NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
हिमाचल के सेब किसान परेशान, आढ़तियों के शोषण की एसआईटी से शिकायत, बकाया भुगतान की मांग
मंगलवार को किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में बागवानों के एक प्रतिनिधमंडल ने  आढ़तियों के द्वारा बकाया भुगतान न करने बारे में SIT में शिकायत दर्ज कराई।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
27 Nov 2019
aaple farmer

हिमाचल प्रदेश के सेब किसानों की ओर से किसान संघर्ष समिति  ने आढ़तियों यानी जो किसानों से उनकी फसल खरीदता है उसके बढ़ते शोषण को लेकर एसआईटी  से शिकायत की है। इसके साथ किसानों ने कहा कि अगर सरकार जल्द ही इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती तो वो इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
मंगलवार को किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में बागवानों के एक प्रतिनिधमंडल ने  आढ़तियों के द्वारा बकाया भुगतान न करने बारे में SIT में शिकायत दर्ज कराई।किसान संघर्ष समिति ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 14 बागवानों ने 6 आढ़तियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई है जो वर्षों से बागवानों का भुगतान नहीं कर रहें है। जिन आढ़तियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई है उनमें अम्बे ट्रेडिंग कंपनी ठियोग, वर्मा फ्रूट सेंटर सोलन, एग्री फ्रेश ट्रेड सेंटर गुम्मा, चौहान एप्पल एंड फ्रूट सेंटर हुल्ली व महासू एप्पल ट्रेडर्स सोलन मुख्य हैं।
किसान संघर्ष समिति ने यह भी कहा कि पिछले लम्बे समय से प्रदेश की विभिन्न मण्डियों या मण्डियों से बाहर आढ़तियों व खरीददारों के द्वारा ए पी एम सी अधीनियम, 2005 की खुली अवहेलना की जा रही है। आज तक हजारों बागवानों का कई करोड़ रुपये का सेब व अन्य फल खरीद कर कई आढ़ती व खरीददार उनका भुगतान नहीं कर रहे हैं। बार बार पैसे मांगने पर भी पैसे नहीं दे रहे हैं। कई आढ़तियों व खरीददारों ने तो लाइसेंस भी हासिल नहीं किये हैं।  


किसान संघर्ष समिति के नेताओ का कहना हैं कि यह स्पष्ट रूप से ए पी एम सी अधीनियम, 2005 की अवहेलना है और ए पी एम सी, मार्केटिंग बोर्ड व सरकार का कृषि विभाग किसानों व बागवानों द्वारा बार बार शिकायत करने पर भी इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। जिससे इनकी कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ गई है। आज भी सैकड़ों आढ़ती व खरीदार गैर कानूनी तरीके से बिना लाइसेंस के मण्डियों व मण्डियों से बाहर कारोबार कर रहे हैं किसान संघर्ष समिति द्वारा इस प्रकार के कारोबार रोकने के लिए समय समय पर आग्रह किया जाता रहा है परन्तु ए पी एम सी इन पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है। जिसके चलते इस वर्ष भी हजारों बागवानों का करोड़ों रुपये इन आढ़तियों व खरीदारो के पास फंस गये हैं और बागवान संकट का सामना कर रहे हैं।  

किसान संघर्ष समिति ने  सरकार से मांग करते हुए कहा है कि इन दोषी आढ़तियों व खरीदारों के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई कर प्रभावित किसानों व बागवानों का बकाया भुगतान करवाये । बिना लाइसेंस के काम करने वाले आढ़तियों व कारोबारियों के द्वारा कैसे गैर कानूनी रूप से कारोबार किया गया तथा ए पी एम सी, मार्केटिंग बोर्ड व कृषि विभाग ने इन पर रोक क्यों नहीं लगाई इसकी स्वतंत्र जांच एजेंसी द्वारा जांच करवा कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
 
शिमला शहर के पूर्व महापौर और किसान संघर्ष समिति के सचिव संजय चौहान ने बताया कि इससे पहले सोमवार को किसान संघर्ष समिति ने एक बैठक की थी। इस बैठक में सरकार से मांग की गई कि दोषी आढ़तियों व कारोबारियों से बागवानों का बकाया भुगतान शीघ्र करवाया जाए तथा इसके लिए दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए। आगे उन्होंने कहा कि यदि सरकार 10 दिसम्बर, 2019 तक किसानों का बकाया भुगतान करवाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है और दोषी आढ़तियों व कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करती है तो किसान संघर्ष समिति अन्य किसान संगठनों के साथ मिलकर व किसानों तथा बागवानों को संगठित कर इस शोषण के विरुद्ध  आंदोलन करेगी। 

 

Himachal Pradesh
Apple Farmers
Himachal Apple farmers
AIKS

Related Stories

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

किसान मोदी को लोकतंत्र का सबक़ सिखाएगा और कॉरपोरेट की लूट रोकेगा: उगराहां

किसानों की जीत: “यह आज़ादी का दूसरा आंदोलन रहा है”

किसान एकता के आगे झुकी मोदी सरकार

अभूतपूर्व भारत बंद: क्या आप अब भी कहेंगे कि ये तीन राज्यों या चुनिंदा किसानों का आंदोलन है!

किसानों के ‘भारत बंद’ का दिख रहा है देशभर में व्यापक असर

हर्षिल के सेब किसानों की समस्याओं का हल क्यों नहीं ढूंढ पायी उत्तराखंड सरकार

हिमाचल: सेब के उचित दाम न मिलने से गुस्साए किसानों का प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन

करनाल में किसानों की बड़ी जीत; एसडीएम सिन्हा के ख़िलाफ़ बैठी जांच, मृत किसान के परिवार को मिली दो नौकरियां

मोदी-योगी जाएंगे, किसान जीतेगा देश, महापंचायत ने सेट किया एजेंडा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    बलात्कार को लेकर राजनेताओं में संवेदनशीलता कब नज़र आएगी?
    13 Apr 2022
    अक्सर राजनेताओं के बयान कभी महिलाओं की बॉडी शेमिंग करते नज़र आते हैं तो कभी बलात्कार जैसे गंभीर अपराध को मामूली बताने या पीड़ित को प्रताड़ित करने की कोशिश। बार-बार राजनीति से महिला विरोधी बयान अब…
  • underprivileged
    भारत डोगरा
    कमज़ोर वर्गों के लिए बनाई गईं योजनाएं क्यों भारी कटौती की शिकार हो जाती हैं
    13 Apr 2022
    क्या कोविड-19 से उत्पन्न संकट ने सरकार के बजट को बुरी तरह से निचोड़ दिया है, या यह उसकी तरफ से समाज के सबसे कमज़ोर वर्गों के अधिकारों की सरासर उपेक्षा है? इनके कुछ आंकड़े खुद ही सब कुछ बयां करते हैं।
  • ramnovmi
    अजय सिंह
    मुस्लिम जेनोसाइड का ख़तरा और रामनवमी
    13 Apr 2022
    एक बात साफ़ हो चली है, वह यह कि भारत में मुसलमानों के क़त्लेआम या जनसंहार (जेनोसाइड) की आशंका व ख़तरा काल्पनिक नहीं, वास्तविक है। इस मंडराते ख़तरे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
  • srilanka
    पार्थ एस घोष
    श्रीलंका का संकट सभी दक्षिण एशियाई देशों के लिए चेतावनी
    13 Apr 2022
    निर्ल्लज तरीके के निजीकरण और सिंहली अति-राष्ट्रवाद पर अंकुश लगाने के लिए अधिकाधिक राजकीय हस्तक्षेप पर श्रीलंका में चल रही बहस, सभी दक्षिण एशियाई देशों के लिए चेतावनी है कि ऐसी गलतियां दोबारा न दोहराई…
  • रवि कौशल
    बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, छात्र बोले- जेएनयू प्रशासन का रवैया पक्षपात भरा है
    13 Apr 2022
    जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को वे उप कुलपति से उनके कार्यालय में नहीं मिल सके। यह लोग जेएनयू में हुई हिंसा की स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License