NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
इज़रायल के "यहूदी राष्ट्र" क़ानून से अरब लोगों का उत्पीड़न बढ़ने का ख़तरा
इज़रायली संसद के अरब सदस्यों ने इसे नस्लवादी क़ानून बताया जो रंगभेद को और बढ़ाएगा। इस क़ानून में हिब्रू को देश के एकमात्र आधिकारिक भाषा के तौर पर शामिल किया गया है।
पीपल्स डिस्पैच
21 Jul 2018
इज़रायल का "यहूदी राष्ट्र" क़ानून

इज़रायली संसद ने गुरुवार को एक विवादास्पद 'यहूदी राष्ट् क़ानून' पारित कर दिया। ये क़ानून इज़रायल को विशेष रूप से यहूदी लोगों के लिए एक देश के रूप में परिभाषित करता है। अब यह आधिकारिक तौर पर यहूदियों का देश बन जाएगा।

संसद में 62 में से 55 सदस्यों ने इस विधेयक के पक्ष में मतदान किया जबकि 2 सदस्य मौजूद नहीं रहे। संसद के अरब सदस्यों ने इसे नस्लवादी क़ानून बताया जो रंगभेद को और बढ़ाएगा। इस विधेयक ने पहले से ही पीड़ित फिलीस्तीनी अरब अल्पसंख्यक के ख़िलाफ़ सरकारी भेदभाव में वृद्धि के डर को जन्म दिया है।

एक अरब सांसद अहमद तिबी ने संवाददाताओं से कहा, "मैं बेहद दुखी मन से लोकतंत्र की मौत की घोषणा करता हूं।" अरब संयुक्त सूची के प्रमुख अयमान ओदेह ने इसे "हमारे लोकतंत्र की मौत" कहा।

उन्होंने कहा, "संसद ने यहूदी सर्वोच्चता का क़ानून पारित किया है और हमें बताया है कि हम हमेशा द्वितीय श्रेणी के ही नागरिक रहेंगे।"

इज़़राइल में लगभग 1.8 मिलियन अरबी मूल के नागरिक हैं। ये इजरायल की नौ मिलियन आबादी का लगभग 20% है। वे ज़्यादातर फिलिस्तीनी और उनके वंशज हैं जो 1948 के अरब-इज़राइली युद्ध के बाद से रह रहे हैं। हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया गया या वे भाग गए।

हिब्रू को देश का एकमात्र आधिकारिक भाषा घोषित किया गया है और अरबी को हटा दिया गया है। इसकी केवल 'विशेष स्थिति' है।

ये विधेयक घोषित करता है कि यरूशेलम, "पूर्ण और संयुक्त, रूप से इज़़रायल की राजधानी है।" ये विधेयक हिब्रू कैलेंडर को राष्ट्र के आधिकारिक कैलेंडर के रूप में भी घोषित करता है, स्वतंत्रता दिवस, स्मृति दिवस तथा यहूदी छुट्टियों को मान्यता देता है।

इस क़ानून के मुताबिक़, "इज़रायल यहूदी लोगों का ऐतिहासिक मातृभूमि है और उनके पास राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता का विशेष अधिकार है।"

इस विधेयक में कुछ खंड थे जिसे राष्ट्रपति और अटॉर्नी जनरल की आपत्तियों के बाद हटा दिया गया क्योंकि वे क़ानून में केवल यहूदी समुदायों को शामिल करेंगे और अदालतों को विधिक प्रणाली की ग़ैर मौजूदगी में यहूदी धर्म कानून के मुताबिक़ निर्णय देने का निर्देश दिया। अंतिम विवरण के अनुसार, "सरकार यहूदी बस्तियों के विकास को राष्ट्रीय मूल्य के रूप में देखती है और इसको प्रोत्साहित करने का काम करेगी तथा इसकी स्थापना को बढ़ावा देगी।"

ईयू की तरफ से इस कानून की निंदा करते हुए, ईयू विदेश मामलों के प्रमुख के प्रवक्ता फेडरिका मोघेरिनी ने कहा, "हम चिंतित हैं, हमने इस चिंता को व्यक्त किया है और हम इस संदर्भ में इज़रायली अधिकारियों के साथ लगातार बातचीत करते रहेंगे।"

इज़रायल
'यहूदी राष्ट्र' कानून
फ़िलिस्तीन
अरब
नस्लवाद

Related Stories

इज़रायली बलों द्वारा तामीमी परिवार के एक अन्य सदस्य को गिरफ्तार किया गया

दिल्ली में इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के भारत दौरे के खिलाफ़ प्रदर्शन

सीरिया, साम्राज्यवाद रचित सर्वनाश और शरणार्थी संकट है

ईरान-अमरीका परमाणु संधि और पश्चिम एशिया की राजनीति

इजराइल ने फिलिस्तीन के मंत्री का क़त्ल कर मानव अधिकार दिवस मनाया

इजरायल: देवता जिसे तबाह करते हैं, पहले उसे पागल बनाते हैं


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License