NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
संस्कृति
पुस्तकें
कला
भारत
दिल्ली में लगाई गई सत्यजीत रे द्वारा डिज़ाइन किये गए किताबों के कवर की प्रदर्शनी
मशहूर फ़िल्मकार सत्यजीत रे ने अपना करियर बतौर ग्राफ़िक डिज़ाइनर किया था। उनके द्वारा डिज़ाइन किये ऐतिहासिक बुक कवर की प्रदर्शनी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में लगाई गई है, जो 1 मार्च तक चलेगी।
भाषा
23 Feb 2022
Satyajit ray

नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) सिनेमा जगत में फिल्मकार के तौर पर शोहरत कमाने वाले सत्यजीत रे ने अपने करियर की शुरुआत एक विज्ञापन एजेंसी में ग्राफिक डिजाइनर के तौर पर की थी और फिर एक ‘पब्लिशिंग हाउस’ के लिए उन्होंने किताबों के बेहतरीन और ऐतिहासिक कवर डिजाइन किए जो आज भी अनूठे माने जाते हैं।

दो मई 1921 को जन्मे सत्यजीत रे के जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर साल भर तक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

इसी के तहत उनके द्वारा तैयार किए गए पुस्तकों के कवर के डिजिटल पुनर्मुद्रण की प्रदर्शनी राष्ट्रीय राजधानी स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित की गई है जो एक मार्च तक चलेगी।

इस प्रदर्शनी में रे द्वारा तैयार किए गए, 70 किताबों के कवर का प्रदर्शन किया जा रहा है जिनमें से 25 कवर रे की खुद की किताबों के हैं। इसके अलावा कविता संग्रह, उपन्यास, आत्मकथा, सिनेमा, अनुवाद की गई किताबों के कवर हैं जिन्हें रे ने खुद तैयार किया था।

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित रे ने जिम कॉर्बेट पर मशहूर किताब ‘ मैन ईटर्स ऑफ कुमांऊ’ के बंगाली संस्करण का कवर डिजाइन किया है। इस किताब के कवर को यहां प्रदर्शित किया गया है, जिसमें एक मृत बाघ का चित्र है। बाघ को गोली मारी गई थी जो उसके शरीर के आर-पार हो गई थी। गोली लगने वाली जगह पर छेद छोटा है और उसके, शरीर से बाहर निकलने वाली जगह पर छेद बड़ा है। रे ने गोली लगने और निकलने के स्थान का इस्तेमाल कहानी का सारांश और लेखक का परिचय देने के लिए किया।

उन्होंने सुकुमार की पुस्तक ‘खाई खाई’ का कवर भी डिजाइन किया जिसे 1951 में सिगनेट प्रेस ने प्रकाशित किया था। इसके कवर पर 35 व्यक्तियों के चित्र हैं, सभी 35 व्यक्ति अलग-अलग मुद्रा में हैं और वे खाना खा रहे हैं या परोस रहे हैं।

वर्ष 1946 में सिगनेट प्रेस द्वारा प्रकाशित ‘पग्ला दाशू’ स्कूल जाने वाले एक शरारती बच्चे की कहानी है। रे ने इस किताब के कवर पर एक लड़के का चित्र बनाया है जिसमें बच्चे के चेहरे पर शरारती मुस्कान है।

इसी तरह से रे ने परम पुरुष श्री श्री रामकृष्ण की एक किताब के कवर पर पांडुलिपि की तरह हिंदू धर्म से संबंधित बातें लिखी हैं जिससे किताब की भावना व्यक्त होती है।

इस प्रदर्शनी की आयोजक इंद्राणी मजूमदार ने ‘भाषा’ को बताया, “सत्यजीत रे का करियर एक ग्राफिक कलाकार के तौर पर शुरू हुआ था और उन्होंने 1943 में ब्रिटिश द्वारा संचालित विज्ञापन एजेंसी डीजे केमेर (अब इसका नाम ओगील्वी हो गया है) में कनिष्ठ विजुलाइज़र के तौर पर नौकरी शुरू की थी। उन दिनों इसे‘ कमर्शियल आर्टिस्ट’ कहा जाता था।”

उन्होंने कहा, “एजेंसी के किसी शख्स ने पब्लिशिंग हाउस की शुरुआत की थी जिसका नाम सिगनेट प्रेस था जहां रे को पुस्तक जैकेट्स (कवर) तैयार करने का मौका मिला।"

उन्होंने कहा, “ रे जो विज्ञापन तैयार करते थे उनमें अक्सर विभिन्न लोक परंपराओं की झलक दिखती थी।” 

मजूमदार ने बताया कि रे ने करीब 5500 पुस्तक कवर, पोस्टर, विज्ञापन लेआउट और फिल्म टाइटल तैयार किए हैं।

Satyajit Ray
satyajit ray birth centenary
satyajit ray filmmaker
IIC delhi

Related Stories

समानांतर सिनेमा के जनक मृणाल सेन नहीं रहे


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License