NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जोधपुर में 2 परिवारों के बीच मारपीट का वीडियो हिंदू-मुस्लिम ऐंगल के साथ हुआ वायरल
राजस्थान का बताकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. वीडियो में काफी हिंसा है. कई लोग डंडों से एक व्यक्ति को पीटते हुए दिख रहे है. जिस व्यक्ति को पीटा जा रहा है, उसके बदन से खून बह रहा है. दावा है कि पीटने वाले लोग मुसलमान हैं जिन्हें कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में गिरफ़्तारी का कोई डर नहीं है.
प्रियंका झा
23 Sep 2021
fact check

राजस्थान का बताकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. वीडियो में काफी हिंसा है. कई लोग डंडों से एक व्यक्ति को पीटते हुए दिख रहे है. जिस व्यक्ति को पीटा जा रहा है, उसके बदन से खून बह रहा है. दावा है कि पीटने वाले लोग मुसलमान हैं जिन्हें कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में गिरफ़्तारी का कोई डर नहीं है.

एक ट्विटर यूज़र ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “राजस्थान में एक निर्दोष हिन्दू योगेश जाटव की राशीद और उसके साथियों ने पिंट पिंट कर हत्या कर दी लिंचिंग कांग्रेस शासित राज्य में हुई है, मरने वाला हिन्दू और मारने वाला शान्तिदूत इस लिए सन्नाटा.”

रमेश सोलंकी नाम के एक वेरिफ़ाइड ट्विटर यूज़र ने भी इस दावे वाले एक ट्वीट को कोट ट्वीट करते हुए राजस्थान सरकार के कई मंत्रियों को टैग किया. बताया जा रहा है कि घटना के 5 दिन बाद भी किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई.

 

कई लोगों ने फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये वीडियो शेयर किया और दावा किया कि मारने वाले लोग मुस्लिम समुदाय के हैं. ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर भी इस वीडियो की सच्चाई पता करने की कई रिक्वेस्ट मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

इस मामले की जानकारी के लिए हमने की-वर्ड्स सर्च किया और हमें कुछ रिपोर्ट्स मिलीं जिनके मुताबिक पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय के थे. दैनिक भास्कर की 19 सितम्बर की रिपोर्ट के मुताबिक, ” महामंदिर थाना क्षेत्र के खटीकों का मोहल्ला मानसागर शिवपुरी में 19 तारिक को आपसी रंजिश के चलते दो परिवार आमने-सामने हो गए. लाठियों व सरियों से किए गए हमले में पांच लोग घायल हो गए.” इस रिपोर्ट में कुछ तस्वीरें भी हैं जो शेयर किए जा रहे वीडियो के विज़ुअल से मेल खाती हैं.

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि लाठियों सेे किए गए हमले में अजय, कंचन, शांति, कैलाश एवं कमलेश घायल हो गए. मामले की जानकारी होने पर पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया जिनके नाम हैं, मनोहरलाल, रविंद्र खींची, भरत, विशाल, संतोष, विकास, घनश्याम, देवीलाल, भवानी व पुखराज. यानी, दोनों ही पक्ष हिन्दू समुदाय से हैं.

इस घटना की रिपोर्ट पत्रिका, नवभारत टाइम्स ने भी दी. किसी भी रिपोर्ट में इसे सांप्रदायिक मामला नहीं बताया गया है.

थानाधिकारी लेखराज सिहाग ने पत्रिका को बताया, “महामंदिर दूसरी पोल के बाहर मानसागर खटीकों के मोहल्ले में परिवार के दो पक्षों के बीच रंजिश है. अनंत चतुदर्शी के उपलक्ष में शनिवार रात मोहल्ले में जागरण था, जहां विरोधी पक्ष का युवक जा पहुंचा और विवाद करने लगा. जिससे वहां झगड़ा हो गया. बाद में वह युवक चला गया. इसको लेकर रविवार दोपहर एक पक्ष के सात-आठ युवक तलवार, लोहे के पाइप, सरिए आदि से लैस होकर आए और झालरा बेरा के पास खड़े अजय पुत्र कैलाश खटीक पर हमला कर दिया. उसके मामा कमलेश ने बीच-बचाव किया. इस पर हमलावर कमलेश पर टूट पड़े. तलवार, लोहे के पाइप व सरियों से अंधाधुंध वार किए. जिससे उसका सिर फट गया और वहीं पर गिर गया.”

ऑल्ट न्यूज़ ने महामंदिर थाने से संपर्क किया. पुलिस ने बताया, “इस घटना में हिन्दू-मुस्लिम ऐंगल नहीं था. ये दो परिवारों के आपसी रंज़िश का मामला था. सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ किया जा रहा दावा बिलकुल ग़लत है.”

इस तरह ये स्पष्ट है कि घटना को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. दो हिन्दू परिवारों के बीच लड़ाई के वीडियो को मुस्लिमों पर निशाना साधते हुए शेयर किया गया.

साभार : ऑल्ट न्यूज़ 

fact check
Alt news
jodhpur
communal politics
hindu-muslim

Related Stories

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

‘तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है’… हिंसा नहीं

बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़

बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'

लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश

जोधपुर में कर्फ्यू जारी, उपद्रव के आरोप में 97 गिरफ़्तार

जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग

अगर सरकार की नीयत हो तो दंगे रोके जा सकते हैं !

इफ़्तार को मुद्दा बनाने वाले बीएचयू को क्यों बनाना चाहते हैं सांप्रदायिकता की फैक्ट्री?

जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!


बाकी खबरें

  • Yeti Narasimhanand
    न्यूज़क्लिक टीम
    यति नरसिंहानंद : सुप्रीम कोर्ट और संविधान को गाली देने वाला 'महंत'
    23 Apr 2022
    यति नरसिंहानंद और अ(संतों) का गैंग हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद गिरी ने दूसरी बार अपने ज़मानत आदेश का उल्लंघन करते हुए ऊना धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती बयान दिए हैं। क्या है यति नरसिंहानंद…
  • विजय विनीत
    BHU : बनारस का शिवकुमार अब नहीं लौट पाएगा, लंका पुलिस ने कबूला कि वह तलाब में डूबकर मर गया
    22 Apr 2022
    आरोप है कि उनके बेटे की मौत तालाब में डूबने से नहीं, बल्कि थाने में बेरहमी से की गई मारपीट और शोषण से हुई थी। हत्या के बाद लंका थाना पुलिस शव ठिकाने लगा दिया। कहानी गढ़ दी कि वह थाने से भाग गया और…
  • कारलिन वान हाउवेलिंगन
    कांच की खिड़कियों से हर साल मरते हैं अरबों पक्षी, वैज्ञानिक इस समस्या से निजात पाने के लिए कर रहे हैं काम
    22 Apr 2022
    पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले लोग, सरकारों और इमारतों के मालिकों को इमारतों में उन बदलावों को करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके ज़रिए पक्षियों को इन इमारतों में टकराने से…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी
    22 Apr 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले वे 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के 15 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर हैं फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है।
  • ईशिता मुखोपाध्याय
    भारत में छात्र और युवा गंभीर राजकीय दमन का सामना कर रहे हैं 
    22 Apr 2022
    राज्य के पास छात्रों और युवाओं के लिए शिक्षा और नौकरियों के संबंध में देने के लिए कुछ भी नहीं हैं। ऊपर से, अगर छात्र इसका विरोध करने के लिए लामबंद होते हैं, तो उन्हें आक्रामक राजनीतिक बदले की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License