NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
सोशल मीडिया
भारत
झारखंड: बीफ से जुड़ी दो साल पुरानी फेसबुक पोस्ट के लिए आदिवासी शिक्षक गिरफ्तार
जीतराई हांसदा को जेल भेजे जाने पर कई पारंपरिक आदिवासी संगठनों ने नाराजगी जताई है।
अमित सिंह
27 May 2019
फाइल फोटो
(फोटो साभार: ट्विटर/@JharkhandJanad1)

चेन्नई में एक बीफ पार्टी के समर्थन में दो साल पहले फेसबुक पर कथित तौर पर 'आपत्तिजनक पोस्ट' लिखने के लिये झारखंड के एक सरकारी कॉलेज के शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में अनुबंध पर काम कर रहे जीतराई हांसदा को शनिवार की रात को जमशेदपुर के साकची इलाके में एक गांव से गिरफ्तार किया गया। 

साकची पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी राजीव सिंह ने बताया, 'हांसदा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें न्यायिक हिरासत में घाघीडीह जेल भेज दिया गया है।' 

साकची पुलिस ने कहा है कि आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले जीतराई हांसदा फरार चल रहे थे। 

अधिकारी ने बताया कि शिक्षक ने आईआईटी-मद्रास के छात्रों द्वारा आयोजित एक बीफ पार्टी के समर्थन में कथित रूप से एक पोस्ट लिखी थी, जिसे लेकर आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

कौन है हांसदा?

जीतराई हांसदा जमशेदपुर के कोऑपरेटिव कॉलेज में पढ़ाते हैं। इसके पहले वह जमशेदपुर के ग्रेजुएट कॉलेज ऑफ वीमेन में पढ़ाया करते थे। जीतराई हांसदा ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) से पढ़ाई की है। आदिवासियों के विस्थापन पर केंद्रित उनका एक नाटक 'फेविकोल' काफी चर्चित रहा है। इसका देश में कई जगहों पर मंचन भी हुआ है। 

घाघीडीह जेल भेजे जाने से पहले रविवार को 'द टेलीग्राफ' से बातचीत में जीतराई हांसदा ने कहा, 'मैं अपने बयान पर कायम हूं। (बीफ खाने) को समाज के लिए आपत्तिजनक माना जाता है लेकिन यह हमारी आदिवासी संस्कृति का हिस्सा है। लेकिन कुछ चीजें जो मैंने पोस्ट की थीं, वे गलत थीं, मुझे इसे ऐसे नहीं रखना चाहिए था।'

उन्होंने बताया, 'गिरफ्तारी से पहले उन्होंने जिला अदालत और झारखंड हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली थी।'

आपको बता दें कि झारखंड में गोमांस खाना या बेचना गैरकानूनी है।

क्या था फेसबुक पोस्ट में?

पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार जीतराई हांसदा ने 29 मई 2017 को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर गोमांस खाने के पक्ष में एक पोस्ट किया था। शिकायत के बाद साकची थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने इसकी जांच की थी और 2 जून 2017 को एफआईआर दर्ज कराई थी। हांसदा के खिलाफ धार्मिक मान्यताओं का अपमान करने और लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए आईपीसी की धारा 153 (ए), 295 (ए) और 505 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार की जांच रिपोर्ट के अनुसार, हांसदा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, 'हम आदिवासी बीफ यानी गोमांस खाते हैं। जाहेर डांगरी विधान यानी अंतिम संस्कार के रिवाज के समय इसका वध करते हैं।...इसके अलावा पर्व-त्योहार में भी काटते हैं। तो क्या भारत के कानून की वजह से हम अपना खान-पान, रिच्युअल्स यानी पारंपरिक अनुष्ठान बंद कर दें और हिंदू बनकर रहें। आदिवासियत को खत्म कर दें। ये कभी नहीं हो सकता...'

fir.jpg

आपको बता दें कि इस पोस्ट के बाद कॉलेज में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। आरएसएस की छात्र इकाई ने साकची पुलिस थाने में इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई थी और जमशेदपुर के कोल्हान यूनिवर्सिटी से संबद्ध ग्रेजुएट कॉलेज ऑफ वीमेन से उनको निकाले जाने की मांग की। संयोगवश, हांसदा का 11 महीने का अनुबंध उसी समय समाप्त हो गया और उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया।

छह महीने बाद, विश्वविद्यालय ने उन्हें जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज में गेस्ट लेक्चरर के रूप में शामिल होने की अनुमति दी, क्योंकि उन्होंने स्पष्ट रूप से कोई और विवादित टिप्पणी नहीं करने का वादा किया था।

आदिवासी संगठनों ने जताया विरोध 

जीतराई हांसदा को जेल भेजे जाने पर कई पारंपरिक आदिवासी संगठनों ने नाराजगी जताई है। झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा की महासचिव वंदना टेटे ने पत्र जारी कर उनकी जल्द रिहाई की मांग की है। 

अपने पत्र में टेटे ने लिखा है, 'हम झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा की ओर से जमशेदपुर, झारखंड के प्रख्यात आदिवासी रंगकर्मी और कोऑपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर में प्राध्यापक जीतराई हांसदा की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि उसे बिना शर्त रिहा किया जाए। संताली कलाकार जीतराई ने कोई भी बात संविधान विरूद्ध नहीं कही है। उसने अपनी संताल संस्कृति के अनुसार ही फेसबुक पर लिखा था। इसके लिए उसकी गिरफ्तारी उचित नहीं है। हम झारखंड और भारत के सभी न्याय पसंद जनता और संगठनों से अपील करते हैं कि वे जीतराई हांसदा के समर्थन में आगे आएं और उसकी गिरफ्तारी का विरोध करें।'

इसके अलावा झारखंड जनाधिकार महासभा ने भी हांसदा के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विरोध जताया है। महासभा ने कहा है कि इस किस्म की कार्रवाई आदिवासियों पांरपरिक अधिकार के साथ मानवाधिकार के खिलाफ है। 

इससे पहले 2017 में जीतराई हांसदा के खिलाफ दर्ज शिकायत का विरोध करते हुए आदिवासी परंपराओं के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था माझी परगना महल के प्रमुख दसमाथ हांसदा ने कॉलेज के वाइस चांसलर को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया था कि सांप्रदायिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की शिकायत के आधार पर उन्हें कॉलेज से न निकाला जाए।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Santhal
tribal theatre activist
Jeetrai Hansda
Beef eating
Ghaghidih Central Jail
Jharkhand
ABVP
Facebook

Related Stories

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !

यूपी चुनाव : छात्र संगठनों का आरोप, कॉलेज यूनियन चुनाव में देरी के पीछे योगी सरकार का 'दबाव'

बीएचयू में कौन खड़ा कर रहा शायर अल्लामा इक़बाल के पोस्टर पर बितंडा?

झारखण्ड: बिना परीक्षा फेल किये हज़ारों छात्र, सड़कों पर नाराज छात्रों का प्रदर्शन जारी

निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या काफी कम : रिपोर्ट

तो क्या अब सिलेबस पढ़ाना भी अपराध हो गया है?


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License