NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
दिल्ली विश्वविद्यालय: आर्ट्स फैकल्टी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर एफआईआर
छात्र संगठन एसएफआई ने अन्य प्रगतिशील संगठनों के साथ डीयू के प्रोफेसर हनी बाबू की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने छह प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Aug 2020
क्या सरकार आपदा का प्रयोग अपने विरोधयों को चुप करने के लिए कर रही है ?

बीते कुछ समय में किसान, मज़दूर, आशा कर्मियों यहां तक की महिला सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन करने वाले लोगों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुक़दमा दर्ज किया जा रहा है। अब इस कड़ी में बुधवार को डीयू में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर भी मुक़दमा दर्ज किया गया है।

दूसरी तरफ सरकार और उसके सहयोगियों पर द्वारा बड़े बड़े आयोजन करने का आरोप लगा जिसमे कोरोना माहमारी से रोकथाम के लिए कोई उपाय नहीं थे परन्तु उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार इस आपदा का प्रयोग अपने विरोधयों को चुप करने के लिए कर रही है?

क्या है पूरा मामला

दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैक्ल्टी में छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया (एसएफआई) ने अन्य प्रगतिशील संगठनों के साथ डीयू के प्रोफेसर हनी बाबू की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने छह प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया। उन पर IPC की धारा 58/20, 188/34, महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुक़दमा किया गया। हालंकि बाद में उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया।

892a18a7-c068-4187-912a-dd83b802c7d0_0.jpg
ये विरोध स्टूडेंट्स फॉर डेमोक्रेटिक वॉयस के बैनर तले किया गया था। प्रो बाबू को एनआईए ने पूछताछ के लिए मुंबई बुलाया था और 28 जुलाई को उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था। छात्रों ने इस कार्रवाई की निंदा की और इसे लोकतान्त्रिक अधिकारों पर हमला बतया।

एसएफआई ने अपने बयान में बताया कि धारा 144 नहीं होने के बावजूद आगामी स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर बरती जा रही सावधानियों के नाम पर ये धमकियां दी जा रही हैं, एक तरफ सत्ताधारी दल द्वारा कई बड़े पैमाने पर सभाएं आयोजित की जा रही हैं उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो रहे और दूसरी तरफ शांतिपूर्ण विरोध करने वालो पर कार्रवाई की जा रही है जोकि एक संवैधानिक गारंटी है।

इसे भी पढ़े :सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रो. हनी बाबू की गिरफ़्तारी का चौतरफ़ा विरोध

हनी बाबू को भीमा कोरेगांव मामले में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जाने माने एन्टी-कास्ट कार्यकर्ता, 54 वर्षीय हनी बाबू, उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के निवासी हैं, इस मामले में गिरफ्तार होने वाले वे 12वें व्यक्ति हैं। अन्य 11 अधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, शोमा सेन, सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, अरुण फरेरा, सुधीर धवले, रोना विल्सन, वर्नोन गोंसाल्वेस, वरवरा राव, आनंद तेलतुम्बडे और गौतम नवलखा हैं, जिनमें से सभी को बार-बार जमानत देने से इनकार किया गया है।

प्रोफेसर और उनकी पत्नी, जेनी रोवेना, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं, दोनों एन्टी-कास्ट मूवमेंट के कार्यकर्ता हैं और अलायंस फॉर सोशल जस्टिस का हिस्सा हैं, जो छात्रों, शिक्षकों, हाशिए के वर्गों से आए प्रशासन के कर्मचारियों को संगठन है। इसके साथ ही बाबू ‘कमेटी फॉर द डिफेंस एंड रिलीज ऑफ डॉक्टर जीएन साईबाबा’ के सक्रिय सदस्य भी हैं।

सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम का उपयोग अपने राजनतिक विरोधियों को दबाने के लिए हथियार के तौर पर कर रही है!

एसएफआई ने सरकार पर कोरोना माहमारी और लॉकडाउन का उपयोग राजनीतिक विरोधियों को फंसाने के लिए और कैंपस के लोकतांत्रिक चरित्र पर हमला तेज करने का आरोप लगाया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। यह विरोध की आवाजों को दबाने की व्यवस्थित योजना है। बुधवार को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन दिल्ली पुलिस की कार्रवाई घोर निंदनीय हैं। छात्रों को अब विरोध प्रदर्शन करने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने से रोका जा रहा है।

इसे भी पढ़े : ‘देश बचाओ’ के नारे के साथ सड़क पर निकले मज़दूरों और आशा कर्मियों पर मुकदमा

एसएफआई दिल्ली अध्यक्ष सुमित कटारिया ने कहा सरकार इस महामारी का इस्तेमाल लोगों के लोकतंत्रिक अधिकार पर हमले के लिए, अपने आलोचकों को परेशान करने के लिए, देश की संपदा को बेचने के लिए और आरएसएस के अपने एजेंडे को लागू करने के लिए कर रही है। एक तरफ सरकार ने प्रोफेसर, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्त्ता जो सरकार के खिलाफ बोलते लिखते थे उनपर हमले तेज़ किये हैं। इस महामारी के दौर में ही सार्वजनिक शिक्षा की तबाही का कार्यक्रम यानि नई शिक्षा नीति को लागू किया गया और दूसरी तरफ देश के संपदा चाहे वो रेलवे, कोयला या फिर बीपीसीएल जैसी सरकारी कंपनियां सभी को बेचने पर तुली है।

सुमित ने कहा कि ये सरकार शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विरोध का अपराधीकरण कर रही है ,परन्तु शायद ये सरकार नहीं जानती कि वो अपना दमन जितना तेज़ करेगी हमारा विरोध भी उनका तीक्ष्ण होगा।

प्रदर्शनकारियों की मांग:

-प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ सभी झूठे आरोप तुरंत वापस लिए जाएं

-दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू और सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए

-लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला करने के लिए रोग नियंत्रण उपायों का दुरुपयोग समाप्त हो।

SFI
du
delhi police
professor honey babu
elagar parishad
Delhi University
Pune Police
NIA
student protest
#StandWithProfHanyBabu
#ReleaseBhimaKoregaonArrestee

Related Stories

मुस्लिम विरोधी हिंसा के ख़िलाफ़ अमन का संदेश देने के लिए एकजुट हुए दिल्ली के नागरिक

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

दिल्ली: प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस का बल प्रयोग, नाराज़ डॉक्टरों ने काम बंद का किया ऐलान

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

डीयू कैंपस खोलने की मांग और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विरोध में छात्र-शिक्षकों का प्रदर्शन

कोलकाता: बाबरी मस्जिद विध्वंस की 29वीं बरसी पर वाम का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License