NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
आपदा: चमोली में ग्लेशियर टूटने से निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड परियोजना का बांध टूटा, हरिद्वार तक अलर्ट
उत्तराखंड एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की ख़बर से सहम गया है। आज, रविवार 7 फ़रवरी की सुबह चमोली में विष्णुप्रयाग-बदरीनाथ से करीब 20 किलोमीटर नीचे तपोवन गांव के पास ग्लेशियर टूटने की सूचना है।
वर्षा सिंह
07 Feb 2021
आपदा

उत्तराखंड एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की ख़बर से सहम गया है। आज, रविवार 7 फ़रवरी की सुबह चमोली में विष्णुप्रयाग-बदरीनाथ से करीब 20 किलोमीटर नीचे तपोवन गांव के पास ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली। स्थानीय लोगों ने इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किए हैं। ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा पर निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड परियोजना का बांध टूट गया है। धौलीगंगा और उससे आगे अलकनंदा नदी में भयंकर पानी आ रहा है। नदी में पानी का ये रौद्र रुख देख लोगों को वर्ष 2013 की आपदा का डर सताने लगा।

नरेंद्र प्रसाद पोखरियाल चमोली में पीपलकोटी के पास रहते हैं। उन्होंने अलकनंदा नदी पर निर्माणाधीन विष्णुगाड-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की हुई है। वह बताते हैं कि उनका घर तपोवन से करीब 100 किलोमीटर नीचे है। उन तक पहुंची जानकारी के मुताबिक तपोवन-विष्णुगाड परियोजना के बैराज के पास काफी नुकसान हुआ है। वहां एनटीपीसी का बैराज बन रहा था। उन्होंने बताया कि इस दौरान वहां काम करने वाले काफी लोग भी मौजूद थे। नुकसान की बात स्पष्ट है। दिन में करीब 11 बजकर 45 मिनट पर इस बातचीत के दौरान पीपलकोटी के पास स्थिति सामान्य थी। 

तपोवन में रेस्क्यू कार्य जारी।

पुलिस प्रसाशन मोके पर। pic.twitter.com/OuQT3wEVz5

— chamoli police (@chamolipolice) February 7, 2021

चमोली के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने इस बात की पुष्टि की है कि तपोवन के पास ग्लेशियर टूटा है। जिसके चलते बांध भी टूट गया है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार तक सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। नदियों के किनारे से लोगों को हटाया जा रहा है।

माटू जन संगठन के विमल भाई ने दोपहर 12.30 बजे बताया कि ग्लेशियर टूटने से उतरा पानी करीब सौ किलोमीटर नीचे पीपलकोटी से आगे निकल गया। उनके मुताबिर बारिश के दौरान नदियों का जो जलस्तर होता है, अलकनंदा का जलस्तर वहीं तक पहुंचा। जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।

This is how #NTPC #TAPOVAN HEP broken today 7-2-2021 morning.
In #Uttarakhand , #Chamoli district pic.twitter.com/9GVc5Kth4X

— Vimal bhai (@Vimalbhai11) February 7, 2021

विमल भाई कहते हैं प्रकृति लगातार ये संदेश दे रही है कि हिमालयी क्षेत्र में इस तरह की बड़ी परियोजनाएं बनाना मूखर्ता ही है। जिस तेजी से बांधों की बात फिर से आगे बढ़ रही है, अलकनंदा नदी ने बता दिया है कि ग्लेशियर कभी भी टूट सकते हैं, सबकुछ अस्थायी है। हम प्रकृति पर विजय नहीं प्राप्त कर सकते। विमल भाई कहते हैं कि वहां आपदा के बाद बांधों का निर्माण कार्य रोका गया। कल्पना कीजिए कि वहां सभी बांध बन गए होते तो फिर क्या होता। ग्लेशियर का टूटने का असर नदी की इकोलॉजी पर तो पड़ेगा ही।

श्रीनगर में धारी देवी मंदिर के पास मौजूद प्रदीप कुकरेती बताते हैं कि नदी में पानी बढ़ने की आशंका के चलते श्रीनगर गढ़वाल धारी देवी मंदिर परिसर को पुलिस-प्रशासन ने तत्काल खाली करा दिया। मंदिर के अंदर प्रवेश करने से लोगों को रोक दिया गया और मंदिर के कपाट बंद कर दिये गए हैं। नदी के किनारे मौजूद लोगों को भी पुलिस प्रशासन ने हटा दिया है। वह बताते हैं कि वर्ष 2013 की आपदा का डर लोगों के ज़ेहन में है और लोग भी समझदारी बरत रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है। वह खुद चमोली के लिए रवाना हो गए। चमोली के जोशीमठ स्थित धौलीगंगा नदी में अचानक सैलाब आ गया। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने के आदेश दिए गए हैं। चमोली और सभी नदियों के किनारे रहने वालों को अलर्ट किया गया है। अलकनंदा और गंगा नदी के किनारे हरिद्वार तक के लोगों को अलर्ट किया गया है।

चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है।

— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021

तपोवन-विष्णुगाड परियोजना का टनल पूरी तरह बंद हो गया। नदियों में बड़े-बड़े पत्थर-बोल्डर तैर रहे थे। टनल के पास कार्य कर रहे लोगों की तलाश के लिए आपदा प्रबंधन की टीमें जुटी हुई हैं। भागीरथी नदी में पानी के प्रवाह को रोक दिया गया है। श्रीनगर बांध और ऋषिकेश तक नदी किनारों को खाली करा दिया गया है।

UTTARAKHAND
tragedy in uttarakhand
glacial burst
chamoli tragedy

Related Stories

उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव

उत्तराखंड: बारिश ने तोड़े पिछले सारे रिकॉर्ड, जगह-जगह भूस्खलन से मुश्किल हालात, आई 2013 आपदा की याद

औली में शाही शादी से कोर्ट नाराज़, 3 करोड़ का जुर्माना लगाया

उत्तराखंड के जौनपुर में मासूम बच्ची के साथ हैवानियत, इंसाफ की मांग

चुनाव निपट गए अब तो जंगल की आग पर ध्यान दीजिए मुख्यमंत्री जी!


बाकी खबरें

  • Nisha Yadav
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    चंदौली: निशा यादव हत्या मामले में सड़क पर उतरे किसान-मज़दूर, आरोपियों की गिरफ़्तारी की माँग उठी
    14 May 2022
    प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा- निशा यादव का कत्ल करने के आरोपियों के खिलाफ दफ़ा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
  • Delimitation
    रश्मि सहगल
    कैसे जम्मू-कश्मीर का परिसीमन जम्मू क्षेत्र के लिए फ़ायदे का सौदा है
    14 May 2022
    दोबारा तैयार किये गये राजनीतिक निर्वाचन क्षेत्रों ने विवाद के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं, जो इस बात का संकेत देते हैं कि विधानसभा चुनाव इस पूर्ववर्ती राज्य में अपेक्षित समय से देर में हो सकते हैं।
  • mnrega workers
    सरोजिनी बिष्ट
    मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?
    14 May 2022
    "किसी मज़दूर ने 40 दिन, तो किसी ने 35, तो किसी ने 45 दिन काम किया। इसमें से बस सब के खाते में 6 दिन का पैसा आया और बाकी भुगतान का फ़र्ज़ीवाड़ा कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन द्वारा जो सूची उन्हें दी गई है…
  • 5 वर्ष से कम उम्र के एनीमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, 67 फीसदी बच्चे प्रभावित: एनएफएचएस-5
    एम.ओबैद
    5 वर्ष से कम उम्र के एनीमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, 67 फीसदी बच्चे प्रभावित: एनएफएचएस-5
    14 May 2022
    सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 में किए गए सर्वेक्षण में 5 वर्ष से कम उम्र (6-59 महीने) के 58.6 प्रतिशत बच्चे इससे ग्रसित थे जबकि एनएफएचएस-5 के 2019-21 के सर्वे में इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की…
  • masjid
    विजय विनीत
    ज्ञानवापी मस्जिद: कड़ी सुरक्षा के बीच चार तहखानों की वीडियोग्राफी, 50 फीसदी सर्वे पूरा
    14 May 2022
    शनिवार को सर्वे का काम दोपहर 12 बजे तक चला। इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के करीब आधे हिस्से का सर्वे हुआ। सबसे पहले उन तहखानों की वीडियोग्राफी कराई गई, जहां हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License