NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कृषि
भारत
राजनीति
किसान ट्रैक्टर मार्च : बिजनौर से 200 ट्रैक्टर ग़ाज़ीपुर बॉर्डर जाने को तैयार
बिजनौर के धामपुर के दुष्यंत राणा ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ट्रैक्टर रैलियों का यह सिलसिला पिछले महीने शुरू हुआ था और बीकेयू द्वारा आयोजित यह तीसरा ट्रैक्टर मार्च है।
अब्दुल अलीम जाफ़री
24 Jul 2021
किसान ट्रैक्टर मार्च : बिजनौर से 200 ट्रैक्टर ग़ाज़ीपुर बॉर्डर जाने को तैयार

22 जुलाई की सुबह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बिजनौर ज़िले के धामपुर के किसान दुष्यंत राणा के लिए व्यस्त थी, क्योंकि वह 3 कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 8 महीने से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन(बीकेयू) के आह्वान पर होने वाली 'ट्रैक्टर रैली' की तैयारियों में लगे थे।

राणा ने अपने ट्रैक्टर पर बीकेयू का झंडा फहराया, टंकी में डीजल भरा और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर के लिए रवाना होने वाले 200 ट्रैक्टरों के पहले क़ाफ़िले में भागीदारी की तैयारी में खड़े ट्रैक्टर पर लगे म्यूजिक सिस्टम की जाँच की। ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान 8 महीने से ज़्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने तैयारी पूरी करने के बाद अपने साथी किसानों की भी मदद की।

दुष्यंत ने न्यूज़क्लिक से कहा, "ट्रैक्टर मार्च को लेकर किसान ख़ासकर युवा काफ़ी उत्साहित हैं और आगे से इसका नेतृत्व करने को भी तैयार हैं। मार्च सुबह 10 बजे शुरू होगा, हमने ट्रैक्टरों पर झंडे बांध दिए हैं और आज ही टंकियों को भर दिया है, ताकि उस दिन समय की बचत हो सके। यहाँ तक कि राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं को भी ट्रैक्टर पर लाद कर दो बार चेक किया जा चुका है।"

उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ट्रैक्टर रैलियों का यह सिलसिला पिछले महीने शुरू हुआ था और बीकेयू द्वारा आयोजित यह तीसरा ट्रैक्टर मार्च है। उनके अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर किसानों के विरोध ने एक क्रांति पैदा कर दी है और यह अधिक से अधिक किसानों को आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित करती रहती है। उन्होंने आगे कहा, “यह केंद्र सरकार के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि जब तक तीन कृषि क़ानून और बिजली विधेयक का ड्राफ़्ट वापस नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। यह ट्रैक्टर मार्च केवल एक रिहर्सल है। हम पूरे राज्य में, हर ज़िले में विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।"

दुष्यंत की तरह अन्य किसान भी इस मार्च के लिए उत्साहित हैं और इसके बारे में खुल कर बात कर रहे हैं।

बिजनौर के एक किसान नेता सरदार मुख्तियार सिंह ने कहा, “जब हम धामपुर के नुमाइश मैदान से मार्च शुरू करेंगे तो लगभग 200 ट्रैक्टर होंगे। लेकिन जैसे ही हम शहर छोड़ेंगे, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि हमारे कारवां में हज़ारों किसान और वाहन शामिल हो जाएंगे।"

बिजनौर के क़रीब एक दर्जन किसानों ने दावा किया कि हालांकि उनके ट्रैक्टरों में तकनीकी ख़राबी आ गई थी, मगर उन्होंने शनिवार के मार्च में शामिल होने के लिए उन्हें ठीक कर लिया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को सीमा पर आंदोलन में शामिल होने के लिए मनाने के मिशन पर चल रहे बीकेयू नेता और राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत ने कहा कि उन्होंने 6 घंटे में नवाबपुरा, कटारमल, रसूलपुर मुरलीवाला, तुरतपुर और कादराबाद सहित लगभग 10 गांवों का दौरा किया और छोटे किसानों से मिले। उन्होंने दावा किया, “दिल्ली की सीमा पर विरोध करने वाले किसानों ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव डाला है और ग्रामीण किसान अब इस बात से अवगत हैं कि अगर कृषि क़ानूनों को वापस नहीं लिया गया तो उन्हें क्या नुकसान हो सकता है। पहले किसानों में जागरूकता की कमी थी। हमें बस जागरूकता पैदा करने की ज़रूरत है और वे भी हरियाणा और पंजाब के किसानों की तरह संघर्ष में शामिल होंगे।"

उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर मार्च 24 जुलाई को बिनौर से शुरू होगा और एक रात मेरठ के शिवोय टोल प्लाज़ा पर रुक कर 25 जुलाई को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचेगा। मेरठ में भी किसान 2 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस बीच, पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए ट्रैक्टर मार्च के मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

इससे पहले 24 जून को, बीकेयू नेता राकेश टिकैत के "ट्रैक्टर क्रांति" के आह्वान के बाद, लगभग 200 ट्रैक्टरों ने सहारनपुर से पहला मार्च शुरू किया था। रास्ते में आसपास के ज़िलों मुज़फ़्फ़रनगर और मेरठ से बड़ी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर और वाहनों के साथ शामिल हो गए। अगले दिन कारवां ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुंचा।

ट्रैक्टरों के दूसरे जत्थे ने आंदोलन को मज़बूत करने के लिए 9 जुलाई को लगभग 200 ट्रैक्टरों के साथ हज़ारों किसानों के साथ शामली क्षेत्र से एक मार्च शुरू किया। किसानों ने कई टोल प्लाज़ा पर कर्मचारियों को मना लिया, जिससे सभी वाहनों की टोल-फ़्री आवाजाही हो गई।

बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक के मुताबिक़, पश्चिम उत्तर प्रदेश से ट्रैक्टर मार्च में किसानों की भारी भागीदारी ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को दिल्ली की सीमा की ओर मार्च कर रहे किसानों को न रोकने का फ़ैसला लेने पर मजबूर कर दिया है।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें।

Farmers Tractor March: 200 Tractors Ready to March to Ghazipur Border from Bijnor

Bijnor Tractor March
West UP Farmers
Farmers Tractor March
BKU
rakesh tikait
farmers protest
Farm Laws
Protest Against Farm Laws

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

ख़बर भी-नज़र भी: किसानों ने कहा- गो बैक मोदी!

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

कृषि क़ानूनों के निरस्त हो जाने के बाद किसानों को क्या रास्ता अख़्तियार करना चाहिए


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    वित्त मंत्री जी आप बिल्कुल गलत हैं! महंगाई की मार ग़रीबों पर पड़ती है, अमीरों पर नहीं
    17 May 2022
    निर्मला सीतारमण ने कहा कि महंगाई की मार उच्च आय वर्ग पर ज्यादा पड़ रही है और निम्न आय वर्ग पर कम। यानी महंगाई की मार अमीरों पर ज्यादा पड़ रही है और गरीबों पर कम। यह ऐसी बात है, जिसे सामान्य समझ से भी…
  • अब्दुल रहमान
    न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध
    17 May 2022
    फिलिस्तीनियों ने इजरायल द्वारा अपने ही देश से विस्थापित किए जाने, बेदखल किए जाने और भगा दिए जाने की उसकी लगातार कोशिशों का विरोध जारी रखा है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: चीन हां जी….चीन ना जी
    17 May 2022
    पूछने वाले पूछ रहे हैं कि जब मोदी जी ने अपने गृह राज्य गुजरात में ही देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति चीन की मदद से स्थापित कराई है। देश की शान मेट्रो…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राजद्रोह मामला : शरजील इमाम की अंतरिम ज़मानत पर 26 मई को होगी सुनवाई
    17 May 2022
    शरजील ने सुप्रीम कोर्ट के राजद्रोह क़ानून पर आदेश के आधार पर ज़मानत याचिका दायर की थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 मई को 26 मई तक के लिए टाल दिया है।
  • राजेंद्र शर्मा
    ताजमहल किसे चाहिए— ऐ नफ़रत तू ज़िंदाबाद!
    17 May 2022
    सत्तर साल हुआ सो हुआ, कम से कम आजादी के अमृतकाल में इसे मछली मिलने की उम्मीद में कांटा डालकर बैठने का मामला नहीं माना जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License