NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कोलेजीयम ने न्यायमूर्ति के० एम० जोसेफ की सिफारिश को दोहराएगा
सर्वोच्च न्यायालय में उन्नति के नामों को अंतिम रूप देने के लिए 16 मई को कॉलेजियम फिर से मिलेगा ।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 May 2018
Translated by मुकुंद झा
cji

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति के एम एम जोसेफ की सर्वोच्च न्यायालय की उन्नति पर चर्चा करने के लिए कल मुलाकात की। रिपोर्टों के मुताबिक,कॉलेजियम ने फैसला किया है कि वे न्यायमूर्ति के.एम जोसेफ के नाम को अंतिम रूप देने के बाद अन्य नामों के साथ दोहराएंगे। इस उद्देश्य के लिए, कॉलेजियम ने 16 मई को एक और बैठक निर्धारित की है।

2 मई को, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने दोहराए गए न्यायमूर्ति के एम जोसेफ के नाम पर अपना निर्णय स्थगित कर दिया था। कॉलेजियम ने पहले नियुक्ति के लिए सरकार को दो नामों की सिफारिश की थी; वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा ​​और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ। मल्होत्रा ​​न्यायमूर्ति मल्होत्रा ​​बन गया, जबकि न्यायमूर्ति यूसुफ को सर्वोच्च न्यायालय में नहीं लिया गया। सीजेआई दीपक मिश्रा ने सरकार के कार्यों का समर्थन किया और कहा कि अगर सरकार सिफारिश को वापस भेजे तो कुछ भी गलत नहीं है।

कोलेजीयम सिफारिशों वाली फाइल को विभाजित करने के लिए सरकार के कदम का विरोध सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने किया था। हालांकि न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ​​की उन्नति का स्वागत बार के सदस्यों ने किया था, फिर भी उन्होंने न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को दरकिनार करने के लिए सरकार के कदम पर सवाल उठाया। पूर्व सीजेआई लोढा ने इस मामले पर भी अपने विचार व्यक्त किए, संभवतः, क्योंकि वह सीजेआई के समय की याद दिलाता था जब सरकार ने वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम के नाम पर कुछ ऐसा ही किया था। इस मामले के परिणामस्वरूप वरिष्ठ वकील नामांकन के लिए अपनी सहमति वापस ले रहे थे,इस प्रकार वो सर्वोच्च प्रतिष्ठा को बचा रहे थे  और साथ ही सर्वोच्च न्यायालय और सरकार के बीच एक अनिवार्य टकराव को टाल रहे थे |

अजीब बात यह है कि न्यायमूर्ति के एम जोसेफ के नाम को दोहराने के बजाय कॉलेजियम ने इसके नाम पर सरकार के नाम के साथ अन्य नामों को दोहराने का विकल्प चुना है। वे कुछ अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति के नामों कें साथ –साथ अन्य राज्यों के की भी सिफारिश कर सकता है जिनका सुप्रीम कोर्ट में ‘कम प्रतिनिधित्व’ हैं | न्यायमूर्ति जोसेफ की सिफारिश लौटने के लिए सरकार के अपरिपक्व तर्क है की दोहराव से बचने के लिए यह एक बुद्धिमान कदम होगा। हालांकि,नियुक्ति में देरी सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता उत्तराधिकार को प्रभावित करती है।

CJI
सुप्रीम कोर्ट

Related Stories

अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय हमें लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना चाहिए: प्रधान न्यायाधीश

‘(अ)धर्म’ संसद को लेकर गुस्सा, प्रदर्शन, 76 वकीलों ने CJI को लिखी चिट्ठी

सीजेआई ने फिर उठाई न्यायपालिका में 50% से अधिक महिलाओं के प्रतिनिधित्व की मांग

वोट बैंक की पॉलिटिक्स से हल नहीं होगी पराली की समस्या

मौजूदा समय में पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई को लेकर मुख्य न्यायाधीश की नाराज़गी गंभीर है!

न्याय वितरण प्रणाली का ‘भारतीयकरण’

सुप्रीम कोर्ट की क्षेत्रीय बेंचों की ज़रूरत पर एक नज़रिया

क्या सीजेआई हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति की पहल कर सकते हैं?

क्या नए मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना सुप्रीम कोर्ट की साख को दोबारा स्थापित कर पाएंगे?

बलात्कार मामले में CJI की टिप्पणी, मानेसर में कर्मचारियों का कामबंद और अन्य


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव
    29 May 2022
    भीमा नदी के जल से सिंचित/ चाँदनी के फूल… / वे इनकार करना चाहते हैं इस्तेमाल होने से/ पैरों में बिछने से, गले का हार बनने से/ और बिस्तर पर बिछाये जाने से।
  • कुमुदिनी पति
    विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय
    29 May 2022
    वर्तमान समय में महिलाओं की आज़ादी पर सबसे अधिक हमले हो रहे हैं…, इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रही है। कमज़ोर, दलित और अल्पसंख्यक भय के वातावरण में जी रहे हैं। यह वैसा ही अंधकारमय युग है जैसा राममोहन रॉय ने…
  • एम.ओबैद
    बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया
    28 May 2022
    बिहार के समस्तीपुर ज़िले के एक पंचायत में 192 राशन कार्ड रद्द किया गया है। इसमें वह ग़रीब विधवा महिला भी शामिल हैं जो आंखों से देख नहीं सकती हैं।
  • असद रिज़वी
    यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन
    28 May 2022
    राज्य कर्मचारियों ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 70 जिलों में विरोध दिवस मनाया। कर्मचारी नेताओं ने देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर भी चिंता जताई और आह्वान किया कि…
  • रौनक छाबड़ा
    सरकार ने किया नई रक्षा कंपनियों द्वारा मुनाफ़ा कमाए जाने का दावा, रक्षा श्रमिक संघों ने कहा- दावा भ्रामक है 
    28 May 2022
    सरकार ने दावा किया है कि नव गठित रक्षा कंपनियों ने मुनाफ़ा अर्जित किया है, इसके बाद मान्यता प्राप्त रक्षा कर्मचारी संघों ने इसे “अनुचित” और “अर्ध-सत्य को प्रचारित” करने वाला बताया है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License