NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
ग्रामीण सफाई कर्मियों की हड़ताल जारी, रविवार को कार्यकर्ता सम्मेलन
करीब 10 हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारी उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज़ पर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का करने और तब तक 18 हजार न्यूनतम वेतन देने आदि मांगों को लेकर 27 अगस्त से हड़ताल पर हैं। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Aug 2019
bihar

बीते चार दिन से हड़ताल पर चल रहे नगर पालिका कर्मचारियों ने शुक्रवार यानी 30 अगस्त को अपनी कई मांगों पर सहमति बनने के बाद हड़ताल खत्म कर दी, लेकिन ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अभी हड़ताल खत्म करने से इंकार कर दिया है।

ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन ने एक सितंबर तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा करते हुए प्रदेशस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया है।
सरकार इस हड़ताल को विफल न कर सके, इसके लिए केंद्रीय कमेटी ने ठोस योजना तैयार की है। शनिवार को हड़ताली कर्मचारी शहरों एवं कस्बों में आक्रोश प्रदर्शन कर रहे हैं। बस्ती, मोहल्लों विशेष कर बाल्मीकि बस्तियों में मीटिंग कर कर्मचारियों ने जन समर्थन जुटाने का फैसला लिया है।

70242771_1128256197380153_8006597330767708160_n.jpg

करीब 10 हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारी उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का करने और तब तक 18 हजार न्यूनतम वेतन देने आदि मांगों को लेकर 27 अगस्त से हड़ताल पर हैं। 

हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि इस सरकार ने पहले भी कई बार वादा किया लेकिन पूरा नहीं किया। उन्होंने सवाल किया कि सरकार बताए, चुनाव घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा क्यों नहीं किया, 24 मई 2018 को हुए समझौते को अभी तक लागू क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान को सफल बनाने वाले सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है।

यूनियन के राज्य प्रधान देवीराम, राज्य महासचिव विनोद कुमार,कोषाध्यक्ष मनोज कुमार, वरिष्ठ उपप्रधान सुरेश कुमार, उपप्रधान महेशचन्द्र तथा राज्य सचिव देवेंद्र सिंह ने सयुंक्त प्रेसबयान जारी करते हुए कहा कि शुक्रवार को हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में ग्रामीण सफाई कर्मियों की मांगों को अनदेखा करने के लिए हरियाणा सरकार खासकर पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आज पूरे हरियाणा में पंचायत मंत्री का पुतला दहन किया जाएगा और हड़ताल रविवार तक जारी रहेगी।

कर्मचारियों की हड़ताल क्यों ?

ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू ) के आह्वान पर कर्मचारियों को उतर प्रदेश की तर्ज पर पक्का किये जाने, जब तक पक्का न हो तब तक 18000 रुपये मासिक वेतन, साल में वर्दी व जूता भत्ता 8000 रुपये, 500 रुपये मासिक धुलाई भत्ता,काम के सभी औजारों का मासिक भत्ता, पी.एफ व ई.एस.आई लागू किये जाने, सभी सरकारी अवकाश दिए जाने, अवकाश के दिन लिए जाने वाले काम का अलग से वेतन दिए जाने, बच्चों की शिक्षा के लिए मासिक भत्ता, बेगार प्रथा पर रोक लगाए जाने, हर माह 7 तारीख को समय पर वेतन दिए जाने, हाजरी कार्ड लागू किये जाने आदि मांगों को लेकर राज्य भर के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया। और कई बार वादा किया गया लेकिन पूरा नहीं हुआ। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा सरकार के मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ के आवास पर जोरदार प्रदर्शन किया था।

69424871_984702345200095_8642601177495633920_n.jpg
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन ने कहा कि सरकारी महकमों का निजीकरण किया जा रहा है और सरकारी महकमों में रेगुलर भर्ती नहीं की जा रही। महकमों में कच्चे कर्मियो की भरमार है। सरकार सालों से कार्यरत कच्चे कर्मियों को पक्के कर्मचारी का दर्जा नही देती और न ही कोई सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाती। देश की सरकार जनकल्याणकरी नीतियों में कटौती कर रही है और दूसरी तरफ देश के पूंजीपति वर्ग के लिए लाखों करोड़ रुपये टैक्सों में छूट दी जा रही है जिसको किसी भी सूरत मे बर्दाशत नही किया जा सकता।
कर्मचारी यूनियन ने कहा कि 13  साल बीत जाने के बाद आज तक भी राज्य के 11 हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को रेगुलर नहीं किया जा रहा जबकि हमारे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के गांवों में कार्यरत 108850 ग्रामीण सफाई कर्मचारी वर्ष 2008 से चौथे दर्जे के रेगुलर कर्मचारी हैं।

यूनियन ने पूछा की ग्रामीण सफाई कर्मियों को आज तक भी रेगुलर क्यों नहीं किया गया इसका जवाब भाजपा सरकार को देना चाहिए।
नगर निगम/पालिकाओं और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों भेदभाव क्यों?

हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि राज्य की भाजपा सरकार ग्रामीण कर्मचारियों की मांगों एवं समस्याओं की अनदेखी करके उनका शोषण कर रही है। 2013 ग्रामीण सफाई कर्मचारियों और शहर में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को 8100 रुपये वेतन मिलता था लेकिन आज भाजपा की सरकार ने वेतन में भारी भेदभाव करते हुए शहरी सफाई कर्मचारियों को 16900 रुपये और गांव के सफाई कर्मियों को 10 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है। जबकि शहरी कर्मचारियों के मुकाबले गांव के सफाई कर्मचारियों से कम 5 गुणा ज्यादा लिया जाता है। जो ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय है। कर्मचारियों ने कहा कि आज की महंगाई में कम से कम 18000 वेतन होना चाहिए।

यूनियन नेताओं ने कहा कि एक जैसा काम करने वाले सरकार के कर्मियों को दो प्रकार का वेतन देती है। एक 4000 ज्यादा और दसरे को कम, ये न केवल नाइंसाफी है बल्कि सुप्रीम कोर्ट के समान काम-समान वेतन लागू करने के निर्णय का भी हरियाणा सरकार ने मजाक उड़ाया है जिसको बर्दाश्त नही किया जा सकता।

यूनियन के अध्यक्ष देवीराम ने कहा कि इसके आलावा नगर निगम/पालिकाओं मे कार्यरत सफाई कर्मियों को पी.एफ और ई.एस.आई की सुविधा दी जाती है लेकिन बार-बार बात होने के बाद भी आज तक ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पी.एफ ई.एस.आई के दायरे में नही लिया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के पंचायत मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ से कई बार यूनियन के नेताओं की वार्ता हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी आज तक सफाई कर्मचारियों की मांगों एंव समस्याओं का कोई समाधान नही किया गया जिसके चलते सफाई कर्मियों में सरकार के खिसाफ भारी गुस्सा है।

प्रशासन ने अभी कर्मचारियों की चार मांगों को माना है। कर्मचारियों को पहचान पत्र ,समय पर वेतन ,काम का समय और काम का स्वरूप इसके साथ ही कर्मचारियों को औजार भी देगी।

यूनियन नेताओं ने पूरे प्रदेश के ग्रमीण सफाई कर्मचारियों को आह्वान करते हुए कहा की सरकार की इस दोगली नीति के खिलाफ सभी कर्मचारी चाहे वो किसी भी यूनियन के साथ हों, कोई भी झंडा उठाते हों सबको आज मिलकर लड़ाई को तेज़ किया जाए और सरकार को इस दोगलेपन का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।

यूनियन के राज्य अध्यक्ष देवीराम ने बताया कि रविवार को हमारा कन्वेशन है और हम यहीं अपने आंदोलन को लेकर आगे की दिशा तय करेंगे। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि सरकार जब तक  कर्मचारियों की मांग स्वीकार नही करती हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

Sanitation Workers
SANITATION WORKER PROTEST
Privatisation of Sanitation Workers
Haryana
UttarPradesh
Rural sweeper union

Related Stories

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव

हड़ताल के कारण हरियाणा में सार्वजनिक बस सेवा ठप, पंजाब में बैंक सेवाएं प्रभावित

हरियाणा: आंगनबाड़ी कर्मियों का विधानसभा मार्च, पुलिस ने किया बलप्रयोग, कई जगह पुलिस और कार्यकर्ता हुए आमने-सामने

हरियाणा : आंगनवाड़ी कर्मचारियों की हड़ताल 3 महीने से जारी, संगठनों ने सरकार से की बातचीत शुरू करने की मांग


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License