NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
संसद के दोनों सदनों में फिर गूंजा पेट्रोलियम पदार्थों की महंगाई का मुद्दा, विपक्ष का ‘ब्लैकआउट’ का भी आरोप
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि टीवी का कैमरा विपक्ष के सदस्यों की तरफ ‘‘फोकस’’ नहीं किया जा रहा है और ‘‘ब्लैकआउट’’ किया जा रहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Mar 2021
संसद

नयी दिल्ली: पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष ने मंगलवार को भी संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में सवाल उठाने की कोशिश की, कार्यस्थगन का भी नोटिस दिया गया, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि टीवी का कैमरा विपक्ष के सदस्यों की तरफ ‘‘फोकस’’ नहीं किया जा रहा है और ‘‘ब्लैकआउट’’ किया जा रहा है।

मंगलवार को कांग्रेस सदस्यों ने पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में अपनी बात रखने का प्रयास किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

कांग्रेस सदस्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ने के विरोध में निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही नारेबाजी कर रहे थे। हंगामे के कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित रही और शून्यकाल नहीं हो सका।

इस दौरान द्रमुक, राकांपा एवं कुछ अन्य विपक्षी दल के सदस्य अपने स्थान से ही विरोध दर्ज करा रहे थे।

एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाये । हालांकि विपक्षी सदस्यों का विरोध जारी रहा।

सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख लेखी ने दोपहर करीब सवा 12 बजे कार्यवाही को दो बजे तक के लिये स्थगित कर दिया।

इससे पहले सुबह कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि टीवी का कैमरा विपक्ष के सदस्यों की तरफ ‘‘फोकस’’ नहीं किया जा रहा है और ‘‘ब्लैकआउट’’ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सदन में सबका अधिकार समान है लेकिन विपक्ष के साथ डिजिटल भेदभाव चल रहा है।

चौधरी ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष जो कुछ कहता है वह टीवी में आता है, लेकिन विपक्ष को ‘‘ब्लैकटाउट’’ कर दिया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘कैमरा सब पर फोकस करना चाहिए। ’’

इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सवाल किया, ‘‘क्या आप देश की जनता को यह शोर और हंगामा दिखाना चाहते हैं?’’

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा,‘‘ ये (कांग्रेस के कुछ सदस्य) रुकावट को पैदा करते हैं, हंगामा करते हैं। क्या ये लोग (कांग्रेस) टीवी के जरिए देश को हंगामा दिखाना चाहते हैं?’’

सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया। इस दौरान कांग्रेस के सदस्य महंगाई और पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों के मुद्दे पर आसन के समीप नारेबाजी करते रहे ।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम सभी ने व्यवस्था बनाई थी कि हम प्रश्नकाल चलने देंगे क्योंकि प्रश्नकाल सबसे महत्वपूर्ण काल होता है। सदस्य अपने क्षेत्र के विषय पर सवाल पूछते हैं। मेरी भी कोशिश होती है कि सदस्यों द्वारा उठाये गए मुद्दों का उन्हें जवाब मिले।’’

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक बार फिर हंगामा कर रहे सदस्यों से उनके स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की लेकिन सदस्यों का शोर शाराबा जारी रहा । हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने 11 बजकर करीब 15 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थागित कर दी।

राज्यसभा में भी महंगाई का उठा मुद्दा

राज्यसभा में मंगलवार को भी कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को लेकर सवाल उठाने चाहे लेकिन इसकी अनुमति न मिलने पर हंगामा बढ़ गया जिसके कारण शून्यकाल में कार्यवाही बाधित हुयी और उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

उपसभापति हरिवंश ने शून्यकाल शुरू होने पर कहा कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र, शिवसेना सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी और द्रमुक के टी शिवा की ओर से नियम 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं जिसमें उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया है।

नियम 267 के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा की जाती है।

हरिवंश ने कहा कि इस संबंध में सभापति एम वेंकैया नायडू ने कल ही व्यवस्था दे दी थी और उनके फैसले पर फिर से विचार नहीं किया जा सकता। इसलिए इन नोटिसों को स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सदस्य मौजूदा सत्र में कई अवसरों पर इस मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं।

लेकिन विपक्षी सदस्य अपनी मांग पर जोर देते रहे और कुछ सदस्य विरोध जताते हुए आसन के समीप भी आ गए। उपसभापति ने उन्हें आसन के पास आकर नारे नहीं लगाने को कहा और सदन को सुचारू रूप से चलने देने में सहयोग करने की अपील की।

हंगामे के दौरान ही उन्होंने शून्यकाल चलाने का प्रयास किया। लेकिन सदन में शोरगुल जारी रहा। इसके बाद उपसभापति ने 11 बजकर करीब 20 मिनट पर बैठक मंगलवार दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा और विपक्षी सदस्य महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

हंगामे के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। सदन में शोरगुल के बीच कुछ सदस्यों ने पूरक सवाल पूछे और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनके सवालों के जवाब दिए।

उपसभापति ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया और कहा कि यह समय सदस्यों को अपने सवाल पूछने का है।

नेता प्रतिपक्ष खडगे ने कहा कि उन्होंने आज नया नोटिस दिया है जिसमें केरोसिन, रसेाई गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि का जिक्र किया गया है।

इस पर हरिवंश ने एक बार फिर कहा कि सभापति के कल के फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता।

सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 12 बजकर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे के लिए स्थगित कर दी।

उल्लेखनीय है कि बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सोमवार को भी कांग्रेस सहित विपक्ष के कई सदस्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों की मूल्यवृद्धि के मुद्दे पर बहस की मांग की थी, लेकिन अनुमति न मिलने पर हंगामा रहा और सदन की कार्यवाही पूरे दिन बाधित रही थी।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Parliament
lok sabha
Rajya Sabha
petrol prices
Congress
BJP
Modi government

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • sudan
    पीपल्स डिस्पैच
    सूडान: सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ 18वें देश्वयापी आंदोलन में 2 की मौत, 172 घायल
    17 Feb 2022
    इजिप्ट इस तख़्तापलट में सैन्य शासन का समर्थन कर रहा है। ऐसे में नागरिक प्रतिरोधक समितियों ने दोनों देशों की सीमाओं पर कम से कम 15 जगह बैरिकेडिंग की है, ताकि व्यापार रोका जा सके।
  • muslim
    नीलांजन मुखोपाध्याय
    मोदी जी, क्या आपने मुस्लिम महिलाओं से इसी सुरक्षा का वादा किया था?
    17 Feb 2022
    तीन तलाक के बारे में ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाना, तब, जब मुस्लिम महिलाओं को उनकी पारंपरिक पोशाक के एक हिस्से को सार्वजनिक चकाचौंध में उतारने पर मजबूर किया जा रहा है, यह न केवल लिंग, बल्कि धार्मिक पहचान पर भी…
  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    पंजाब चुनाव में दलित-फैक्टर, सबको याद आये रैदास
    16 Feb 2022
    पंजाब के चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी सहित सभी पार्टियों के शीर्ष नेता बुधवार को संत रैदास के स्मृति स्थलों पर देखे गये. रैदास को चुनावी माहौल में याद करना जरूरी लगा क्योंकि पंजाब में 32 फीसदी…
  • up elections
    रवि शंकर दुबे
    यूपी चुनाव: मोदी की ‘आएंगे तो योगी ही’ से अलग नितिन गडकरी की लाइन
    16 Feb 2022
    अभी तय नहीं कौन आएंगे और कौन जाएंगे लेकिन ‘आएंगे तो योगी ही’ के नारों से लबरेज़ योगी और यूपी बीजेपी के समर्थकों को कहीं निराश न होना पड़ा जाए, क्योंकि नितिन गडकरी के बयान ने कई कयासों को जन्म दे दिया…
  • press freedom
    कृष्ण सिंह
    ‘दिशा-निर्देश 2022’: पत्रकारों की स्वतंत्र आवाज़ को दबाने का नया हथियार!
    16 Feb 2022
    दरअसल जो शर्तें पीआईबी मान्यता के लिए जोड़ी गई हैं वे भारतीय मीडिया पर दूरगामी असर डालने वाली हैं। यह सिर्फ किसी पत्रकार की मान्यता स्थगित और रद्द होने तक ही सीमित नहीं रहने वाला, यह मीडिया में हर उस…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License