NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एडीआर रिपोर्ट : 470 करोड़ के चंदे में बीजेपी को मिला 437 करोड़, बाकी दल 33 करोड़ में सिमटे
वर्ष 2017-18 में राजनीतिक चंदे के रूप में राष्ट्रीय दलों को मिले कुल 469.89 करोड़ रुपये चंदे में से सत्ता में विराजमान बीजेपी को लगभग सारा हिस्सा मिल गया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्‍स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
पीयूष शर्मा
18 Jan 2019
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy: google

भारत के राष्ट्रीय दलों को वर्ष 2017-18 में चंदे के रूप में 469.89 करोड़ रुपये मिले हैं। ये डोनेशन या चंदे का वह हिस्सा है जो 20 हजार रुपये से अधिक है। इसमें से ज्यादातर हिस्सा बीजेपी के खाते में गया है। उसे अकेले 437.04 करोड़ रुपये चंदा मिला है। बाकी बचे 32.85 करोड़ में बाकी राष्ट्रीय दल समा गए हैं।

राजनीतिक दलों को बीस हजार रुपयों से अधिक मिले चंदे का विवरण

donation chart.jpg

(चार्ट : एडीआर से साभार)

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बीजेपी ने जिस चंदे की घोषणा की है वह बाकी राष्ट्रीय दलों, कांग्रेस, राकांपा, भाकपा, माकपा और तृणमूल कांग्रेस को मिले चंदे से 12 गुना अधिक है। बीजेपी को यह चंदा 2977 दान में मिला है।

राष्ट्रीय दलों को 422 करोड़ जो कि कुल दान का करीब 90 फीसदी है वह 1361 कॉर्पोरेट दानदाताओं से मिला है और इसके साथ ही 47 करोड़ दान जो कुल दान का 10 फीसदी है वो 2772 लोगों (व्यक्तिगत) दान दाताओं से मिला है। बीजेपी को मिले कुल चंदे में से 92 फ़ीसदी कॉर्पोरेट से मिलने वाला चंदा है और कांग्रेस को मिले कुल चंदे का 72 फ़ीसदी कॉर्पोरेट से आया है।

शीर्ष के दो चंदा देने वालों में प्रूडेंट/सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी और कांग्रेस को 2017-18 में कुल 164.30 करोड़ रुपये का दान दिया है,  इसमें से भाजपा को अकेले 154.30 करोड़ जो उसे कुल मिले चंदे का 35 प्रतिशत है और कांग्रेस को 10 करोड़ का चंदा दिया है जो कि उसको मिले कुल चंदे का 38 फ़ीसदी है। 

एडीआर रिपोर्ट में बताया है कि बसपा को 20 हजार रूपये से अधिक का चंदा नहीं मिला है। बसपा पिछले 12 साल से हर साल यही घोषणा करती आ रही है।

वित्तीय वर्ष 2017-18  में राष्ट्रीय दलों का कुल दान पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 की तुलना में 20 फ़ीसदी (119.49 करोड़) कम रहा है। धनराशि के हिसाब से बीजेपी के दान में 95.23 करोड़ रुपये की गिरावट हुई है, बीजेपी ने 2016-17 के दौरान 532.27 करोड़ रुपये चंदा मिलने की घोषणा की थी, इस वर्ष मिली चंदे की राशि पिछले वर्ष से 18 फ़ीसदी कम हो गयी है। तथा कांग्रेस को पिछली बार 2016-17 में 41.90 करोड़ रुपये का चंदा मिला था जो इस वर्ष 36 प्रतिशत घटकर 26.65 करोड़ रुपये हो गया हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि दलों को मिले कुल दान का 9 प्रतिशत यानी 42.60 करोड़ रुपये का चंदा किस राज्य से आया है, इसका अधूरी सूचना के कारण पता नहीं चल सका है।

एडीआर ने सुझाव दिया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितम्बर 2013 को यह घोषित किया था कि उम्मीदवारों के शपथपत्र का कोई हिस्सा खाली नहीं रहना चाहिए, इसी प्रकार फॉर्म 24ए (जो राजनैतिक दलों द्वारा 20,000 रुपये से ज्यादा दान देने वाले लोगो के लिए प्रस्तुत किया जाता है) का भी कोई हिस्सा खाली नहीं होना चाहिए। क्योंकि दलों की आय का 80 फ़ीसदी अज्ञात स्रोतों से आता है। चंदा देने वालों की पूरी जानकारी, सार्वजनिक जाँच के लिए आम जनता को उपलब्ध होनी चाहिए और इसके साथ ही यह सुझाव भी दिया कि दलों को सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत जानकारी देनी चाहिए, ऐसा करने से चुनाव प्रक्रिया और लोकतंत्र मजबूत होगा।

ADR Report
national partys
BJP
Congress
NCP
BSP
CPI(M)
CPI
TMC
donation
Corporates Donation
election commission of India

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    चारा घोटाला: झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू यादव को डोरंडा कोषागार मामले में ज़मानत दी
    22 Apr 2022
    लालू प्रसाद के खिलाफ रांची में चारा घोटाले का यह अंतिम मामला था और अब उनके खिलाफ पटना में ही चारा घोटाले के मामले विचाराधीन रह गये हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में…
  • अजय कुमार
    जहांगीरपुरी में चला बुल्डोज़र क़ानून के राज की बर्बादी की निशानी है
    22 Apr 2022
    बिना पक्षकार को सुने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कानून द्वारा निर्धारित यथोचित प्रक्रिया को अपनाए बिना किसी तरह के डिमोलिशन की करवाई करना अन्याय है। इस तरह के डिमोलिशन संविधान के अनुच्छेद…
  • लाल बहादुर सिंह
    संकट की घड़ी: मुस्लिम-विरोधी नफ़रती हिंसा और संविधान-विरोधी बुलडोज़र न्याय
    22 Apr 2022
    इसका मुकाबला न हिन्दू बनाम हिंदुत्व से हो सकता, न ही जातियों के जोड़ गणित से, न केवल आर्थिक, मुद्दा आधारित अर्थवादी लड़ाइयों से। न ही महज़ चुनावी जोड़ तोड़ और एंटी-इनकंबेंसी के भरोसे इन्हें परास्त किया…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला
    22 Apr 2022
    कई आदिवासी संगठन पंचायती चुनावों पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजभवन पर लगातार धरना दे रहें हैं। 
  • अनिल जैन
    मुद्दा: हमारी न्यायपालिका की सख़्ती और उदारता की कसौटी क्या है?
    22 Apr 2022
    कुछ विशेष और विशिष्ट मामलों में हमारी अदालतें बेहद नरमी दिखा रही हैं, लेकिन कुछ मामलों में बेहद सख़्त नज़र आती हैं। उच्च अदालतों का यह रुख महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और दूसरे…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License