NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हिमाचल : गरीब किसानों को उजाड़कर पूंजीपतियों को बांटी जा रही सरकारी ज़मीन

हिमाचल में इन दिनों उल्टी हवा बह रही है। एक तरफ गरीबों-किसानों को अतिक्रमण के नाम पर सरकारी ज़मीन से उजाड़ा जा रहा है तो दूसरी तरफ़ पूंजीपतियों और अन्य मित्रों को सरकारी ज़मीन कौड़ियों के भाव दी जा रही है।
मुकुंद झा
23 Nov 2018
हिमाचल

 

अभी कुछ दिनों पूर्व ही भाजपा की हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश की गरीब जनता व किसानों तथा बागवानों द्वारा सरकारी भूमि पर किये कथित कब्जों को बल प्रयोग कर खाली करवा रही थी, उनके मकान तोड़ रही थी, उनकी मेहनत से लगे फलों के पौधे उखाड़ रही थी तो वहीं अब दूसरी ओर अपने पूंजीपति मित्र और आरएसएस से जुड़ी ऐसी संस्थाओं को व्यापार के लिए करोड़ो रुपये की सरकारी जमीन कौड़ियों के भाव दे रही है।

इसका नवीनतम उदाहरण हमें देखने को मिला कि भाजपा सरकार ने बाबा रामदेव को सोलन के साधुपुल में 96 बीघा जमीन लीज पर देने का निर्णय लिया है। वो भी कांग्रेस की सरकार ने जिस रेट में दिया था उससे भी सस्ते दर में, जिससे राज्य सरकार को करीब 100 करोड़ के राजस्व घाटा होने की संभावना है |

क्या है पूरा मामला?

हिमाचल सरकार की मंगलवार को हुई  कैबिनेट बैठक में लीज पर जमीन देने को लेकर फैसला हुआ था। साधुपुल में जमीन लीज पर देने से यह मामला जुड़ा हुआ है जिसमे मार्केट रेट के बजाय पतंजलि को 2 करोड़, 39 लाख, 4 हज़ार 720 रुपये एकमुश्त देकर 99 साल के लिए यह जमीन मिल जाएगी।  भाजपा की पिछली सरकार जिसमें मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे की ओर से भी बाबा रामदेव को यह जमीन दी गई थी, लेकिन बाद में कांग्रेस की सरकार ने इस फैसला निरस्त कर दिया गया था  लेकिन फिर जाते-जाते वीरभद्र सरकार ने सालाना 1 करोड़, 19 लाख रुपये प्रति साल के हिसाब से लीज पर जमीन दे दी थी।

इसे भी पढ़े :- बागानों को उजाड़ना राज्य का आतंक है : किसान जमीन बचाओ संघर्ष समिति

 घाटे का सौदा  कर रही है  सरकार ?

 

हिमाचल की सरकार जो पतंजलि ट्रस्ट के साथ समझौता कर रही है उसके मुताबिक यह लीज मनी सालाना नहीं, एकमुश्त देनी होगी। खबरों के मुताबिक  99 साल के लिए करीब 2 करोड़ 39 लाख रुपये देने होंगे। उधर, वीरभद्र सरकार ने जमीन की लीज मनी 1.19 करोड़ सालाना तय की थी। अगर सरकार ने कांग्रेस सरकार के लीज नियमों के तहत ही जमीन दी होती तो सरकार को 115 करोड़ की अतिरिक्त आय होती, लेकिन भाजपा सरकार को इससे महज 2 करोड़ 39 लाख रुपये ही मिलेंगे इसको लेकर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं कि सरकार घाटे का सौदा क्यों कर रही है ?

भूमिहीन किसान कर रहे हैं संघर्ष

कुछ महीने पूर्व ही हिमाचल में सरकार ने अवैध कब्जे को हटाने के लिए हज़ारों पेड़ों को काटा। यहाँ बहुत ही आश्चर्य की बात है कि जहां पूरी दुनिया कमज़ोर होते पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर चिंतित है उसको सुदृढ़ करने का प्रयास कर रही है। इसमें पेड़ों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है परन्तु हिमाचल की भाजपा सरकार पेड़ों को लगाने की जगह अवैध कब्जे के नाम पर हजारो पेड़ों को काट रही थी।

दूसरी तरफ , उसमें जो बागवानी करते हैं वो अधिकतर भूमिहीन थे और उन्होंने बंजर पड़ी जमीन पर सेब की बागवानी शुरू कर दी, वो काफी समय से इस जमीन पर मेहनत कर रहे थे।  इनके सेब के पौधों को काट दिया गया तो इन परिवारों का जीवन यापन का साधन ही समाप्त हो गया। इस पर भी सरकार ने नहीं सोचा कि उनका वैकल्पिक जीवनयापन का साधन क्या होगा? हिमाचल प्रदेश में भूमिहीन किसान लंबे अरसे से 5 बीघा जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं जिस पर अभी तक किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया जबकि दूसरी तरफ पूंजीपतियों को मुफ्त में जमीनें बांटी जा रही हैं।

इसे भी पढ़े;- हिमाचल सरकार : अवैध कब्जे के नाम पर हज़ारों पेड़ों को काट रही है

हिमाचल में वाम दलों से जुड़े नेताओं का कहना है कि  प्रदेश सरकार नीति होने के बावजूद जिन गरीबों के पास मकान नहीं है उनको मकान बनाने के लिए 2 बिस्वा भूमि तो उपलब्ध नहीं करवा रही है और पूंजीपतियों और अपने मित्रों से जनता के संसाधनों को लुटवाने का कार्य कर रही हैं जो कि सरकार की संवैधानिक जिम्मेवारी का उल्लंघन है।

यह कोई पहला मौका नहीं जब हिमाचल की यह जयराम सरकार अपने पूंजीपति मित्र व सहयोगियों को  जमीन कौड़ियो के भाव दे रही हो, प्रदेश सरकार ने हाल ही में आरएसएस से जुड़े मातृवन्दना संस्था को टूटीकंडी में अपनी गतिविधियां चलाने के लिए 22669.38 वर्ग मीटर व विवेकानंद केंद्र नाभा को 257.15 वर्ग मीटर भूमि जो लोक निर्माण विभाग की है, को कौड़ियों में लीज पर देने का निर्णय लिया था।

इसको लेकर  मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने गंभीर सवाल किये थे, उनका कहना था कि प्रदेश की बीजेपी सरकार के द्वारा आरएसएस से जुड़े संगठनों को शिमला में करोड़ों की कीमत की सरकार की जमीन कौड़ियों के भाव मे लीज पर दे रही है, जिसका माकपा भर्त्सना करती है। प्रदेश सरकार जिसकी जिम्मेवारी है कि वह जनता के संसाधनों जिसमें जल, जंगल, जमीन व अन्य संसाधन है उनकी रक्षा करे तथा उनका सदुपयोग जनता के विकास के लिए करे,परन्तु सरकार इन्हें चंद पूंजीपति के लाभ के लिए प्रयोग कर रही है।

माकपा ने माँग की है कि प्रदेश सरकार इस जनता की सम्पत्ति को इन संस्थाओं को देने के निर्णय को तुरंत वापस ले और इस भूमि पर प्रदेशवासियों के लिए सामूदायिक जन सुविधाओं का विकास किया जाए क्योंकि ये भूमि प्रदेशवासियों की है और उनके लिए ही प्रयोग में लाई जाए। इस प्रकार के जनविरोधी निर्णय शिमलवासियो के हितों के विपरीत है और प्रदेशवासी इसको बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे कि उनके संसाधनों को इस प्रकार से लुटवाया जाए। यदि प्रदेश सरकार इस निर्णय को तुरंत वापस नहीं लेती तो माकपा प्रदेशवासियों के सहयोग से सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के विरुद्ध आंदोलन चलाएगी।

 

बीच करोड़ो रुपये की कीमत की सरकार की जमीन कौड़ियों के भाव मे लीज पर देने के निर्णय की कड़ी भर्त्सना करती हैं तथा इस निर्णय को तुरंत वापिस लेने की मांग करती हैं। प्रदेश सरकार जिसकी जिम्मेवारी है कि वह जनता के संसाधनों जिसमे जल, जंगल, जमीन व अन्य संसाधन है उनकी रक्षा करे तथा उनका सदुपयोग जनता के विकास के लिए करे, परन्तु सरकार इन्हें चंद पूंजीपति के लाभ के लिए प्रयोग कर रही है |

सी.पी.एम. माँग करती हैं कि प्रदेश सरकार इस जनता की सम्पत्ति को इन संस्थाओं को देने के निर्णय को तुरंत वापिस ले और इस भूमि पर प्रदेशवासियो के लिए सामूदायिक जन सुविधाओं का विकास किया जाए क्योंकि ये भूमि प्रदेशवासियो की है और उनके लिए ही प्रयोग में लाई जाए। इस प्रकार के जनविरोधी निर्णय शिमलवासियो के हितों के विपरीत है और प्रदेशवासी इसको बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे कि उनके संसाधनों को इस प्रकार से लुटवाया जाए। यदि प्रदेश सरकार इस निर्णय को तुरंत वापिस नहीं लेती तो सी.पी.एम. प्रदेशवासियो के सहयोग से सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के विरुद्ध आंदोलन चलाएगी।

इसे भी पढ़े :- अखिल भारतीय किसान सभा की अगुवाई में अब हिमाचल के किसान भी करेंगे आंदोलन !

Himachal Pradesh
BJP
बीजेपी-आरएसएस
Baba Ramdev
सी.पी.एम.

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • पुलकित कुमार शर्मा
    आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?
    30 May 2022
    मोदी सरकार अच्छे ख़ासी प्रॉफिट में चल रही BPCL जैसी सार्वजानिक कंपनी का भी निजीकरण करना चाहती है, जबकि 2020-21 में BPCL के प्रॉफिट में 600 फ़ीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है। फ़िलहाल तो इस निजीकरण को…
  • भाषा
    रालोद के सम्मेलन में जाति जनगणना कराने, सामाजिक न्याय आयोग के गठन की मांग
    30 May 2022
    रालोद की ओर से रविवार को दिल्ली में ‘सामाजिक न्याय सम्मेलन’ का आयोजन किया जिसमें राजद, जद (यू) और तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया। सम्मेलन में देश में जाति आधारित जनगणना…
  • सुबोध वर्मा
    मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात
    30 May 2022
    बढ़ती बेरोज़गारी और महंगाई से पैदा हुए असंतोष से निपटने में सरकार की विफलता का मुकाबला करने के लिए भाजपा यह बातें कर रही है।
  • भाषा
    नेपाल विमान हादसे में कोई व्यक्ति जीवित नहीं मिला
    30 May 2022
    नेपाल की सेना ने सोमवार को बताया कि रविवार की सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान का मलबा नेपाल के मुस्तांग जिले में मिला है। यह विमान करीब 20 घंटे से लापता था।
  • भाषा
    मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया
    30 May 2022
    पंजाब के मानसा जिले में रविवार को अज्ञात हमलावरों ने सिद्धू मूसेवाला (28) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य सरकार द्वारा मूसेवाला की सुरक्षा वापस लिए जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई थी। मूसेवाला के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License