NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी विवाद का राजनीतिकरण किया जा रहा है ?
इस विवाद में मुख्य सवाल 2 मुख्य दावों पर आधारित है पानी के ऐतिहासिक इस्तेमाल पर और बराबरी से इस्तेमाल पर I
न्यूज़क्लिक प्रोडक्शन
16 May 2018
महानदी

छत्तीसगढ़ और केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ महानदी के जल विवाद के मुद्दे को लेकर ओड़िसा की बीजू जनता पार्टी ने ‘जनसचेतना यात्रा’ शुरू करने का ऐलान किया है I ये यात्रा 16 मई से उन 15 ज़िलों से जाएगी जहाँ से होकर महानदी गुज़रती है I

इस अंतर्राष्ट्रीय विवाद की जटिलता को पीछे रखते हुए राजनीतिक दल राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने के प्रयास में है I जहाँ छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में चुनाव होंगे वहीँ दूसरी तरफ ओड़िसा में नवम्बर में निकाय चुनाव होंगे और मई 2019 में विधान सभा चुनाव होंगे I

पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ सरकार ने महानदी पर कई बाँध बना दिए, जिससे उस पानी को औद्योगिक प्रयोजन के लिए इस्तेमाल किया जा सके I अब तक आयी रिपोर्टों के अनुसार नदी पर बनाये गए 6 बाँध जिसमें कमला, सरदिही ,मिरोनी ,बसंतपुर, सेओरिनारायन और समोड़ा शामिल हैं, में 27.48 मिलियन एकड़ फुट पानी को इकठ्ठा क्या जा सकता है I इनके अलावा 7 और बाँध बनाए जा रहे हैं I

इसके खिलाफ 2016 में ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि इन बाँधों से हीराकुद बाँध में आने वाले पानी का बहाव रुकता है, जिससे राज्य की खेती ख़राब होती है I उन्होंने इस कार्य को रोकने की माँग की I जब केंद्र सरकार ने इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकाला तो ओडिशा सरकार केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गयी I इसके बाद निचली अदालत ने अपने आदेश में केंद्र सरकार को महानदी ट्रिब्यूनल बनाने के को कहा I इसके बाद जल मंत्रालय ने इस साल मार्च में ट्रिब्यूनल बनाया I

महानदी घाटी छत्तीसगढ़ , ओड़िसा और झारखण्ड , महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 1,41,589 किलोमीटर के इलाके में फैली है I न्यूज़क्लिक से बात करते हुए UNESCO के International Water Cooperation के अध्यक्ष और उस्मानिया विश्विद्यालय में Research School of International Water Cooperation के डायरेक्टर अशोक स्वेन ने कहा कि इस जल विवाद को दोनों राज्यों के नेताओं द्वारा दूर दृष्टि रखते हुए सुलझाना चाहिए और इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिये I

.इस विवाद में मुख्य सवाल 2 मुख्य दावों पर आधारित है पानी के ऐतिहासिक इस्तेमाल पर और बराबरी से इस्तेमाल पर स्वेन ने कहा “ओड़िशा छत्तीसगढ़ के द्वारा नदी पर बाँध बनाये जाने के खिलाफ इसीलिए है, क्योंकि ऐतिहासिक तौर पर वे पानी को इस्तेमाल करते रहे हैं, जबकी छत्तीसगढ़ का ये दावा है कि बाँध बनाने से नदी का पानी बराबरी से बटेगा, जो अब तक नहीं होता था I” उन्होंने कहा कि पानी की माँग बढ़ जाने की वजह से और कम होती आपूर्ति की वजह से ऊपरी राज्य नदी पर बाँध बनाये जा रहे हैं, जो कि दुनिया भर  में एक चलन है I

स्वेन ने कहा “क्योंकि इस विवाद को सुलझाने के लिए कोई कानूनी समझौते नहीं है और ट्रिब्यूनल को भी ये मामला सुलझाने में कई साल लग जायेंगे I” Inter-State River Water Disputes Act, 1956 के अनुसार ट्रिब्यूनल को अपनी रिपोर्ट 3 साल के भीतर देनी होती है , ये समय सीमा 2 साल तक और बढाई जा सकती है I

भारत में जहाँ राज्यों के बीच जल विवाद को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है , वहीँ दूसरी तरफ गरीब किसानों और नदी के संरक्षण के मुद्दे पीछे छूटते जा रहे हैं I

छत्तीसगढ़
ओडिशा
महानदी

Related Stories

छत्तीसगढ़ के एचएनएलयू के वीसी के खिलाफ छात्र विरोध में क्यों हैं

सुकुमा “मुठभेड़ कांड”: ये किसका लहू है, कौन मरा?

छत्तीसगढ़ में नर्सों की हड़ताल को जबरन ख़तम कराया गया

सरकार के खिलाफ कार्टून शेयर करने पर बस्तर के पत्रकार पर राजद्रोह का मुक़दमा

दमन सरकार का एक और कारनामा : हिंडाल्को ने चलाए आदिवासियों के घर पर बुलडोजर

पुलिस की बर्बरता: कहानी इतनी आसान नहीं

सलवा जुडूम-2: लूट और कत्लेआम की तैयारी?


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License