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ईजिप्ट में सरकार-विरोधी प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी
इन विरोध प्रदर्शनों में आम मिस्रवासियों की भागीदारी को देखा गया है जो सरकार से व्यापक भ्रष्टाचार, आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण सत्ता छोड़ने का आह्वान कर रहे हैं।
पीपल्स डिस्पैच
24 Sep 2020
ईजिप्ट

मिस्र भर में सरकार-विरोधी प्रदर्शन बुधवार 23 सितंबर को अपने चौथे दिन में प्रवेश कर गया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने मिश्र के सेना प्रमुख से राष्ट्रपति बने अब्देल फत्तह अल-सीसी को अपने पद से इस्तीफ़ा देने की मांग को जारी रखा है। पिछले साल 20 सितंबर को शुरू हुए भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों की पहली बरसी पर और स्व-निर्वासित आर्मी कॉन्ट्रैक्टर मोहम्मद अली की अगुवाई में शुरू हुए प्रदर्शनों का आयोजन राजधानी काहिरा सहित देश भर के शहरों और गांवों में किया गया।

अली ने पिछले साल सार्वजनिक रूप से वायरल वीडियो जारी किया था जो सरकारी भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा था जिसके परिणामस्वरूप उक्त सरकार के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।

इन प्रदर्शनों में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को मार्च करते हुए देखा गया। इस दौरान वे "डॉन्ट फीयर, सिसी मस्ट वॉक"और "गो बलहा" जैसे नारे लगाए गए। बलहा सीसी को मिस्रवासियों द्वारा दिया गया उपनाम है जो उनका मजाक उड़ाने के इरादे से दिया गया है।

इससे पहले, स्पेन स्थित अली ने इन प्रदर्शनों को फिर से शुरू करने के लिए मिस्रवासियों से आग्रह किया था। अली ने मिस्र के लोगों से आह्वान किया कि वह शुक्रवार 25सितंबर को कार्यालय से पद छोड़ने की अपनी मांग को दोहराते हुए 'क्रोध दिवस' में भाग लें।

इन विरोध प्रदर्शनों की प्रतिक्रिया में मिस्र के अधिकारियों और सुरक्षा बलों ने "आतंकवादी समूह में शामिल होने", "झूठी ख़बर प्रसारित करने", "सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने" और "अवैध विरोध" जैसे आरोपों को लेकर देश भर में 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। गिरफ़्तार किए गए लोगों में से 150 को राज्य सुरक्षा अभियोजन के समक्ष पेश किया जा चुका है।

मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, पिछले साल भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान, सुरक्षा बलों द्वारा 4000 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने पिछले साल के प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए गिरफ़्तार किए गए सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा करने के लिए सीसी सरकार से आह्वान किया है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने सिसी सरकार द्वारा इस कार्रवाई को आधुनिक इतिहास में सबसे बुरा बताया है।

विभिन्न मानवाधिकार समूहों के अनुसार वर्तमान में मौजूदा निरंकुश सरकार द्वारा मिस्र की विभिन्न जेलों में 60000से अधिक राजनीतिक क़ैदियों को रखा गया है। ये क़ैदी समाज के हर स्तर का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License