NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
हिमाचल : किसान सभा ने दूध के उचित दाम न मिलने को लेकर किया प्रदर्शन
हिमाचल में किसान दूध को पानी से भी सस्ती दरों पर बेचने को मज़बूर हैंI साथ ही दूध प्लांट जहाँ दूध की खरीद होती है वहाँ भारी भ्रष्टाचार हैI
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Jul 2018
हिमाचल दूध किसान

महाराष्ट्र के साथ ही हिमाचल में भी किसान सभा ने दूध के दाम में बढ़ौत्तरी को लेकर 16 जुलाई को दत्तनगर स्थित दूध प्लांट के बाहर धरना प्रदर्शन किया। जो किसान पशु पालन से जुड़े है और अपनी छोटी-छोटी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए थोड़ा बहुत दूध बेचते है, उन्हें दूध की कीमत 14 रुपये से 18 रुपये प्रति लीटर मिल रही है। जो की प्रदेश में बिक रहे पानी के एक बोतल के दाम से भी कम हैI

इसके साथ ही पशुपालन करने वाले किसानों ने अपने जीवन से जुड़े कई अन्य गंभीर मुद्दे भी उठायेI हिमाचल के एक गाँव की  महिला प्रधान ने कहा कि महिलाएँ सुबह से शाम तक पशुओं के देखभाल करती हैं और चराने के लिए जाती हैI कई बार दुर्घटना में उनकी मौत भी हो जाती है लेकिन उनके लिए किसी भी प्रकार का इंशोरेंस की कोई सुविधा नहीं हैI

एक अन्य महिला किसान ने बताया कि दूध की कीमत उनकी मेहनत और लागत के मुकाबले बहुत ही कम है और जो कुछ मिलता भी है वह भी भ्रष्टाचार के कारण पूरा नहीं मिलताI

किसान सभा की मुख्य मांगे और उनसे होने वाली समस्याएँ निम्नलिखित है जिनको लेकर हिमाचल किसान सभा संघर्ष कर रही है

  1. दूध का दाम कम से कम 30 रु मिलना चाहिए, किसान सभा के नेता डॉ ओमकार ने बताया कि 1 लीटर दूध उत्पादन की लागत ही कम से कम 20 रू आती है I उन्होंने आगे कहा की यही दूध जो किसानों से 14 से 18 रु में लिया जाता है बाद में उससे क्रीम निकालकर 45 से 50 रु प्रति लीटर बेचा जाता हैI परन्तु किसान को उसकी लागत भी नहीं मिलती हैं I
  2. दूध प्लांट, जहाँ दूध की खरीद होती है, में भारी भ्रष्टाचार है उसे खत्म किया जाएI डॉ ओमकार ने बताया कि हर माह दूध प्लांट वाले किसानों का कम से कम दो दिन के दूध का पैसा नहीं देते है I इसके लिए वो सभी को कहते है कि उनका दूध फट (खराब) गया हैI
  3. प्रदेश में पशु औषधालय में पूरा स्टाफ उपलब्ध करवाया जाए, दुधारू पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लिए उच्च श्रेणी का वीर्य, तकनीक व दवाई उपलब्ध करवायी जाए। जिनकी कमी के कारण कई दुधारू पशु बाँझ (आगे कभी भी बच्चे पैदा नहीं कर सकती है) हो रहे हैI साथ ही कई पशु बीमारी की दवाई समय पर नहीं मिलने से मर जाते है I
  4. दुग्ध उत्पादक का भी इंशोरेंस होना चाहिए, किसान सभा का कहना है कि जब महिलाएँ हरे चारे के लिए बाहर जाती है या पेड़ पर चढती है तो कई बार गंभीर रूप से घायल हो जाती हैं I कई मामलों में तो उनकी मौत हो जाती है I डॉ ओमकार के अनुसार हर वर्ष कम से कम 4 से 5 मौते होती ही हैं I इनकी ज़िम्मेदारी किसकी है?
  5. पशुओं के लिए फीड, चोकर, दाना डिपों से मिले ये सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा किसान समूहों को उनके पशुपालन व कृषि उत्पाद की बिक्री के लिए स्थानिय मेलों में निशुल्क स्टाल उपलब्ध करवाने की भी पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। किसान सभा ने बताया कि किसानों को अपने दूध के बने सामान को बेचने का कोई सीधा बाज़ार नहीं हैI
  6. दूध के दाम की अदायगी हर महीने 5-7 तारीख के बीच की जानी चाहिए। किसानों का कहना है की उन्हें पैसे बहुत देरी से मिलते हैं और उन्हें अपने खर्चे पूरे करने में बहुत ही कठनाई होती हैI
  7. दूध के फैट और एसएनएफ (सौलिड नॉट फैट) की जाँच मशीनों से हर किसान के उत्पाद की अलग–अलग की जानी चाहिएI कई जगह दूध में कम वसा (फैट) होने के नाम पर और भी दाम कम हो जाते हैं। हिमाचल में दूध का दर फैट और एसएनएफ की मात्र के आधार पर की जाती है परन्तु वहाँ के अधिकारी सभी किसानों का एक औसत निकालकर उसी आधार पर सभी किसानों के दूध की दर तय करते हैंI

कल की सभा में किसान नेता और सीपीएम के हिमाचल से विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि, “किसानों को स्वामीनाथन आयोग के मुताबिक दूध का दाम मिलना चाहिएI जिसके मुताबिक किसानों के दूध उत्पादन की लागत 30 रु है और उस पर से सरकार को 50% अधिक दाम जोड़कर देना होगाI यानि की 1 लिटर दूध की कीमत 45 रु होनी चाहिएI यह किसानों का हक है परन्तु सरकारें उन्हें इसका आधा दाम भी नहीं दे रही”I

हिमाचल प्रदेश
दूध किसान
पशुपालक
अखिल भारतीय किसान सभा
किसान आन्दोलन

Related Stories

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां

आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों की बड़ी जीत, 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी गन्ने की कीमत

शुक्रिया सुप्रीम कोर्ट...! लेकिन हमें इतनी 'भलाई' नहीं चाहिए

राजस्थान: माकपा के दो लड़ाके पहुंचे विधानसभा

5 सितम्बर : देश के लोकतांत्रिक आंदोलन के इतिहास में नया अध्याय

शिमला : छात्रों के रियायातीं बस पासों में 50% की वृद्धि इसको लेकर वहाँ के नागरिक विरोध कर रहे हैं

दूध उत्पादकों के सामने आखिरकार झुकी महाराष्ट्र सरकार

मोदी सरकार किसानों को धोखा दे रही है- विजू कृष्णन, AIKS

अशोक धावले : मोदी सरकार आज़ाद भारत के इतिहास में सबसे किसान विरोधी सरकार है

हिमाचल के शिमला शहर में जल आपातकाल जैसी स्थिति


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License