NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
गोरखपुर ऑक्सीजन कांड : डॉ. कफ़ील को कोर्ट से राहत, लेकिन जांच में देरी
निलंबित चल रहे डॉ. कफ़ील का आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने मंत्रियों और अधिकारियों को बचाने के लिए जांच में देर कर रही है।
असद रिज़वी
13 May 2019
डॉ. कफ़ील ख़ान

सुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से हुई 60 बच्चों की मौत मामले में आरोपी  डॉ. कफ़ील ख़ान को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह डॉ. कफ़ील की बकाया राशि का भुगतान करे।

10 अगस्त 2017 में बीआरडी मेडिकल कालेज में एक ही रात में ऑक्‍सीजन की कमी के कारण 36 बच्‍चों की मौत के बाद सारे देश में हंगामा मच गया था। इस घटना पर पूरे देश के साथ विदेश की मीडिया में सुर्खियां बनीं। ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मासूम बच्चों की मौतों ने हर किसी को झकझोर दिया था। इसमें यूपी की योगी सरकार की खूब किरकिरी भी हुई।

इस घटना के बाद आरोप लगा कि ऑक्सीजन की सप्लाई कंपनी को भुगतान नहीं हुआ था। इस कारण कंपनी ने अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंचाना बंद कर दिया था। हालांकि सरकार इस बात से इनकार करती रही है।

DR KAFEEL KHAN2.jpg

हादसे के बाद मीडिया ने डॉ. कफ़ील को एक नायक की तरह दिखाया था। लेकिन बाद में इस मामले में 100 वार्ड के प्रभारी रहे बीआरडी मेडिकल कालेज में प्रवक्ता और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफ़ील को दोषी मानते हुए प्रदेश सरकार ने उन पर  मुकदमा दर्ज करा दिया। लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए 22 अगस्त 2017 को डॉ. कफ़ील को सस्पेंड कर दिया गया और 2 सितंबर 2017 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जिसके बाद इस मामले में ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी के मालिक और मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य समेत नौ और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था।

आठ महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद 25 अप्रैल 2018 को कफ़ील को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली और वह 28 अप्रैल को जेल से रिहा हो गए। लेकिन वह लगभग दो साल से अपनी नौकरी से निलंबित चल रहे हैं।

अधिवक्ता फ़ुज़ैल अयूबी का कहना है कि डॉ. कफ़ील ने अपने निलंबन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने उत्‍तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह डॉ. कफ़ील की बकाया राशि का भुगतान करे। हालाँकि कोर्ट ने डॉ. कफ़ील के निलंबन के मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और उनकी याचिका को ख़ारिज कर दिया।

अधिवक्ता अयूबी ने कहा की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सात मार्च 2019 को आदेश दिया था कि डॉ. कफ़ील के खिलाफ चल रही जांच को तीन महीने के अंदर पूरा किया जाए। तीन महीने की ये अवधि सात जून को पूरी हो रही है। अभी तक उनके खिलाफ विभागीय जांच पूरी होने के बारे में कोई ख़बर नहीं है।

डॉ. कफ़ील का कहना है कि करीब 20 महीने का समय हो गया लेकिन, अभी तक उनके ख़िलाफ़ चल रही विभागीय कार्यवाही पूरी नहीं हुई है। इस कारण उन्हें जीवन निर्वाह में दिक्कत हो रही है। उन्हें वेतन की केवल आधी रकम मिल रही है। वे प्राइवेट प्रैक्टिस भी नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया की इस सिलसिले उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 18 दिसम्बर, 2018 को पत्र भी लिखा था। जिसका कोई उत्तर नहीं आया। डॉक्टर कफ़ील के परिवार में उनकी  माता के अलावा उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं जिनकी ज़िम्मेदारियां वह उठाते हैं।

उल्लेखनीय है बच्चों की मौत को लेकर आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सरकार ने इस मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी के मालिक और मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य समेत नौ लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इन लोगों के खिलाफ IPC की धारा 420, 308, 120 B, भ्रष्टाचार निवारण अधीनियम, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा 15 समेत छह धाराओं में दर्ज किया गया था। 

निलंबित चल रहे डॉ. कफ़ील का आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने मंत्रियों और अधिकारियों को बचाने के लिए जाँच में देर कर रही है। उन्होंने ने कहा कि भ्रष्टाचार और कमीशनख़ोरी की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई कंपनी का भुगतान समय पर नहीं हुआ था। इसी वजह से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन का संकट हुआ और मासूम बच्चों की मौत हो गई।

डॉ. कफ़ील ने आरोप लगाया की 20 महीने में भी जाँच इसलिए पूरी नहीं हुई क्योंकि भ्रष्टाचार में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, चिकत्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, आईएएस राजीव रौतेला और महानिदेशक चिकत्सा शिक्षा के के गुप्ता शामिल हैं। जेल से रिहा होने के बाद से डॉ. कफ़ील बच्चों की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं। 

DR. KAFEEL KHAN
Gorakhpur
gorakhpur hospital
BRD Medical College
BRD Tragedy
oxygen cylinders
Yogi Adityanath
Uttar pradesh
yogi sarkar

Related Stories

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

उत्तर प्रदेश: इंटर अंग्रेजी का प्रश्न पत्र लीक, परीक्षा निरस्त, जिला विद्यालय निरीक्षक निलंबित

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

यूपी: अयोध्या में चरमराई क़ानून व्यवस्था, कहीं मासूम से बलात्कार तो कहीं युवक की पीट-पीट कर हत्या

यूपी में मीडिया का दमन: 5 साल में पत्रकारों के उत्पीड़न के 138 मामले

कौन हैं ओवैसी पर गोली चलाने वाले दोनों युवक?, भाजपा के कई नेताओं संग तस्वीर वायरल


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License