आउटसोर्स मीटर रीडर, जिसके ख़िलाफ़ डीजेबी की ओर से "धोखाधड़ी और जालसाज़ी के लिए" प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है, उन्होंने मंगलवार को न्यूज़क्लिक को बताया कि वाटर यूटिलिटी की ओर से की गयी यह "गंभीर कार्रवाई" "ग़ैर-वाजिब" है।

अपनी उम्र की दूसरी दहाई के एक कर्मचारी ने अपना नाम बताने से इनकार कर करते हुए कहा,"मैं अपनी नौकरी वापस नहीं चाहता, भले ही मुझे पता है कि मुझे मेरी ग़लती के बिना ही मेरी सेवा ख़त्म कर दी गयी है। लेकिन, मैं इस समय यही अनुरोध करूंगा कि मेरे ख़िलाफ़ एफआईआर वापस ले ली जाये, क्योंकि इससे भविष्य में तो मुझे कोई नौकरी मिलने की संभावना भी ख़त्म हो जायेगी।”

न्यूज़क्लिक ने टिप्पणी के लिए मंगलवार को डीजेबी की आकृति सागर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। विप्रो के एक अधिकारी ने इस बड़ी आईटी कंपनी के ख़िलाफ़ लगे आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

17 दिसंबर की अपनी शिकायत में डीजेबी वर्कर्स यूनियनों की एक छतरी संस्था- संयुक्त मोर्चा ने इस सरकारी एजेंसी से अपने आदेशों को वापस लेने और विप्रो की ओर से बरती गयी इस "लापरवाही" की तुरंत जांच करने का आग्रह किया। उन्होंने यह मांग भी की कि दूसरे भारतीय राज्यों में भी वाटर यूटिलिटी सर्विसेज़ के प्रबंधन में लगी हुई इस बड़ी आईटी कंपनी को "ब्लैक लिस्टेड" किया जाये।

गौड़ ने मंगलवार को यह चेतवनी भी दी कि अगर यूनियनों की मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो डीजेबी कर्मचारी आने वाले दिनों में सत्येंद्र जैन के आवास का घेराव करेंगे।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

https://www.newsclick.in/djb-unions-demand-roll-back-action-against-meter-readers-blame-it-major-billing-faults

electricity
delhi jal board
New Delhi
AAP
meter readers
Delhi Municipal Workers Protest
satyendra jain

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

नौजवान आत्मघात नहीं, रोज़गार और लोकतंत्र के लिए संयुक्त संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ें

दिल्ली: डीबीसी कर्मचारियों की हड़ताल 16वें दिन भी जारी, कहा- आश्वासन नहीं, निर्णय चाहिए

दिल्ली : स्थाई पद की मांग को लेकर डीबीसी कर्मचारियों ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल


बाकी खबरें

  • सबरंग इंडिया
    सद्भाव बनाए रखना मुसलमानों की जिम्मेदारी: असम CM
    17 Mar 2022
    हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि एक करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्य में मुस्लिम आबादी का 35 प्रतिशत हैं, वे अब अल्पसंख्यक नहीं, बल्कि बहुसंख्यक हैं।
  • सौरव कुमार
    कर्नाटक : देवदासियों ने सामाजिक सुरक्षा और आजीविका की मांगों को लेकर दिया धरना
    17 Mar 2022
    कलबुर्गी, विजयपुरा, विजयनगर, रायचूर, दवेंगेरे, बागलकोट, बल्लारी, यादगीर और कोप्पल ज़िलों की लगभग 1500 देवदासियों ने पुनर्वास की मांग को लेकर बेंगलुरु शहर में धरना दिया।
  • UKRAIN
    क्लाउस उलरिच
    गेहूं के निर्यात से कहीं बड़ी है यूक्रेन की अर्थव्यवस्था 
    17 Mar 2022
    1991 में सोवियत संघ से स्वतंत्रता मिलने के बाद, यूक्रेन का आर्थिक विकास भ्रष्टाचार, कैपिटल फ्लाइट और सुधारों की कमी से बाधित हुआ। हाल ही में हुए सुधारों से अब देश में रूस के युद्ध की धमकी दी जा रही…
  • भाषा
    दिल्ली हिंसा में पुलिस की भूमिका निराशाजनक, पुलिस सुधार लागू हों : पूर्व आईपीएस प्रकाश सिंह
    17 Mar 2022
    ‘पुलिस के लिये सबसे सशक्त हथियार नागरिकों का भरोसा एवं विश्वास होता है । नागरिक आपके ऊपर भरोसा तभी करेंगे जब आप उचित तरीके से काम करेंगे । ऐसे में लोगों को साथ लें । सामान्य जनता के प्रति संवेदनशील…
  • तान्या वाधवा
    कोलंबिया में राष्ट्रपति पद के दौड़ में गुस्तावो पेट्रो
    17 Mar 2022
    अलग-अलग जनमत सर्वेक्षणों के मुताबिक़ कोलंबिया में आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए प्रगतिशील नेता गुस्तावो पेट्रो पसंदीदा उम्मीदवार हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License