NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
कोयला आयात घोटाला : अदानी समूह ने राहत पाने के लिए बॉम्बे हाइ कोर्ट का रुख किया
जब अडानी समूह अपने खिलाफ दिए जरूरी दस्तावेजों की पेशी से समबन्धित इस आदेश के खिलाफ स्थगन हासिल करने हेतु सिंगापूर उच्च न्यायालय के पास पहुँची तो सिंगापुर न्यायालय ने इस निवेदन को खारिज कर दिया और कम्पनी को निचली अदालत के आदेश को मानने को कहा गया।
पृथ्वीराज रूपावत
30 Aug 2018
Adani Coal Scam

तकरीबन एक हफ्ते पहले भारतीय राजस्व निदेशालय के रोगेटरी लेटर्स के जरिये किये गए निवेदन पर सिंगापूर उच्च न्यायलय ने भारत के  अडानी समूह को इंडोनेशिया कोयला आयात से संबंधित सारे जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया। 28 अगस्त को अडानी समूह ने मुंबई उच्च न्यायलय में इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की। याचिका में कस्टम डिपार्टमेंट द्वारा बाहरी देशों को अडानी समूह के फर्म के लिए जारी किये सभी रोगेटरी लेटर्स को खारिज करने की अपील की गयी। 

हाल में सिंगापुर की निचली अदालत द्वारा अडानी समूह को इंडोनेशिया से किये जाने वाले अपने कोयला आयात से सम्बंधित कम से कम 24 जरूरी दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिए कहा गय। सिंगापुर उच्च न्यायलय  द्वारा की गयी यह सहायता भारत के राजस्व निदेशालय द्वारा  रोगेटरी लेटर्स  जरिये किये गए  निवेदन  की प्रतिउत्तर थी। जब अडानी समूह अपने खिलाफ दिए जरूरी दस्तावेजों की पेशी से समबन्धित इस आदेश के खिलाफ स्थगन हासिल करने हेतु सिंगापूर उच्च न्यायालय के पास पहुँची तो सिंगापुर न्यायालय ने इस निवेदन को  खारिज कर दिया और कम्पनी को निचली अदालत के आदेश को मानने को कहा गया। 

गौरतलब है कि  डीआरआई 2011 से 2015 के बीच इंडोनेशिया से कोयला आयात की कीमतों दिख रही अधिक मूल्य के लिए अदानी समूह की कंपनियों, अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) और दो एस्सार समूह फर्मों की कंपनियों सहित कम से कम 40 कंपनियों की जांच कर रहा है। डीआरआई दस्तावेज  के  तहत  जबकि इंडोनेशियाई कोयले को सीधे इंडोनेशियाई बंदरगाहों से भारत भेज दिया जाता था लेकिन मूल्य चालानों को कृत्रिम तौर पर  मूल्य बढ़ाने के लिए  एक या एक से अधिक मध्यस्थों के माध्यम से कर चोरी के लिए  स्वर्ग माने जाने  वाले  देशों में भेजा गया था, जिनका इस पूरी अवधि के दौरान कुल मूल्य  29000 करोड़ रुपये था।

इंडिया एक्सप्रेस के अनुसार, डीआरआई ने जांच के दौरान, 80 शिपिंग कंपनियों, प्रयोगशालाओं और मध्यस्थों का छानबीन किया, जो  महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और केरल में मौजूद हैं. इन छानबीनों का उद्देश्य यह था कि ताकि उन दस्तावेजों को  हासिल किया जा सके जिनसे आयातित वस्तुओं के वास्तविक और बढे हुए  मूल्यों के बीच मौजूद अंतर का पता लगाया जा  सके। 2016 में, तीन सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों ने कंपनी की विदेशी शाखाओं के साथ वित्तीय लेनदेन की जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया था, जो  इनके उपर लगाए गए आरोपों के समर्थन में डीआरआई के लिए पर्याप्त सबूत बन सकती हैं। 

2014 में DRI ने अदानी समूह पर विदेशी कंपनियों से आयातित पॉवर-प्लांट उपकरणों के चालान में कीमत बढ़ाकर लिखने और इससे 3,974 करोड़ रूपये हथियाने का आरोप लगायाI लेकिन अगस्त 2017 में कस्टम्स विभाग के निर्णायक प्राधिकरण CESTAT (कस्टम्स, एक्साइज़ एंड सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल) ने अदानी समूह को इस इस मामले से बरी कर दिया, जबकि DRI में इसे ‘कानून के तहत ही नहीं बल्कि तथ्यों के आधार पर भी गलत, अवैध और अनुचित” कहा थाI

फिलहाल, दिल्ली उच्च न्यायालय इससे जुड़ी दो याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है, एक गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की और दूसरी सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर कीI यह दोनों याचिकाएँ आयातित कोयले और बिजली उपकरणों की कीमतों के अधिक चालान से जुड़े सभी मामलों के जांच के लिए एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) की माँग कर रही है।

जैसा कि राजस्व निदेशालय के जाँच के साथ सहयोग करने में अदानी समूह की अनिच्छा स्पष्ट हो गई है, फिर भी बंबई उच्च न्यायालय में इसकी नवीनतम याचिका  धोखाधड़ी के मामलों में एक और अतिरिक्त याचिका होगी। इन तरीकों से इन मामलों को वर्षों तक खींचा जाता रहा है।

अदानी ग्रुप
अदानी
कोयला उद्योग
कोयला घोटाला

Related Stories

अदानी ग्रुप के अस्पताल में 111 नवजात शिशुओं की मौत

अदानी ग्रुप के अस्पताल में 111 नवजात शिशुओं की मौत, सरकार ने दिए जाँच के आदेश

कोयला उद्योग; कमर्शियल माइनिंग के खतरे

अदानी समूह का झारखंड पावर प्लांट बांग्लादेश को मदद नहीं पहुंचाएगा, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई कोयला परियोजना के दावे को मज़बूत करेगा, सिडनी एनजीओ का दावा

2जी और चारा घोटाला फैसले : एक विश्लेषण

आस्ट्रेलिया में अडानी की कोल खनन परियोजना के खिलाफ हजारों लोग सड़क पर उतरे

अडानी समूह की रिपोर्ट तैयार करने पर ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों को गुजरात पुलिस ने धमकाया !

झारखण्ड आदिवासी संघर्ष : आत्मसम्मान और ज़मीन की लड़ाई

झारखण्ड की भाजपा सरकार का एक और नया कारनामा

यह कौन सी देश भक्ति है जनाब ….


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License