NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
क़र्ज़ से परेशान एक और किसान ने फांसी लगाई
'किसान पर आर्यावर्त बैंक ओरन का एक लाख रुपये और गांव के साहूकारों का करीब सवा लाख रुपये क़र्ज़ था।'
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Aug 2019
farmer suicide
सांकेतिक तस्वीर। सौजन्य: दैनिक भास्कर

देश में क़र्ज़ से परेशान किसानों की आत्महत्या का सिलसिला रुक नहीं रहा है। अब उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड से एक और किसान की आत्महत्या की ख़बर है। घटना बांदा जिले के बिसंडा थाना क्षेत्र के सिंहपुर गांव की है। यहां एक किसान ने गुरुवार की रात खेत में पेड़ से लटक कर फांसी लगा ली।

पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि 'लघु सीमांत’ श्रेणी में आने वाले किसान रामभवन धोबी (60) ने गुरुवार की रात अपने खेत में लगे एक नीम के पेड़ में रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उसका शव फंदे से उतार कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज गया है।

मृत किसान के परिजनों के हवाले से पुलिस चौकी ओरन के प्रभारी उपनिरीक्षक संजय सिंह ने बताया 'किसान पर आर्यावर्त बैंक ओरन का एक लाख रुपये और गांव के साहूकारों का करीब सवा लाख रुपये क़र्ज़ था।'

उन्होंने कहा ‘‘मामले की जांच की जा रही है और घटना की जानकारी उप जिलाधिकारी अतर्रा को दे दी गयी है।”

आपको बता दें कि बुंदेलखंड के 13 ज़िले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आते हैं। यहां किसान लंबे समय से बदहाल हैं और अक्सर उनकी आत्महत्या की ख़बरें आती रहती हैं। अभी अप्रैल माह में मध्यप्रदेश स्थिति छिंदवाड़ा में एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी। मृतक के

के परिजनों के मुताबिक चार साल से खेत में फसल खराब हो रही थी। बिटिया की शादी के लिए 9000 रुपये का क़र्ज़ था तो 55 साल के अकडू उइके ने फांसी लगा ली।

इसे भी पढ़ें : किसान आत्महत्या: महाराष्ट्र सरकार के आंकड़े डराने वाले, वास्तविकता और भी भयावह 

किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना देने और जल्दी ही उनकी आय दोगुनी कर देने के दावों के बीच सरकार ने किसान आत्महत्या पर चुप्पी साध रखी है। गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2015 से किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों को अपडेट नहीं किया है। आख़िरी रिपोर्ट दिसंबर, 2016 में जारी की गई थी। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 2015 में 8,007 किसानों और 4,595 कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की। इसके मुताबिक 2014 के मुकाबले 2015 में किसानों और खेती से जुड़े मजदूरों की आत्महत्या में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

इसे भी पढ़ें : राजस्थान: क़र्ज़ के दबाव में एक और किसान ने की आत्महत्या

farmer suicide
farmer
farmer crises
UttarPradesh
Farmers Loans

Related Stories

कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?

ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों के सामने ही ख़ाक हो गई उनकी मेहनत, उनकी फसलें, प्रशासन से नहीं मिल पाई पर्याप्त मदद

यूपी चुनाव: पूर्वी क्षेत्र में विकल्पों की तलाश में दलित

किसानों और सरकारी बैंकों की लूट के लिए नया सौदा तैयार

एमएसपी कृषि में कॉर्पोरेट की घुसपैठ को रोकेगी और घरेलू खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी

ग्राउंड रिपोर्ट: पूर्वांचल में खाद के लिए हाहाकार, योगी सरकार ने किसानों को फिर सड़कों पर ला दिया

ग्राउंड रिपोर्ट: पूर्वांचल में 'धान का कटोरा' कहलाने वाले इलाके में MSP से नीचे अपनी उपज बेचने को मजबूर किसान

ग्राउंड रिपोर्ट: देश की सबसे बड़ी कोयला मंडी में छोटी होती जा रही मज़दूरों की ज़िंदगी


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License