NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
"जगन का विधान परिषद समाप्त करने का फ़ैसला अलोकतांत्रिक और प्रतिशोधी"
पिछले सप्ताह विधान परिषद ने तीन राजधानी बनाने के विधेयक को सिफ़ारिश के लिए प्रवर समिति को भेज दिया है।
पृध्वीराज रूपावत
29 Jan 2020
विधान परिषद समाप्त करने का फ़ैसला

विधान परिषद में विधान सभा द्वारा पारित बिल पर कार्यवाही में देरी का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 27 जनवरी को कहा कि विधान परिषद को समाप्त करने के लिए वैधानिक प्रस्ताव पेश करने से पहले उन्हें परिषद को खत्म करने पर गर्व है। ये प्रस्ताव आंध्र प्रदेश विधानसभा ने पारित कर दिया।

इस पर राजनीतिक दलों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। स्वतंत्र रूप से निर्वाचित विधान परिषद के मौजूदा विधायक (एमएलसी) ने सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की ओर से उठाए गए इस क़दम को अलोकतांत्रिक और प्रतिशोधी प्रकृति का क़रार दिया है।

चूंकि मुख्य विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी ने सरकार के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज करने के लिए विधानसभा सत्र का बहिष्कार कर दिया। परिषद को समाप्त करने के प्रस्ताव के पक्ष में 175 सदस्यों वाली विधानसभा में 133 मत पड़े। इसके बाद, राज्य सरकार ने मंगलवार को गृह मंत्रालय को विचार करने के लिए ये प्रस्ताव भेज दिया है।

इस प्रस्ताव पर फ़ैसला अब अब संसद करेगी तब तक विधान परिषद मौजूदा क़ानूनों के तहत कार्यवाही करती रहेगी।

प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच एमएलसी ने सरकार के इस क़दम को अलोकतांत्रिक बताया है। न्यूज़क्लिक से बात करते हुए के.एस. लक्ष्मण राव ने कहा, “साल 2007 के बाद से, जब आंध्र प्रदेश में विधान परिषद गठित हुआ था तो इस परिषद ने मज़दूरों, सरकारी और निजी कर्मचारियों, शिक्षकों, आउटसोर्स कर्मचारियों और किसानों से संबंधित मुद्दों का समाधान करने का एक मंच रहा है। हम सरकार द्वारा परिषद को खत्म करने के तरीके का सिर्फ इसलिए विरोध करते हैं क्योंकि परिषद ने तीन वित्तीय बिल को प्रवर समिति को भेज दिया है।”

वर्तमान में राज्य विधान परिषद में 58 सदस्यों में से टीडीपी 28 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, इसके बाद वाईएसआर कांग्रेस के नौ सदस्य, आठ मनोनीत सदस्य, पीडीएफ से पांच, तीन स्वतंत्र सदस्य और दो सदस्य भाजपा के हैं जबकि तीन सीटें हैं खाली हैं।

20 जनवरी को राज्य विधानसभा ने 'आंध्र प्रदेश डिसेंट्रलाइजेशन एंड इंक्लूसिव डेवलपमेंट ऑफ ऑल रिजन बिल, 2020’ को पारित कर दिया है जिसमें अमरावती को विधायी राजधानी, विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी और कुरनूल को विधिक राजधानी के रूप में गठित करने का प्रावधान है।

23 जनवरी को प्रदेश के उच्च न्यायालय ने दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अमरावती से राजधानी स्थानांतरित करने पर यथास्थिति का आदेश दिया है। इस विधेयक का विरोध करते हुए अमरावती क्षेत्र से किसानों ने याचिका दायर की थी। अगली सुनवाई 26 फरवरी को होनी है।

अचानक लिए गए इस फैसले के पक्ष में कारण बताते हुए वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने विधानसभा को बताया कि विधान परिषद के कामकाज पर राज्य को हर साल 60 करोड़ रुपये का खर्च आता है और राज्य की मौजूदा आर्थिक स्थिति चिंताजनक है।

दिलचस्प बात यह है कि राज्य में विधान परिषद का गठन साल 2007 में दिवंगत वाई.एस. राजशेखर रेड्डी ने किया था जो उस समय आंध्र प्रदेश के सीएम थे और मौजूदा सीएम वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के पिता थे।

टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने इस फ़ैसले को अनुचित और असहिष्णु बताया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिषद में ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व अधिक है।

राज्य में सीपीआई के सचिव राम कृष्ण ने मीडिया से कहा कि सीएम इस नियम में कई ग़लतियां कर रहे हैं।

दूसरी तरफ़, अमरावती क्षेत्र के किसान तीन राजधानी बनाने की योजना के ख़िलाफ़ विरोध कर रहे हैं। पिछली टीडीपी सरकार ने राजधानी के निर्माण के लिए इस क्षेत्र से 33,000 एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया है। टीडीपी नेताओं के अनुसार, पिछली सरकार ने पहले ही अमरावती में निर्माण के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। हालांकि, सीएम जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि टीडीपी ने वहां राजधानी स्थापित करने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है और यह भी तर्क दिया है कि यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित है और भविष्य में राजधानी के रूप में ठीक नहीं है।

AP Legislative Council
YSR congress
ysrcp
CPI
TDP
Amaravati
Upper House

Related Stories

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

कोलकाता : वामपंथी दलों ने जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चलने और बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ निकाला मार्च

बिना अनुमति जुलूस और भड़काऊ नारों से भड़का दंगा

जहांगीरपुरी हिंसा: वाम दलों ने जारी की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट, पुलिस की भूमिका पर सवाल

अपने वर्चस्व को बनाए रखने के उद्देश्य से ‘उत्तराखंड’ की सवर्ण जातियां भाजपा के समर्थन में हैंः सीपीआई नेता समर भंडारी

भारतीय वामपंथियों ने क्यूबा के क्रांतिकारी फिदेल कास्त्रो की 5वीं पुण्यतिथि पर उनके जीवन को याद किया

बिहार शराब कांडः वाम दलों ने विरोध में निकाली रैलियां, किया नीतीश का पुतला दहन


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License