NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हिमाचल के शिमला शहर में जल आपातकाल जैसी स्थिति
पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा की जब वो शिमला के मेयर था तो 16 से 20 एमएलडी तक ही पानी मिलता था फिर भी कभी इस तरह की समस्या नही हुई | अभी सरकार भी मन रही है की 22 एमएलडी पानी उपलब्ध है फिर भी लोगों को पानी नही मिल पा रहा है I
मुकुंद झा
30 May 2018
water crises
image courtesy : Indian Express

हिमाचल के शिमला शहर में जल आपातकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है | पूरे शिमला शहर में पानी की भारी कमी है जिस कारण हालत बेकाबू होते दिख रहे हैं  | इसी को लेकर जनता का गुस्सा फुट रहा है | इसी मुद्दे को लेकर कल भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी )के नेतृत्व  में हजारों लोगों  ने शिमला शहर में कई जगह प्रदर्शन किया |

हिमाचल प्रदेश में पहाड़ो से नदियाँ भले ही निकलती हो ,किन्तु उनका पानी दूर घाटी में बहता है | पहाड़ पर बसी बस्तियां –गाँव आस पास उपलब्ध पहाड़ों से निकलने वाले जलस्त्रोंतो पर ही निर्भर रहें है | वहां के लोगों  का कहना है की जलस्त्रोंतो में भी भरी कमी आई है इसके विपरीत जनसंख्या में 10से 12 गुना वृद्धि हुई है | उत्तराखंड में तो कहावत है की गंगा के मायके में पानी का अकाल | साथ ही प्रदेश में जल स्तर 50 से 70 फीसदी तक की गिरावट आई है | जो की इस तरह के जल संकटों का एक गंभीर करण है |

ऐसे हालात के बीच सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। जल संकट प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों से पानी सप्लाई करने के दावे भी हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। पानी के अभाव में राजधानी शिमला समेत प्रदेश के कई क्षेत्रों में पब्लिक टॉयलेट पर ताले लग गए हैं। स्कूलों, दफ्तरों और अस्पतालों तक में पानी नहीं है।

जल संकट आचनक नहीं हुआ है

इस मौसम में शिमला शहर में जल संकट होता है क्योंकि  शिमला जैसे शहर पानी का कोई अपना स्रोत नहीं है | शिमला अधिकतर बाहरी स्रोतों पर आश्रित रहता है इस करण उसे हमेशा जल संकट का समना करना पड़ता है |

इस बार वैसे भी शहर में बारिश और बर्फबारी पिछले वर्षों के मुकाबले बहुत कम हुई थी | इस बात का सभी को अंदाज़ा था कि इस बार जल संकट और भी गंभीर होने वाला है | ये स्थिति  किसी से छुपी नहीं थी परन्तु सरकार और प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और समस्या को जटिल बनने दिया |

जल संकट

अभी स्थिति बहुत ही गंभीर है ,आप जल संकट की गंभीरता इससे समझ सकते है की जल संकट के कारण शिमला में ट्रेनों की आवाजाही प्रभवित हो रही है | मिडिया रिपोर्टो के अनुसार इंजन में डालने के लिए पानी न मिलने के कारण ट्रेन कई घन्टे रुकी रही |

सीपीआईएम नेता और शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने वक्तव्य के दौरान कि “यहाँ जल संकट के करण शहर में आपातकाल जैसी स्थिति हो गई है |  पानी की लुट की स्थिति हो गई है लोगों को जहाँ पानी का टैंकरों दिख रहा है लोग उसे लूटने की कोशिश कर रहे हैं | इस कारण टैंकरों में पुलिस की तैंनती की जा रही है |”

 उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं की स्थिति तो और भी गंभीर है, वो रात भर जग के पानी आने के इंतजार में लाईन में लगी रहती है |बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं | क्योंकि न घर में पानी है न ही स्कूल में पानी है |

पानी की कमी के कारण कई सार्वजनिक शौचालय भी बंद कर दिए गये हैं  |कई –कई दिनों तक पानी नहीं मिल पा रहा है | जिस कारण लोगों को अपनी रोज़ नित्यकर्म जैसे स्नान आदि करने में भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है |

वहां ये हालत है कि लोग गंदे पानी को एकत्रित कर पीने को मजबूर हैं जो कि अपने आप में गंभीर समस्या है |

इससे वहां के पर्यटन पर भी भारी असर पर रहा है जो कि शिमला शहर में कई लोगो के रोज़ी रोटी का सहारा है | वहाँ के स्थानीय लोग भी सैलानियों को अभी शिमला में आने से मना कर रहे हैं | क्योंकि इससे पानी की और खपत बढ़ेगी |

सीपीआईएम के नेता कुशाल भारद्वाज ने कहा कि जब जनता अपनी मांगो को लेकर  मेयर के पास जाती है तो मिलते नहीं हैं  बल्कि उनको पुलिस के हाथो बेहरमी से पिटवातें हैं | कल के विरोध प्रदर्शन के दौरना लाठी चार्च में महिलाओ के साथ भी बर्बरता से हमला किया गया |

सरकार और प्रशासन

सरकार और प्रशासन ने समय रहते कोई कदम नही उठाया जिस कारण ये समस्या इतनी गंभीर हुई | अब सरकार केबल खानापूर्ति कर रही है ,अभी भी  केवल अफसर एसी कमरों में बैठकर कागजों पर बहुत काम कर रहे हैं | लेकिन धरातल से प्रशासन पूरी तरह गायब है |

सीपीआईएम के नेता कुशाल भारद्वाजने  ने आगे कहा  “प्रदेश में सरकार गुमनाम है और अपनी नकामी छुपाने के लिए के लिऐ पुलिस को आगे कर रही है | सरकार के जो अधिकारी काम करने वाले थे उनका तबादला कर दिया है ,इनके पास कोई सोच नहीं है” |

उन्होंने आगे कहा कि “जब शहर इस तरह के भारी संकट से जूझ रहा है ऐसे में हमारी  मेयर साहिबा चीन की  विदेशी दौरे पर हैं | इससे आप इनकी जल संकट के प्रति गंभीरता को समझ सकते हैं  |जब जल संकट पर मीटिंग होती है तो डीप्टी मेयर साहब कई घंटो की देरी से पहुँचते हैं ” |

 सरकार  अब 35 टैंकरों के ज़रिए पानी पहुँचाने की बात कर रही है परन्तु सत्य यह भी है कि शहर के कई इलाके ऐसे है जहाँ टैंकरों के जाने का रास्ता नहीं है | दूसरी बात टैंकरों से जो पानी जा भी रहा है वो अधिकतर विआईपी लोगों के घर जा रहा है |

इस पर उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि  मुख्यमंत्री और राज्यपाल को छोड़ तमाम वीवीआईपी और वीआईपी को टैंकर से पानी सप्लाई पर रोक लग गई है। यहां तक कि अनाडेल में गोल्फ कोर्स में घास की सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाला पानी भी अब शहर के लोगों के बीच बाँटा जाएगा। हालात सामान्य होने तक निर्माण का काम बंद रहेगा। इसके अलावा शहर की कार वॉशिंग सेंटर पर भी रोक लगा दी गई है। शिमला इतिहास में पहली बार इस तरह के जल संकट का सामना कर रहा है |

पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि जब वो शिमला के मेयर थे तो 16 से 20 एमएलडी तक ही पानी मिलता था फिर भी कभी इस तरह की समस्या नहीं हुई | अभी सरकार भी मन रही है कि 22 एमएलडी पानी उपलब्ध है फिर भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है |जिसका  कारण शहर में सक्रिय जल माफिया है | जिनको कहीं न कहीं सरकार और सत्ता का समर्थन है |

उन्होंने बताया कि शिमला में बीजेपी शासित नगर निगम  द्वारा अनियमित जल आपूर्ति और सरकार की बेरुखी के कारण नगर निगम के पार्षदों द्वारा बॉयकॉट और चक्का जाम किया जा रहा है ।

शिमला
हिमाचल प्रदेश
पानी की समस्या
पानी की कित्ल्लत

Related Stories

शिमला : छात्रों के रियायातीं बस पासों में 50% की वृद्धि इसको लेकर वहाँ के नागरिक विरोध कर रहे हैं

हिमाचल : किसान सभा ने दूध के उचित दाम न मिलने को लेकर किया प्रदर्शन

बागानों को उजाड़ना राज्य का आतंक है : किसान जमीन बचाओ संघर्ष समिति

हिमाचल सरकार : अवैध कब्जे के नाम पर हज़ारों पेड़ों को काट रही है

हिमाचल के किसानों ने सरकार को चुनौती दी


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
    30 May 2022
    जापान हाल में रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने वाले अग्रणी देशों में शामिल था। इस तरह जापान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना
    30 May 2022
    पूर्व में बाग़ी रहे नेता गुस्तावो पेट्रो पहले दौर में अच्छी बढ़त के साथ सबसे आगे रहे हैं। अब सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों में 19 जून को निर्णायक भिड़ंत होगी।
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली
    30 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कोर्ट में यह भी दलील पेश की है कि हमारे फव्वारे को ये लोग शिवलिंग क्यों कह रहे हैं। अगर वह असली शिवलिंग है तो फिर बताएं कि 250 सालों से जिस जगह पूजा…
  • सोनिया यादव
    आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?
    30 May 2022
    बहुत सारे लोगों का मानना था कि राजनीति और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के चलते आर्यन को निशाना बनाया गया, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा रहे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
    30 May 2022
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License