NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
गुड़गांव : एसएटीएल प्रबंधन के ख़िलाफ़ श्रमिकों का अनशन  
कर्मचारी यूनियन का कहना है कि अगर प्रबंधन ने उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की और कर्मचारियों को प्रताड़ित करना बंद नहीं किया तो हम अंदोलन को और तेज़ करने को मज़बूर हो जाएंगे।

 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
15 Jul 2019
 एसएटीएल प्रबंधन के ख़िलाफ़ श्रमिकों का अनशन

गुरुग्राम (गुड़गांव) के बिनौल की एक ऑटोमोबिल कंपनी के श्रमिकों ने अपनी मांगों को लेकर रविवार को लघु सचिवालय में एक दिन की भूख हड़ताल की। उनके इस विरोध प्रदर्शन को बड़ी संख्या में श्रमिकों और कई ट्रेड यूनियनों ने भी अपना समर्थन दिया।

कर्मचारियों का आरोप है कि उन्होंने जायज मांग को लेकर प्रबंधन को अपना मांग पत्र दिया लेकिन प्रबंधन ने उस पर चर्चा और सकरात्मक पहल के बदले कर्मचारी यूनियन और कर्मचारियों पर बदले की कार्रवाई शुरू कर दी।

प्रदर्शन के दौरान इंकलाबी मजदूर केंद्र के नेता श्यामबीर शुक्ला ने कहा कि शिवम ऑटो टेक लिमिटेड (SATL) के सदस्यों ने पिछले साल मई में प्रबंधन को मांगों का एक मांग पत्र  दिया था। लेकिन प्रबंधन ने इस मुद्दे पर कोई सकारत्मक करवाई नहीं की।

श्यामबीर ने कहा कि प्रबंधन ने मज़दूर यूनियन पर दबाव बनाने के लिए लगभग 40 सदस्यों को बिना किसी सबूत के दुर्व्यवहार करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया और इन-हाउस जांच भी शुरू कर दी। आगे उन्होंने कहा कि चार दिन पहले चार और यूनियन सदस्यों को कंपनी परिसर में प्रवेश करने से रोका गया था और यूनियन पर दबाव बनाया जा रहा था कि प्रबंधन की इच्छा के अनुसार मांगों पत्र पर समझौता करे।

SATL कर्मचारी यूनियन के महासचिव मुकेश यादव ने कहा कि कर्मचारियों की पांच प्रमुख मांगों में बर्खास्त श्रमिकों की बहाली, वेतन के साथ समझौता,  श्रम कानूनों को लागू करना और अनुबंध प्रणाली को समाप्त करना शामिल है। अन्य प्रमुख मांग है कि कंपनी परिसर में पुलिस की गश्त और उसके हस्तक्षेप को भी रोका जाए।

कर्मचारी यूनियन ने कहा कि रविवार को हमने एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की लेकिन अगर प्रबंधन ने उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की और कर्मचारियों को प्रताड़ित करना बंद नहीं किया तो हम अंदोलन को और तेज़ करने को मज़बूर हो जाएंगे।

 

workers protest
automobile
Gurugram
Labour Laws

Related Stories

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

मध्य प्रदेश : आशा ऊषा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से पहले पुलिस ने किया यूनियन नेताओं को गिरफ़्तार

झारखंड: हेमंत सरकार की वादाख़िलाफ़ी के विरोध में, भूख हड़ताल पर पोषण सखी

अधिकारों की लड़ाई लड़ रही स्कीम वर्कर्स

2021 : जन प्रतिरोध और जीत का साल

अर्बन कंपनी से जुड़ी महिला कर्मचारियों ने किया अपना धरना ख़त्म, कर्मचारियों ने कहा- संघर्ष रहेगा जारी!

एक बड़े आंदोलन की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशा बहनें, लखनऊ में हुआ हजारों का जुटान

दिल्ली: ऐक्टू ने किया निर्माण मज़दूरों के सवालों पर प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License