NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गुजरात ओपिनियन पोलः बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर, दोनों को मिल सकते हैं 43% वोट
सीएसडीएस-लोकनीति सर्वे में पाया गया है कि बीजेपी नाटकीय रूप से अपना भरोसा खो रही है, 2012 विधानसभा चुनाव में 48% और 2014 लोकसभा चुनाव में पाए 59% वोटों से खिसक कर नीचे आ सकती है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Dec 2017
गुजरात चुनाव

कुछ साल पहले तक जो असंभव लग रहा था, वह 9 और 14 दिसंबर को होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में हो सकता है। टीवी चैनल एबीपी न्यूज़ के लिए सीएसडीएस-लोकनीति द्वारा हाल में किए गए सर्वेक्षणों के मुताबिक गुजरात चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। हालांकि राजनीतिक पर्यवेक्षकों द्वारा अनुमान लगाया गया है कि बीजेपी गुजरात में आधार कमज़ोर पर सकता है, लेकिन फिर भी अधिकांश पर्यवेक्षकों को विश्वास नहीं था कि भगवा पार्टी वास्तव में अपनी सबसे मज़बूत किले को खो सकती है।

सीएसडीएस सर्वे, जो 3 चरणों में किए गए थे, ने पाया कि आगामी चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 43% मत मिलेंगे। अगस्त में किए गए सर्वे के पहले दौर में पाया गया कि कांग्रेस के लिए बड़ा फायदा होगा और कांग्रेस को 29% वोट मिल सकते हैं। निश्चित रूप से यह बीजेपी खेमे में एक चेतावनी की घंटी बजाएगा क्योंकि अगस्त के बाद से सत्तारूढ़ दल के वोट शेयर में 16% गिरावट आई है, उस वक्त ओपिनियन पोल के अनुसार 59% वोट थे। इन सर्वेक्षणों में कांग्रेस वोट की हिस्सेदारी अगस्त में 29% से बढ़कर अक्टूबर में 41% और नवंबर में 43% की बढ़ोतरी हुई है। नतीजतन, इसका मतलब है कि बीजेपी की वोट हिस्सेदारी में लगातार गिरावट हुई। बीजेपी की वोट हिस्सेदारी अगस्त में 59% से घटकर अक्टूबर में 47% और नवंबर में 43% हो गई।

सोमवार को जारी किए गए तीसरे दौर के सर्वेक्षण में 23 नवंबर से 30 नवंबर तक राज्य भर में 200 मतदान केंद्रों पर 3,225 मतदाताओं को शामिल किया गया। ओपिनियन पोल में यह भी पाया गया कि बीजेपी की महिला मतदाता कांग्रेस में चली गई है। इस पोल के अनुसार क़रीब एक महीने पहले 50% महिला मतदाताओं ने बीजेपी का समर्थन किया था, लेकिन नवंबर में वोट शेयर घटकर 39% हो गया।

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि बीजेपी व्यापारिक समुदाय के बीच अपनी लोकप्रियता खो रही है जो कि इसका पारंपरिक वोट बैंक है। इस पोल के आखिरी दौर में43% व्यापारियों ने कांग्रेस का समर्थन किया और बीजेपी की लोकप्रियता 4 अंक गिरकर 40% तक पहुंच गई। इसका मतलब यह है कि अगर कांग्रेस अपनी गति जारी रखती है तो यह भगवा पार्टी को उसके गढ़ में परेशान कर सकती है।

इन सर्वेक्षण के निष्कर्षों ने पुष्टि कर दी जो राजनीतिक टीकाकार पिछले कुछ समय से कह रहे हैं। विधानसभा चुनावों में आख़िर जो हो सकता है, इसके लक्षण गुजरात निकाय चुनावों में देखे गए थे, जहां बीजेपी ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सीटों को बरकरार रखा था, लेकिन कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अपना वोट शेयर बढ़ाया था, कांग्रेस ने 30 जिला पंचायतों में से 24 जीता था जबकि 230 तालुका पंचायतों में से 134 में अपनी जीत दर्ज की थी। इससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि ग्रामीण गुजरात आबादी का कृषि संकट और किसानों के प्रति सरकार की उदासीनता के कारण सरकार से मोहभंग हो रहा था।

आरक्षण के लिए पाटीदार आंदोलन और इस पर राज्य के दमन के कारण समुदाय में काफी हद तक गुस्सा बढ़ गया और पाटीदार समाज के नेता हर्दिक पटेल पर देशद्रोह के आरोप लगाए गए और 14 पाटीदार युवा मारे गए। दलित आबादी जिनकी आबादी राज्य की जनसंख्या का लगभग 7% ऊना घटना के बाद से सरकार से बेहद नाराज़ रहे। इस घटना में 4 दलित युवाओं को "गौराक्षकों" द्वारा बुरी तरह पीटा गया।

पाटीदार और दलितों के अलावा 22 साल तक पार्टी के समर्पित मतदाता रहे व्यापारी समुदाय भी मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसले के बाद सरकार के खिलाफ हो गए। इस फैसले से छोटे उद्योगपतियों की कमर टूट गई। नाराज़ लोगों की लंबी सूची में आदिवासी भी हैं जिन्हें लंबे समय तक नजरअंदाज़ कर दिया गया है। इनकी 14% आबादी है। आम लोगों के कई वर्गों में भाजपा सरकार के खिलाफ नाराज़गी है, जैसे आशा कार्यकर्ता, जिन्होंने सरकार द्वारा उनकी मांगों को नज़रअंदाज़ करने के बाद भाजपा के खिलाफ प्रचार करने का फैसला किया।

सीएजी रिपोर्टों द्वारा गुजरात मॉडल के मिथक का पर्दाफाश किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से सरकार के सभी प्रमुख विकासात्मक पहलुओं पर असफलता दिखाई देती है। जैसा कि ओपिनियन पोल से स्पष्ट होता है सत्ता विरोधी और सरकार के साथ बढ़ता असंतुलन गुजरात चुनावों को ऐतिहासिक बना सकता है। 

Gujrat
gujrat election 2017
BJP
CSDS
Congress
GST

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License