NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विज्ञान
पृथ्वी के वन कितने पुराने हैं?
अमेरिका के कायरो के वृक्षों में जिस तरह की जड़ें खोजी गई हैं उससे पता चलता है कि उन्होंने कार्बन डाइऑक्साइड को संरक्षित कर लिया था जो पृथ्वी की जलवायु को मौलिक रूप से स्थानांतरित कर दिया था और एक ऐसे वातावरण का मार्ग प्रशस्त किया जो आज हमारे सामने मौजूद है।
संदीपन तालुकदार
21 Dec 2019
How Old Are Earth’s Forests
Image Courtesy: CNN

पृथ्वी पर वनों का इतिहास कितना पुराना हो सकता है? वैज्ञानिक अब कह रहे हैं कि यह 385 मिलियन वर्ष पुराना हो सकता है। करेंट बायोलॉजी के अनुसार न्यूयॉर्क के कायरो के पास एक परित्यक्त खदान से वैज्ञानिकों ने सबसे पुराने वन की खोज की है। इससे दर्जनों प्राचीन वृक्षों की जीवाश्म जंगल से भरी जड़ों की खोज की गई है।

यह पृथ्वी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। खोजे गए वृक्षों की इस प्रकार की जड़ों से संकेत मिलता है कि इसने हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने और इसे सुरक्षित रखने में मदद की। इसने इस ग्रह की जलवायु को मूलतः स्थानांतरित कर दिया और एक ऐसे वातावरण का मार्ग प्रशस्त किया जो आज हमारे सामने मौजूद है।

यूनाइटेड किंगडम के कार्डिफ़ विश्वविद्यालय में एक पैलियोबोटनिस्ट और इस अध्ययन के लेखकों में से एक क्रिस्टोफर बेरी ने अपने सहयोगियों के साथ पहली बार साल 2009 में इस स्थान की खोज की थी। ये टीम अभी भी इस जीवाश्मों में मौजूद पदार्थ पर शोध कर रही है। जीवाश्म की कुछ जड़ें 15 सेंटीमीटर व्यास की पाई गईं और 11 मीटर चौड़े क्षैतिज अर्धव्यास के समान पैटर्न का निर्माण किया जहां से कभी ऊर्ध्वाधर पेड़ का तना खड़ा हुआ था। ये वृक्ष आर्कियोपेरिटिस परिवार के हैं।
 
ये वृक्ष का प्रकार हैं जिसमें बड़ी जड़ें और शाखाएं हैं। किसी न किसी तरह इसके पत्ते भी आधुनिक वृक्षों से मिलते जुलते हैं। आर्कियोप्टेरिस जीवाश्मों के पिछले रिकॉर्ड 365 मिलियन वर्ष से अधिक पुराने नहीं थे। लेकिन, ठीक उसी समय जब ये वृक्ष विकसित हुए इसकी आधुनिक दिखने वाली विशेषताएं अस्पष्ट थीं। कायरो साइट की ये खोज इस तथ्य की सूचक है कि ये वृक्ष इन आधुनिक विशेषताओं को 20 मिलियन साल पहले विकसित हुए हों जैसा कि पहले माना जाता था।

कैलिफोर्निया के पालो अल्टो स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक भूविज्ञानी केविन बोयस के अनुसार, कायरो से निकले वृक्षों का प्राचीन जलवायु पर गहरा प्रभाव था। 'अपक्षय' नामक प्रक्रिया में बड़ी जड़ें मिट्टी के भीतर और नीचे चट्टानों को भेदती हैं। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप रासायनिक प्रतिक्रियाएं शुरू हो जाती हैं जो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड खींचती हैं और इसे भूजल में कार्बोनेट आयनों में बदल देती हैं। यह, अंततः समुद्र में चला जाता है और चूना पत्थर के रूप में संरक्षित हो जाता है।

वनों के प्रकट होने के बाद अपक्षय और इसके अन्य प्रभावों के कारण वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर आधुनिक स्तर तक चला गया। ऐसा होने से मिलियन वर्षों पहले वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर आज की तुलना में 10 से 15 गुना अधिक था। इतने कार्बन डाइऑक्साइड को हटाने का सीधा संबंध ऑक्सीजन के स्तर में इस निरंतर वृद्धि से हो सकता है। इस वायुमंडल में 300 मिलियन वर्ष पहले 35% ऑक्सीजन था। उस समय 70 सेंटीमीटर पंखों वाले विशालकाय कीटों का विकास इस प्रक्रिया का एक परिणाम हो सकता है। ये विशालकाय कीट प्राचीन वनों में रहे होंगे।

इसी तरह, कायरो के वृक्षों के दस लाख साल बाद उगने वाले इन वृक्षों ने भी आधुनिक जलवायु को प्रभावित किया। दिलचस्प बात यह है कि इन वनों के जीवाश्म अवशेषों ने यूरोप और उत्तरी अमेरिका में औद्योगिक क्रांति को विकसित करने में भी मदद की।

कायरो के वनों की खोज से पहले ऐसे प्राचीन वनों को कायरो स्थल से 40 किलोमीटर दूर गिल्बोआ में खोजे जाने की सूचना मिली है। ये वन भी 382 मिलियन वर्ष पुराने थे। लेकिन गिल्बोआ की जड़ें काफी पुरानी थीं और फर्न और हॉर्सटेल से संबंधित थीं। इन पौधों में लकड़ीनुमा जड़ें नहीं थीं जो अपक्षय का कारण बन सकती थीं।

बेरी ने कहा, "पत्तियों वाले लकड़ीनुमा वृक्ष जो छाया पैदा कर सकते हैं और एक वृहत मूलतंत्र हो सकती है जो मौलिक रूप से कुछ आधुनिक है और जो पहले नहीं थी।"

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

How Old Are Earth’s Forests

Ancient Forest
Cairo Ancient Forest
Archaeopteris
Fossilised Forest
Earth’s Atmosphere
Forests
Modern Trees

Related Stories


बाकी खबरें

  •  AFSPA
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या AFSPA को आंशिक तौर पर हटाना होगा पर्याप्त ?
    17 Apr 2022
    31 मार्च को, भारत सरकार की, पत्र सूचना कार्यालय ने गृह मंत्रालय का एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया। सरकार ने ऐलान किया -- मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने एक महत्वपूर्ण कदम लिया है -- दशकों बाद नागालैंड,…
  • सत्यम् तिवारी
    जहांगीरपुरी हिंसा में अभी तक एकतरफ़ा कार्रवाई: 14 लोग गिरफ़्तार
    17 Apr 2022
    उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाक़े में 16 अप्रैल की शाम बजरंग दल के हनुमान जयंती जुलूस के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ़्तार किया है, जिनमें सब मुस्लिम समुदाय के हैं।
  • इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा -  क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं
    बादल सरोज
    इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा - क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं
    17 Apr 2022
    बिना कोई देर या हीलाहवाला किए उन्हें भारत उसके संविधान और लोकतंत्र पर झपट रही भेड़ियों की इस फ़ौज से लड़ना होगा।
  • DELHI VOILENCE
    सत्यम् तिवारी
    मुस्लिम विरोधी हिंसा के ख़िलाफ़ अमन का संदेश देने के लिए एकजुट हुए दिल्ली के नागरिक
    17 Apr 2022
    जंतर मंतर पर जब सुरक्षा बल प्रदर्शनकारियों को हटाने लगे तो भाईचारे और एकता का सबूत देते हुए रोज़ेदारों के साथ मिल कर प्रदर्शनकारियों ने इफ्तारी भी की और नारे लगाते हुए हिन्दू राष्ट्र, मुस्लिम विरोधी…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    सर जोड़ के बैठो कोई तदबीर निकालो
    17 Apr 2022
    “धर्म से आदम नहीं है, आदमी से धर्म है/ गुल का ख़ुशबू से नहीं, गुल से है ख़ुशबू का वजूद” ये शेर है ओम प्रकाश नदीम का, लेकिन इत्ती सी बात आज भी हमें समझ नहीं आ रही है। तभी वे कहते हैं कि सर जोड़ के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License