NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एमपी गज़ब है!
मध्य प्रदेश वाकई गज़ब है। नेताओं से लेकर मीडिया सबको दिनभर छकाता रहा। यहां तकरीबन 17 सीट ऐसी हैं जहाँ अंतर 1000 से कम है और 9 सीट ऐसी हैं जहाँ अंतर 500 से भी कम था। कई सीटें ऐसी थीं जिनमे अंतर 100 से भी कम था |
मुकुंद झा
11 Dec 2018
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव

आज देश के पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आए हैं। जिसमें सबसे रोमांचक नतीजे मध्य प्रदेश के है क्योंकि अन्य राज्यों के नतीजे दोपहर होते होते साफ हो गए थे परन्तु मध्य प्रदेश के नतीजे शाम तक भी साफ नहीं हुए। एक नारा जो मध्य प्रदेश का पर्यटन मंत्रालय  प्रयोग करता है कि एमपी गज़ब है वो आज साफ दिखा। जब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और मिजोरम और तेलंगाना में अन्य दल अपनी जीत का जश्न मना रहे थे और अन्य दल अपनी हार के कारणों की समीक्षा कर रहे थे, तब मध्य प्रदेश के दलों को यह पता ही नहीं था की कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है।

अभी तक जो ट्रेंड सामने आये हैं और जो बढ़त दिख रही है उसमें बहुत कम अंतर है और वो हर मिनट बदल रहा है जिससे अंदाजा लगाना मुश्किल है कि किस तरह सरकार बनेगी।  अभी तक रुझानों के मुताबिक तकरीबन प्रदेश की 17 सीट ऐसी हैं जहाँ अंतर 1000 से कम है और 9 सीट ऐसी हैं जहाँ अंतर 500 से भी कम था। कई सीट ऐसी थी जिसमें अंतर 100 से भी कम था। देवोरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस केबल 4 वोटो से  आगे थी, जोगर में तो केवल एक वोट का अंतर है जिससे ये अंदाजा लगना मुश्किल है कि कौन जीत रहा है। लेकिन अबतक के रुझानो ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस को पिछले चुनावों के मुकाबले मजबूत बढ़त मिली है और भाजपा को भारी नुकसान हुआ है।

चुनावों से पूर्व कांग्रेस कह रही थी कि वो चुनावों को आसानी से जीत रही है परन्तु चुनाव परिणामों ने दिखाया कि मुकाबला इतना असान नहीं था जबकि यह भी सत्य है कि भाजपा के खिलाफ लोगों में गुस्सा था और इसीलिए लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट किया परन्तु जानकारों का कहना है कि कांग्रेस जमीनी समस्याओं को ठीक से चुनावी मुद्दा न बना सकी,  जिस कारण इतना कड़ा मुकाबला हुआ  है। इसका एक कारण यह भी है कि कांग्रेस के भीतर गुटबाजी थी। अगर कांग्रेस पूरी ताकत से लड़ती तो मध्य प्रदेश का चुनाव एकतरफा होता और भाजपा की बुरी हार होती।

इन सबके बाबजूद भाजपा के लिए ये भारी नुकशान है खासतौर से भाजपा जो खुद को देश में अपरजित समझ रही थी उसे 2019 से पहले पांच राज्यों में इस तरह का चुनाव परिणाम उनके लोकसभा के चुनाव के अभियान के लिए धक्का है |

 

MP
विधानसभा चुनाव
BJP
Congress
चुनाव आयोग

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’
    09 May 2022
    अदालत ने कहा कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर हुए घटनाक्रम और दंगे रोकने तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में स्थानीय प्रशासन की भूमिका की जांच किए जाने की आवश्यकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,207 नए मामले, 29 मरीज़ों की मौत 
    09 May 2022
    राज्यों में कोरोना जगह-जगह पर विस्पोट की तरह सामने आ रहा है | कोरोना ज़्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में बच्चो को अपनी चपेट में ले रहा है |
  • Wheat
    सुबोध वर्मा
    क्या मोदी सरकार गेहूं संकट से निपट सकती है?
    09 May 2022
    मोदी युग में पहली बार गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है और ख़रीद घट गई है, जिससे गेहूं का स्टॉक कम हो गया है और खाद्यान्न आधारित योजनाओं पर इसका असर पड़ रहा है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: एक निशान, अलग-अलग विधान, फिर भी नया इंडिया महान!
    09 May 2022
    क्या मोदी जी के राज में बग्गाओं की आज़ादी ही आज़ादी है, मेवाणियों की आज़ादी अपराध है? क्या देश में बग्गाओं के लिए अलग का़ानून है और मेवाणियों के लिए अलग क़ानून?
  • एम. के. भद्रकुमार
    सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति
    09 May 2022
    सीआईए प्रमुख का फ़ोन कॉल प्रिंस मोहम्मद के साथ मैत्रीपूर्ण बातचीत के लिए तो नहीं ही होगी, क्योंकि सऊदी चीन के बीआरआई का अहम साथी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License