NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एल्गार परिषद: नवलखा को तलोजा जेल के 'अंडा सेल' में भेजा गया, सहबा हुसैन बोलीं- बिगड़ गई है तबीयत
हुसैन ने पूछा- “नवलखा को उनके विचारों के लिए कब तक सताया जाएगा और अधिकारी उनकी विचारधारा को तोड़ने के लिए किस हद तक जाएंगे।''
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Oct 2021
gautam navlakha

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल के 'अंडा सेल' (उच्च सुरक्षा बैरक) में भेज दिया गया है। नवलखा की साथी सहबा हुसैन ने रविवार को यह बात कही और दावा किया कि इस वजह से 70 वर्षीय नवलखा की पहले से ही खराब तबीयत और बिगड़ गई है।

हुसैन ने एक बयान में दावा किया कि नवलखा को 12 अक्टूबर को नियमित बैरक से अंडा सर्कल में स्थानांतरित कर दिया गया था।

हुसैन ने पूछा कि “नवलखा को उनके विचारों के लिए कब तक सताया जाएगा और अधिकारी उनकी विचारधारा को तोड़ने के लिए किस हद तक जाएंगे।''

बयान में आगे कहा गया है कि एल्गार परिषद मामले के आरोपियों को जेल में छोटी और बुनियादी जरूरतों के लिए भी अपमान सहन करना पड़ता है।

हुसैन ने कहा, ''अंडा सर्कल में वह जेल के हरियाली वाले क्षेत्र में सैर करने और ताजी हवा से वंचित हैं और उनका स्वास्थ्य और खराब हो गया है। इस समय उन्हें विशेष चिकित्सा देखभाल की बहुत अधिक आवश्यकता है।''

नवलखा को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में 28 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया गया था। शुरुआत में उन्हें घर में नजरबंद रखा गया और बाद में नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके बारे में पुलिस ने दावा किया कि इससे शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास अगले दिन हिंसा भड़की।

पुणे पुलिस ने दावा किया कि सम्मेलन माओवादियों द्वारा समर्थित था।

आपको बता दें कि इसी मामले में देश के कई बुद्धजीवियों, पत्रकारों, लेखकों सहित समाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी हुई है। हालांकि, किसी भी मामले में पुलिस कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है। इसमें आनन्द तेलतुम्बड़े, सुधा भारद्वाज, सोमा सेन, अरुण फरेरा, वेरनॉन गोंजाल्विस, सुधीर धावले, वरवरा राव, रोना विल्सन, गौतम नवलखा और फादर स्टेन स्वामी जैसे बुद्धिजीवी भी शामिल हैं। यह सभी, आम लोगों के सम्मानपूर्वक जीने के हक के पक्ष में, कोर्ट से लेकर सड़क तक संघर्षशील रहे थे। ये लोग स्वास्थ्य-शिक्षा मुफ्त मिले, इसके लिए निजीकरण का विरोध करते रहे हैं और उन आदिवासियों के साथ खड़े हुए जिनकी जीविका के संसाधन को छीन कर पूंजीपतियों के हवाले किया जाता रहा है। इसलिए ये लोग शासक वर्ग के आंखों के किरकिरी बने हुए थे।

सुधा भरद्वाज, सोमा सेन, अरुण फरेरा, वेरनॉन गोंजाल्विस, फादर स्टेन स्वामी, सुधीर धावले, वरवरा राव, रोना विल्सन भीमा कोरेंगांव केस में जून और सितम्बर, 2018 से ही महाराष्ट्र के जेलों में बंद हैं। जबकि इस केस के गुनाहगार संभाजी भिंडे और मिलिन्द एकबोटे बाहर हैं।

महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद केन्द्र सरकार ने इस केस को एनआईए के हाथों में सुपुर्द कर दिया था। 18 माह बाद लम्बी कानूनी प्रक्रिया झेलने के बाद 14 अप्रैल 2020, को गौतम नवलखा और आनन्द तेलतुम्बड़े को एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। तब से ही ये दोनों भी जेल में हैं।

फादर स्टेन स्वामी की तो इलाज़ के आभाव में हिरासत में ही मौत हो गई है। हालाँकि इतने दिनों से जेल में रखने के बाद भी जाँच एजेंसी कोई ठोस सबूत नहीं दे पाई है। जबकि इस दौरान कई ऐसे खुलासे हुए जो ये इशारा करते है कि इन्हे आपरधिक घटना नहीं बल्कि एक राजनैतिक साज़िश के तहत जेल में डाल गया है। इसी साल फरवरी में आई  एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका स्थित  एक डिजिटल फोरेंसिक फर्म ने पाया है कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच कर रही पुलिस द्वारा एक्टिविस्ट रोना विल्सन के एक लैपटॉप में मालवेयर का इस्तेमाल करते हुए "भड़काऊ" सबूत डाले गए थे। विल्सन उन 15 कार्यकर्ताओं, वकीलों और शिक्षाविदों के एक समूह में शामिल हैं, जिन्हें 1 जनवरी, 2018 को हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र में जेल में कैद किया गया है। 

सरकार के अनुसार वर्ष 2016-2019 के दौरान यूएपीए के तहत 5,922 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

यह सरकार लगातार सामाजिक कार्यकर्ताओं और अपने विरोधियों को जेल भेज रही है। केंद्र सरकार ने बताया कि वर्ष 2016 से 2019 के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में विधिविरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 5,922 है।

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की कुल संख्या 1,948 है।

उन्होंने कहा कि यूएपीए के तहत 2016 से 2019 के दौरान गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की कुल संख्या 5,922 है जबकि इस अवधि में 132 व्यक्तियों को बरी कर दिया गया है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

elgar parishad
gautam navlakha
Anda Cell
Taloja Prison
Bombay HC

Related Stories

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

भीमा कोरेगांव: बॉम्बे HC ने की गौतम नवलखा पर सुनवाई, जेल अधिकारियों को फटकारा

जेल के अंडा सेल में गौतम नवलखा, ज़िंदगी ख़तरे में होने का अंदेशा : सहबा

एल्गार परिषद मामला : कोर्ट ने कहा वरवरा राव को 18 नवंबर तक सरेंडर करने की ज़रूरत नहीं

'नये भारत' को नफ़रती भीड़तंत्र क्यों बना रहे हैं, मोदी जी!

स्टेन स्वामी: जब उन्होंने फादर ऑफ द नेशन को नहीं छोड़ा तो ‘फादर’ को क्या छोड़ते

स्टेन स्वामी की मौत के ख़िलाफ़ देशभर में उठ रही आवाज़; एल्गार मामले के अन्य आरोपियों ने जेल में भूख हड़ताल की

एल्गार मामला : परिजनों ने मुख्यमंत्री से की कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग

गौतम नवलखा की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज, पंचायत चुनाव में मरे लोगों को 1 करोड़ मुआवज़ा और अन्य ख़बरें

सुधा भारद्वाज राजनीतिक बंदी हैं कोई क्रिमिनल नहीं, कोरोना महामारी को देखते हुए उन्हें जल्द रिहा किया जाए


बाकी खबरें

  • बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    18 May 2022
    ज़िला अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए स्वीकृत पद 1872 हैं, जिनमें 1204 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं, जबकि 668 पद खाली हैं। अनुमंडल अस्पतालों में 1595 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 547 ही पदस्थापित हैं, जबकि 1048…
  • heat
    मोहम्मद इमरान खान
    लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार
    18 May 2022
    उत्तर भारत के कई-कई शहरों में 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पारा चढ़ने के दो दिन बाद, विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के चलते पड़ रही प्रचंड गर्मी की मार से आम लोगों के बचाव के लिए सरकार पर जोर दे रहे हैं।
  • hardik
    रवि शंकर दुबे
    हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?
    18 May 2022
    गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने पार्टी पर तमाम आरोप मढ़ते हुए इस्तीफा दे दिया है।
  • masjid
    अजय कुमार
    समझिये पूजा स्थल अधिनियम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां
    18 May 2022
    पूजा स्थल अधिनयम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां तब खुलकर सामने आती हैं जब इसके ख़िलाफ़ दायर की गयी याचिका से जुड़े सवालों का भी इस क़ानून के आधार पर जवाब दिया जाता है।  
  • PROTEST
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पंजाब: आप सरकार के ख़िलाफ़ किसानों ने खोला बड़ा मोर्चा, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डाला डेरा
    18 May 2022
    पंजाब के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद वे मंगलवार से ही चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License