NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
हल चलाने वालों का कोई हल नहीं है, क्यों?
मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ देश भर के किसानों का आंदोलन दिन ब दिन बढ़ रहा है। इसी सिलसिले में पेश है इरशाद ख़ान सिकंदर की एक नज़्म...
न्यूज़क्लिक डेस्क
14 Dec 2020
किसानों का आंदोलन

मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ देश भर के किसानों का आंदोलन दिन ब दिन बढ़ रहा है। किसानों के समर्थन में मज़दूर, छात्र, बुद्धिजीवी, कलाकार और समाज के अन्य हिस्सों के तमाम संगठन आ चुके हैं। मगर सरकार अभी भी क़ानूनों को वापस लेने का नाम नहीं ले रही है।

ऐसे में उर्दू अदब के मशहूर शायर इरशाद ख़ान सिकंदर अपनी एक नज़्म के ज़रिये सवाल पूछ रहे हैं कि 'हल चलाने वालों का कोई हल नहीं है, क्यों?'

बाग़बाँ के हिस्से में फूल फल नहीं है क्यों
हल चलाने वालों का कोई हल नहीं है क्यों

क्या सभी सवालों की तुम ज़ुबान खींचोगे
या कोई नई रेखा दरमियान खींचोगे
पाँव के तलों से तो खींच ली ज़मीं कब की
बोलो अब सरों से क्या आसमान खींचोगे
कल पे बात टलती है आता कल नहीं है क्यों
हल चलाने वालों का कोई हल नहीं है क्यों

सुन लो देशवासी हैं चीन से नहीं आये 
ये किसी सियासत की बीन से नहीं आये
इनका धर्म खेती है साधना है मज़दूरी
तुम न देख पाओ तो है तुम्हारी बेनूरी 
चैन अन्नदाता को एक पल नहीं है क्यों
हल चलाने वालों का कोई हल नहीं है क्यों

आप तो ये देखेंगे फ़स्ल लहलहाती है
मिट्टी से मुहब्बत में नब्ज़ डूब जाती है
नींद छीन लेती हैं और सुकून पीती हैं
खेतियाँ किसानों का अब तो ख़ून पीती हैं
देश है सबल जिनसे उनको बल नहीं है क्यों
हल चलाने वालों का कोई हल नहीं है क्यों

इरशाद ख़ान सिकन्दर

Irshad Khan Sikander
farmers protest
Farm Bills
Modi government
BJP
poem
nazm

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिकों का संघर्ष जारी, 15 महीने से कर रहे प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • उपेंद्र स्वामी
    अंतरिक्ष: हमारी पृथ्वी जितने बड़े टेलीस्कोप से खींची गई आकाशगंगा के ब्लैक होल की पहली तस्वीर
    13 May 2022
    दुनिया भर की: ब्लैक होल हमारे अंतरिक्ष के प्रमुख रहस्यों में से एक है। इन्हें समझना भी अंतरिक्ष के बड़े रोमांच में से एक है। इस अध्ययन के जरिये अंतरिक्ष की कई अबूझ पहेलियों को समझने में मदद
  • परमजीत सिंह जज
    त्रासदी और पाखंड के बीच फंसी पटियाला टकराव और बाद की घटनाएं
    13 May 2022
    मुख्यधारा के मीडिया, राजनीतिक दल और उसके नेताओं का यह भूल जाना कि सिख जनता ने आखिरकार पंजाब में आतंकवाद को खारिज कर दिया था, पंजाबियों के प्रति उनकी सरासर ज्यादती है। 
  • ज़ाहिद खान
    बादल सरकार : रंगमंच की तीसरी धारा के जनक
    13 May 2022
    बादल सरकार का थिएटर, सामाजिक-राजनीतिक बदलाव का थिएटर है। प्रतिरोध की संस्कृति को ज़िंदा रखने में उनके थर्ड थिएटर ने अहम रोल अदा किया। सत्ता की संस्कृति के बरअक्स जन संस्कृति को स्थापित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    असम : विरोध के बीच हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 3 मिलियन चाय के पौधे उखाड़ने का काम शुरू
    13 May 2022
    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस साल फ़रवरी में कछार में दालू चाय बाग़ान के कुछ हिस्से का इस्तेमाल करके एक ग्रीनफ़ील्ड हवाई अड्डे के निर्माण की घोषणा की थी।
  • पीपल्स डिस्पैच
    इज़रायल को फिलिस्तीनी पत्रकारों और लोगों पर जानलेवा हमले बंद करने होंगे
    13 May 2022
    टेली एसयूआर और पान अफ्रीकन टीवी समेत 20 से ज़्यादा प्रगतिशील मीडिया संस्थानों ने वक्तव्य जारी कर फिलिस्तीनी पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की हत्या की निंदा की है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License