NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या भाजपा हेडक्वार्टर की वजह से जलमग्न हो रहा है मिंटो रोड?
सुरक्षा कारणों से भाजपा पार्टी मुख्यालय के सामने से गुज़रने वाले ड्रेन को बंद करने से मिंटो रोड पर जलजमाव हो रहा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Jul 2018
Minto Road water logging
Image Courtesy: Indian Express

मंगलवार 17 जुलाई के दैनिक भास्कर के दिल्ली अंक में एक खुलासा हुआ। इस खुलासे में बताया गया कि दिल्ली के मिंटो रोड पर पानी जमा होने का क्या कारण है। दिल्ली में मानसून की दूसरी बारिश सोमवार को हुई इसके बाद कनॉट प्लेस और पुरानी दिल्ली को जोड़ने वाले मिंटो रोड पर दस फीट तक पानी भर गया। सड़क के जलमग्न होने की वजह से रेलवे अंडरपास के नीचे बस और कार पानी में डूब गईं।दिल्ली में बारिश की वजह से मिंटो रोड पर बीते चार दिनों में ऐसा दो बार हो चुका है।

जब पानी जमा होने के कारणों की पड़ताल की गयी तो पाया गया कि मिंटो रोड पर जलजमाव का असल कारण पिछले वर्ष दीनदयाल मार्ग पर बना भाजपा का मुख्यालय है। लोक निर्माण विभाग से इस मसले पर अखबार के संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया गया कि दिल्ली जल बोर्ड ने बारिश के पानी की निकासी के लिए अंग्रेज़ों के ज़माने के बड़े ड्रेन को भाजपा मुख्यालय बनने के बाद सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया है। अब इस जगह के पानी की निकासी के लिए इसे छोटे ड्रेन से जोड़ा गया है जो पानी के दबाव को झेल नहीं पा रहा। इसी वजह से तेज बारिश होते ही मिंटो रोड पर पानी भर जाता है। पानी भरने की शिकायत के सम्बन्ध में मिंटो रोड रेलवे कॉलोनी के आरडब्ल्यूए भी नया भाजपा मुख्यालय बनने के बाद पीएमओ को पत्र लिख चुका है।

मुख्यालय बनने के पहले पानी निकासी के लिए 2,400 एमएम चौड़े ड्रेन का इस्तेमाल होता था जो दीनदयाल मार्ग पर बने भाजपा मुख्यालय के सामने से गुज़रता था और यमुना तक जाता थाI पार्टी का मुख्यालय बनने के बाद इस ड्रेन को बंद कर दिया गया और पानी की निकासी का रास्ता मोड़कर काली मंदीर के पास वाली एक चौथाई छोटी ड्रेन (650 एमएम) की ओर कर दिया गया। एक चौथाई छोटा ड्रेन होने की वजह से यह बारिश के पानी के बहाव को नहीं झेल पा रहा जिस वजह से जलमग्न की समस्या हो रही है।

अखबार के अनुसार वहां मौजूद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि पानी निकासी के लिए 12 पम्प लगाए गए थे। 13 जुलाई की पहली जोरदार बारिश में 8 पम्प डूब गए थे। चार पुराने पम्प चालू हैं लेकिन सिर्फ दो ही चल पा रहे हैं क्योंकि छोटी ड्रेन से पानी नहीं निकल पा रहा है। जलजमाव की समस्या तभी सुधरेगी, जब मिंटो रोड से आईटीओ की तरफ जाने वाली सड़क के नीचे डली बड़ी ड्रेन में इसे जोड़ेंगे।

इसी बीच दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी दिल्ली में हो रहे जलजमाव की समस्या पर दिल्ली सरकार और निकाय इकाइयों से 10 दिन के अंदर समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं इसकी रिपोर्ट देने को कहा है। जलजमाव की समस्या पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यह आदेश सुनाया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से यह भी पूछा है कि उसने हर साल मॉनसून के समय पर हो रही इस समस्या के समाधान के लिए क्या किया है? अगर सरकार ने जल समस्या के सम्बंध में काम किया है तो वह धरातल पर क्यों नहीं दिख रही है? इस मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगीI

इस मामले पर पीडब्ल्यूडी इंजीनियर इन चीफ  आरके अग्रवाल ने अखबार को बताया कि डीडीयू मार्ग से निकल रही बड़ी ड्रेन को बड़ी बिल्डिंग की सुरक्षा के कारणों से बंद करवाया गया। जलबोर्ड को दूसरी व्यवस्था करनी है।

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया के अनुसार बारिश का पानी निकालने की ज़िम्मेदारी जलबोर्ड की नहीं है।

अख़बार को एमसीडी के कर्मचारी ने बताया दिल्ली जलबोर्ड के द्वारा बड़ी ड्रेन बंद करने की वजह से ही यह समस्या आ रही है। बड़ी ड्रेन जब तक बंद रहेगी तब तक जलजमाव की समस्या खत्म नहीं हो सकती।

Minto Road
BJP
BJP headquarter
water logging
जल जमाव
दिल्ली
भाजपा दफ़्तर
दिल्ली जल बोर्ड

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License