NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
सोशल मीडिया
भारत
राजनीति
झारखंड : छात्रा का विवादित कमेंट, कोर्ट की सज़ा और हिन्दू संगठनों की चेतावनी!  
पीठोरिया और बागोदर की घटनाओं पर भाजपा व कुछ अन्य हिन्दू संगठनों के नेताओं का विरोध है कि पुलिस उचित छानबीन नहीं करके बेक़सूरों को फंसा रही है, लेकिन...।  

 
अनिल अंशुमन
16 Jul 2019
सोशल मीडिया पर संप्रदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप में गिरफ्तार

15 जुलाई को रांची के स्थानीय कोर्ट ने सोशल मीडिया पर संप्रदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप में गिरफ्तार पीठोरिया की ग्रेजुएशन की छात्रा को 15 दिनों में कुरान की 5 प्रतियाँ बांटने के आदेश के साथ सशर्त जमानत दी है। कोर्ट के आदेशानुसार उक्त छात्रा को कुरान की एक प्रति पीठोरीया अंजुमन इस्लामिया के सदर को तथा शेष चार प्रतियाँ सरकारी विश्वविद्यालय या कॉलेज को देनी होगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कोर्ट के इस फैसले को स्तब्ध करनेवाला कहा है।

खबरों के अनुसार 13 जुलाई को राजधानी से सटे पीठोरिया गाँव की इस छात्रा को पुलिस ने संप्रदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अंजुमन इसलामिया पीठोरीया ने इस छात्रा द्वारा 12 जुलाई से ही सोशल साईट पर संप्रदाय विशेष के खिलाफ आपत्तीजनक बातें लिखे जाने की लिखित शिकायत दर्ज़ की थी। इस गिरफ्तारी के तत्काल बाद ही  विश्व हिन्दू परिषद, आरएसएस, बजरंग दल व हिन्दू जागरण मंच समेत कई हिन्दू संगठनों के सैकड़ों नेता – कार्यकर्ताओं ने पीठोरिया थाना को घेर लिया। गिरफ्तार छात्रा की अविलंब रिहाई और थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग के आक्रोशपूर्ण नारों के दबाव में मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों को थाना प्रभारी की गलती मिलने पर कार्रवाई करने का आश्वासन देना पड़ा। प्रदर्शनकारी हिन्दू संगठनों का आरोप था कि पुलिस ने एक संप्रदाय विशेष को तुष्ट करने के लिए बिना किसी छानबीन के एकपक्षीय कार्रवाई की है। अगले दिन राजधानी के अल्बर्ट एक्का चौक पर आक्रोश प्रदर्शन करते हुए इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया और उनकी मांगे नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। इस विरोध को और हवा देने का ‘सुकार्य’ किया रांची से पहली बार सांसद बने भाजपा नेता के बयान ने, जिसमें उन्होंने पुलिस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए अपना विरोध जताकर अविलंब रिहाई की मांग की।

बताया जाता है कि सोशल मीडिया में सरायकेला में हुए तबरेज अंसारी लिंचिंग कांड को लेकर कई आपत्तिजनक विवादित बातें चल रहीं थीं। उनमें शामिल इस छात्रा ने भी 12 जुलाई को मॉब लिंचिंग के मामलों पर लगाम लगाने के सरकार के वर्तमान फैसलों पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री तक को संबोधित अपने कमेंट पोस्ट में कह डाला कि -- “विश्वास जीतना” कहीं झारखंड विधानसभा चुनाव में भारी न पड़ जाये .... ? 13 जुलाई को अंजुमन इसलामिया पीठोरीया के सदर ने सोशल मीडिया में चलायी जा रही आपत्तीजनक बहसों को स्थानीय पुलिस थाना में प्रस्तुत कर संप्रदाय विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत किए जाने की लिखित शिकायत कर सांप्रदायिक विवाद फैलने का भी अंदेशा जताया। मामले की प्रथमदृष्टया छानबीन के बाद पुलिस ने उक्त छात्रा को गिरफ्तार किया।

ऐसी ही दूसरी खबर है गिरिडीह ज़िला स्थित बागोदर के बेको मोड़ पास एनएच-2 पर मॉब लिंचिंग के प्रयास किए जाने की। जिसमें 14 जुलाई को हड्डी लादकर जा रहे कंटेनर के बारे में सोशल मीडिया पर ‘प्रतिबंधित मांस’ ले जाने का अफवाह फैलाकर हमला कर दिया गया। संगठित भीड़ द्वारा खलासी की हो रही बर्बर पिटाई के दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ से खलासी को छुड़ा लिया। भीड़ ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया तो जवाब में पुलिस ने भी सख्ती अपनाते हुए 9 लोगों को घटनास्थल पर ही गिरफ्तार कर शेष 270 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ किया। इस कांड में भाजपा के स्थानीय विधायक के कार्यकर्ताओं व नेताओं के अलावा बागोदर कमल क्लब अध्यक्ष भजपा युवा मोर्चा नेता इत्यादि को घटना करते हुए गिरफ्तार किया गया। इस घटना के वायरल वीडियो में स्थानीय भाजपा विधायक के बेटा के नेतृत्व करने की भी चर्चा है।   

गौरतलब है कि तबरेज अंसारी लिंचिंग कांड से पूरे विश्व स्तर पर झारखंड के साथ साथ भारत की हुई काफी किरकिरी हुई। संयुक्त राष्ट्र संघ के ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने भी भारत में एक संप्रदाय विशेष को निशाना बनाकर मॉब लिंचिंग किए जाने को लेकर गंभीर चर्चा की। फलतः भारत के प्रधानमंत्री को दुख प्रकट कर अपने घोषित “सबका विश्वास” को मजबूती से लागू करने की बात कहनी पड़ी। झारखंड के मुख्यमंत्री को भी मॉब लिंचिंग जैसे मामलों में दोषियों को तत्काल चिह्नित कर कार्रवाई करने का आदेश जारी करना पड़ा। इसी 8 जुलाई को झारखंड के पुलिस डीजीपी ने वीडियो कांफ्रेंसिग से सभी पुलिस अधिकारियों को मॉब लिंचिंग व ऐसे अन्य संगीन मामलों पर सख्त और प्रभावी कदम उठाने निर्देश दिया। इसीलिए संभवतः यही वजह भी रही कि पीठोरीया और बागोदर में पुलिस ने मौके पर सही भूमिका दिखाई।  

पीठोरिया और बागोदर की घटनाओं पर भाजपा व कतिपय हिन्दू संगठनों के जिन नेताओं का इस बात को लेकर उग्र विरोध है कि पुलिस उचित छानबीन नहीं करके बेक़सूरों को फंसा रही है तो रांची सांसद समेत न्याय के इन सभी ठेकेदारों से क्या यह पूछा नही जाना चाहिए कि-

3 अक्तूबर, 2016 को जामताड़ा के दिघारी गाँव के 25 वर्षीय युवा मींन्हाज़ अंसारी को ‘प्रतिबंधित मांस’ के साथ विवादित पोस्ट लगाने के आरोप में स्थानीय नारायणपुर थाना की पुलिस ने रात में उसे घर से उठा लिया था। समुचित जांच और कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना थाना प्रभारी और विश्व हिन्दू परिषद के स्थानीय नेता द्वारा इतनी बर्बर पिटाई की गयी कि 5 अक्टूबर को उसकी मौत हो गयी। ..... तो मींन्हाज़ अंसारी को मारने से पहले उसके परिजनों की विवादित पोस्ट मामले की पूरी जांच करने की गुहार क्यों नहीं हुनी गयी?

इसी प्रकार 14 फरवरी 2018 में रांची ज़िला के बुण्डू में एक मुस्लिम युवा के विवादित पोस्ट की प्रतिक्रिया में कतिपय हिन्दू संगठनों द्वारा पूरे शहर में घंटो तांडव मचाया गया। पोस्ट लगाने के आरोपी मुस्लिम युवक के घर पर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए सैकड़ों की संगठित भीड़ ने हमला बोल दिया और मुस्लिम विरोधी आपत्तिजनक नारे लगाते हुए मुस्लिम बस्तियों के लोगों को आतंकित किया गया। रांची – टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर मुस्लिम नामधारी गाड़ियों को चुन चुन कर तोड़फोड़ का निशाना बनाकर उनमें आग लगा दी गयी । घटना की तस्वीरें ले रहे स्थानीय मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा गया। फुटपाथ पर लगीं मुस्लिम दुकानों को तहस–नहस कर धारा 144 लागू रहने के बावजूद शाम में पूरे शोर शराबे के साथ शिव बारात निकाली गयी। इस कांड में भी आरोपित मुस्लिम युवा के परिजन विवादित पोस्ट की जांच करने की मांग नहीं सुनी गयी ?

उक्त संदर्भों की चर्चा मात्र इसीलिए है कि क्या ऐसे सुनियोजित जघन्य कांड चंद सिरफिरे नेताओं व लोगों कि कारस्तानी है या कुछ और है? देश के लोकतन्त्र का महापर्व में तो .... सरहदों पर तनाव दिखाकर चमत्कारिक जीत हासिल की गयी। अब चंद महीनों बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव होना है और प्रदेश के मुखिया ने विधानसभा की 80 सीटों में  ‘65 पार’ जीत की घोषणा कर दी है। हमेशा की तरह इसके लिए भी वोटों का ध्रुवीकरण अनिवार्य तत्व है। लेकिन प्रदेश व देश की बदनाम हो रही छवि के चलते सरकार को कुछ ‘सियासी चक्करघिन्नी’  चलानी पड़ रही है। जिससे हो रहे व्यवधानों से कुपित ‘हिन्दू वोट के मैनेजरों’ को चेताना पड़ रहा है कि ‘सबका विश्वास’  जीतने का चक्कर विधानसभा चुनाव में कहीं भारी न पड़ जाये!

Jharkhand government
mob lynching
Facebook
Communalism

Related Stories

भारत में हर दिन क्यों बढ़ रही हैं ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं, इसके पीछे क्या है कारण?

मध्य प्रदेश: एक हफ़्ते में अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ घृणा आधारित अत्याचार की 6 घटनाएं

बिहार: समस्तीपुर माॅब लिंचिंग पीड़ितों ने बिहार के गृह सचिव से न्याय की लगाई गुहार

पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में छह आरोपी बरी

इंदौर: भीड़ ने मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को बच्चा चोर बताकर पीटा

मॉब लिंचिंग पर पीएम को चिट्ठी लिखने वाले अभिनेता कौशिक सेन का दावा, मिली मौत की धमकी

उत्तर प्रदेश: गाय ले जाने के लिए मिलेगा प्रमाणपत्र

हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर कौन कर रहा है भारत को बदनाम?

चाँदनी चौक : अमनपसंद अवाम ने सांप्रदायिक तत्वों के मंसूबे नाकाम किए

घृणा और हिंसा को हराना है...


बाकी खबरें

  • Nisha Yadav
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    चंदौली: निशा यादव हत्या मामले में सड़क पर उतरे किसान-मज़दूर, आरोपियों की गिरफ़्तारी की माँग उठी
    14 May 2022
    प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा- निशा यादव का कत्ल करने के आरोपियों के खिलाफ दफ़ा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
  • Delimitation
    रश्मि सहगल
    कैसे जम्मू-कश्मीर का परिसीमन जम्मू क्षेत्र के लिए फ़ायदे का सौदा है
    14 May 2022
    दोबारा तैयार किये गये राजनीतिक निर्वाचन क्षेत्रों ने विवाद के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं, जो इस बात का संकेत देते हैं कि विधानसभा चुनाव इस पूर्ववर्ती राज्य में अपेक्षित समय से देर में हो सकते हैं।
  • mnrega workers
    सरोजिनी बिष्ट
    मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?
    14 May 2022
    "किसी मज़दूर ने 40 दिन, तो किसी ने 35, तो किसी ने 45 दिन काम किया। इसमें से बस सब के खाते में 6 दिन का पैसा आया और बाकी भुगतान का फ़र्ज़ीवाड़ा कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन द्वारा जो सूची उन्हें दी गई है…
  • 5 वर्ष से कम उम्र के एनीमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, 67 फीसदी बच्चे प्रभावित: एनएफएचएस-5
    एम.ओबैद
    5 वर्ष से कम उम्र के एनीमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, 67 फीसदी बच्चे प्रभावित: एनएफएचएस-5
    14 May 2022
    सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 में किए गए सर्वेक्षण में 5 वर्ष से कम उम्र (6-59 महीने) के 58.6 प्रतिशत बच्चे इससे ग्रसित थे जबकि एनएफएचएस-5 के 2019-21 के सर्वे में इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की…
  • masjid
    विजय विनीत
    ज्ञानवापी मस्जिद: कड़ी सुरक्षा के बीच चार तहखानों की वीडियोग्राफी, 50 फीसदी सर्वे पूरा
    14 May 2022
    शनिवार को सर्वे का काम दोपहर 12 बजे तक चला। इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के करीब आधे हिस्से का सर्वे हुआ। सबसे पहले उन तहखानों की वीडियोग्राफी कराई गई, जहां हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License