NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
अर्थव्यवस्था
गार्डेनिया गेटवे सोसायटी के लोगों को बैंक ने थमाया घर खाली करने का नोटिस
बिल्डर ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 78 करोड़ रुपये का फर्जी तरीके से लोन लिया था, ऐसा बैंक के प्रतिनिधियों ने दावा किया है। इसलिए, 200 से अधिक परिवारों के सामने बेघर होने का संकट आ गया है।
सोनिया यादव
14 Aug 2019
gardenia gateway
Image Courtesy : City Spidey

नोएडा सेक्टर-75 स्थित गार्डेनिया गेटवे सोसायटी के 200 से अधिक परिवारों के सामने बेघर होने का संकट आ गया है। सोसायटी के कुछ परिवारों को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नोटिस देकर फ्लैट खाली करने को कहा है। इससे फ्लैट की पूरी कीमत बिल्डर को दे चुके सोसायटी के लोगों में अफरातफरी का माहौल है।

गौरतलब है कि अपनी मेहनत की कमाई से अपने घर का सपना देखने वाले कई बार ठगी के शिकार हो जाते हैं। कभी तय समय पर खरीदारों को घर नहीं मिल पाता तो कभी उसका निर्माण नक्शे के अनुरूप नहीं होता। लेकिन नोएडा के गार्डेनिया गेटवे सोसायटी के इस मामले से सभी हैरान हैं। 

दरअसल यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से सोसायटी के निवासियों को बताया गया कि गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड ने बैंक से दिसंबर 2015 में 78.45 करोड़ रुपये का लोन लिया था जिसे चुकाया नहीं गया है। ऐसे में बैंक के पास अधिकार है कि वो लोन की भरपाई के लिए कंपनी की संपत्ति जब्‍त कर सकती है।

बता दें कि गार्डेनिया गेटवे सेक्टर 75 में करीब 500 फ्लैट के निर्माण की योजना थी, जिसमें से 200 घर पर खरीदारों को 2015 में कब्जा मिल गया था। अब नोटिस मिलने के बाद सभी सकते में हैं। हालांकि अभी बैंक की ओर से 6 लोगों को ही नोटिस दिया गया है। बैंक द्वारा नोटिस 5 अगस्त को भेजा गया है तथा 15 दिनों यानी 20 अगस्त को घर खाली करने को कहा गया है।

न्यूज़क्लिक से बातचीत में खरीदारों ने आरोप लगाया कि उन्होंने बिल्डर गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड को चार वर्ष पहले ही पूरा भुगतान कर फ्लैट लिया था। अब उन्हें उसी फ्लैट को खाली करने का नोटिस क्यों पकड़ाया गया है।

खरीदारों का कहना है कि इस धोखाधड़ी में नोएडा प्रशासन भी बराबर भागीदार है, जबकि बिल्डर पर प्राधिकरण का भी कई करोड़ रुपये बकाया हैं। इसके बाद भी प्राधिकरण ने बिल्डर को एनओसी कैसे जारी की। खरीदारों ने सवाल किया कि अब जब बिल्डर लोन वापस नहीं कर रहा है तो इसके लिए फ्लैट मालिक जिन्होंने पूरा पैसा दे दिया है वो कैसे जिम्मेदार हैं? खरीदारों ने केंद्र व राज्य सरकार से अपील की है कि वह उनकी समस्या का समाधान करें।

एक फ्लैट मालिक ने बताया कि, बिल्डर ने प्रॉपर्टी बैंक के पास गिरवी रखी थी इसके बारे में हमें जानकारी नहीं थी। ऐसे में हम क्यों अपना घर खाली करें, हमारी क्या गलती है।

गार्डेनिया गेटवे सोसायटी के निवासी दीपक का कहना है कि हमें कभी ऐसे किसी नोटिस की उम्मीद नहीं की थी। हम फिलहाल कानूनी समाधान के उपायों पर विचार कर रहे हैं।

एक अन्य खरीदार ने बताया कि हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने आम्रपाली के आदेश में साफ कहा है कि फ्लैट मालिकों को कोई भी उनके घरों से नहीं निकाल सकता। चाहे वह बैंक हो जिसने धोखे से बिल्डर को लोन दिया या फिर नोएडा प्राधिकरण जिसको बिल्डर ने जमीन की कीमत तक अदा नहीं की। घर खरीदार लगभग तीन साल से बिल्डर को अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन बिल्डर ने घर खरीदारों से पूरा भुगतान लेने के बाद भी परियोजना का काम अभी तक पूरा नहीं किया है।

वेलफेयर असोसिएशन ऑफ गार्डेनिया गेटवे के प्रेजिडेंट बीएस लवानिया ने न्यूज़क्लिक से कहा,'घर मिलने से पहले हमने पूरा पैसा बिल्डर को चुका दिया था। बिल्डर की गलती का खामियाजा फ्लैट खरीदार क्यों भुगतें? हमें पता नहीं है कि अब फ्लैट मालिकों को कौन सी और समस्या का सामना करना है।' 

सोसायटी के लोगों का कहना है कि वो इसके वे खिलाफ कानूनी कदम उठाएंगे। इस मामले में सभी लोगों ने मिलकर नोएडा के सेक्‍टर 49 स्थित पुलिस थाने में शिकायत दी है।

इस पूरे मसले पर गार्डेनिया गेट-वे प्रोजेक्ट हेड अतिरिक्त निदेशक सुरेंद्र देयोल का कहना है कि बैंकों की ओर से गलत नोटिस जारी किया गया है। इसकी जानकारी से बिल्डर को अवगत नहीं कराया गया है। बैंक के बोर्ड से बातचीत हो चुकी है। करीब दस दिन में स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी।

रियल स्टेट मसलों को देखने वाले वकील महेश शर्मा ने न्यूज़क्लिक को बताया कि इस तरह के मामलों में बैंक सीधे तौर पर निवासियों को घर खाली करने का नोटिस नहीं भेज सकता है। बैंक से ऋण बिल्डर ने लिया है, तो नियम के अनुसार पहले बिल्डर से ही प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए थी।

गौरतलब है कि देश में रियल स्टेट के मसलों में आए दिन गड़बड़ी की खबरें आम हैं, लेकिन इस तरह बिल्डरों की गलती की सजा खरीदारों को भुगतनी पड़े तो जाहिर है स्थिति चिंताजनक है।

noida
Gardenia Gateway Society
Real State
Builder Flats
Union Bank of India

Related Stories

ग्रेटर नोएडा में सड़क हादसे में पत्रकार सहित दो लोगों की मौत

नोएडा में एक कंपनी में गैस सिलेंडर फटने से घायल एक कर्मचारी की मौत

नोएडा की एक फैक्ट्री में लगी आग, सिक्योरिटी गार्ड की मौत

नोएडा : कंपनी मालिक के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज

बाढ़ का क़हर : दिल्ली नोयडा, पंजाब के कई गाँव ख़तरे में

त्रासदी : यूपी और महाराष्ट्र में 5 कर्मचारियों की मौत


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License